स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं ? स्वास्थ्य की परिभाषा दीजिए तथा अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तम स्वास्थ्य अपने आप में एक लक्ष्य है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति पाने का हरसम्भव प्रयास करता है। सदैव स्वस्थ तथा निरोग रहने की प्रवृत्ति ही मनुष्य को सुखी तथा प्रभावकारी जीवन व्यतीत करने में सहायक होती है। साथ-साथ मनुष्य उत्तम स्वास्थ्य को पाकर ही परिवार, समाज तथा राष्ट्र के कल्याण, आर्थिक उन्नति एवं उत्थान में अपना नैतिक योगदान दे सकता है। मनुष्य में पूर्ण रूप से स्वस्थ रहने की लालसा होना नितान्त स्वाभाविक एवं सार्वभौमिक है।
वर्तमान समय में सामान्यतया स्वास्थ्य सिर्फ चर्चा का विषय ही बनकर रह गया है तथा उस पर गम्भीरता से क्रियात्मक कदम नहीं लिए जा रहे हैं। व्यक्तिगत स्तर पर, मनुष्य स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं देता, जब तक कि वह अस्वस्थ नहीं हो जाये। उसके लिए स्वास्थ्य से पहले सम्पत्ति, इज्जत, ज्ञान, शक्ति, सुरक्षा आदि पहलुओं का स्थान है। पिछले कुछ दशकों से निरन्तर चले आ रहे इस रुख को दृष्टिगत रखते हुए स्वास्थ्य को भी मौलिक अधिकार माना गया। सन् 1977 में तीसवीं विश्व स्वास्थ्य सभा में विश्व स्तर पर स्वास्थ्य प्राप्ति के लिए “सन् 2000 तक सभी के लिए स्वास्थ्य का नारा दिया गया।
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स्वास्थ्य की परिभाषा (Definition of Health)
स्वास्थ्य का शाब्दिक अर्थ है- “शरीर एवं मस्तिष्क का ऐसी अवस्था में होना जिससे वह सभी कार्य सुचारु रूप से कर सके।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) द्वारा दी गई परिभाषा के अनुसार शरीर को मात्र रोगों से बचाकर रखना अथवा अशक्त न होना ही स्वास्थ्य नहीं है, अपितु स्वास्थ्य से अभिप्राय सम्पूर्ण भौतिक, मानसिक एवं सामाजिक अवस्था में स्वस्थ रहने से है। “
स्वास्थ्य का अर्थ (Meaning of Health)
स्वास्थ्य एक ऐसा पहलू है, जिसे प्रायः सभी लोग परिभाषित करने में कठिनाई अनुभव करते हैं। आमतौर पर एक साधारण व्यक्ति शरीर का निरोगी होना ही ‘स्वास्थ्य’ समझता है, जबकि शरीर का निरोगी होना ‘स्वास्थ्य का एक पहलू मात्र है, जो स्वास्थ्य को परिभाषित करने हेतु व्यापकता का बोध नहीं कराता। इसलिए समय के साथ-साथ स्वास्थ्य की विभिन्न परिभाषाएँ भी कई रूप में प्रस्तुत की गई: जैसे –
1. वेक्टर के अनुसार- “स्वास्थ्य शरीर, मन या आत्मा में स्वस्थता तथा निरोगता की अवस्था है, मुख्यतः यह शारीरिक रोग अथवा दर्द का अभाव है।”
2. जे० एस० विलियम्स के अनुसार-“स्वास्थ्य जीवन का वह गुण है, जो व्यक्ति को अधिक समय तक जीवित रहने तथा सर्वोत्तम प्रकार से सेवा के योग्य बनाता है। “
3. प्रॉक्लीन पी० एडम्ज के अनुसार-“स्वास्थ्य वह वस्तु है, जिससे मनुष्य संसार के सुख भोगते हुए सदैव आनन्दित रहता है। “
अतः यह कहा जा सकता है कि स्वास्थ्य वह दशा है, जिसमें व्यक्ति मानसिक, शारीरिक तथा वातावरण सम्बन्धी प्राकृतिक नियमों के आधार पर अपना जीवन निर्वाह करता है। ये प्राकृतिक नियम स्वच्छ तथा ताजी वायु, सूर्य का प्रकाश, स्वच्छ जल, नियमित व्यायाम, सन्तुलित भोजन, शान्त एवं तनावरहित वातावरण, नियमित सम्पूर्ण निद्रा तथा शारीरिक स्वच्छता से सम्बन्ध रखते हैं।
स्वास्थ्य के कुछ नये आयाम (Some New Philosophies or Health)
पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जन-मानस में व्यापक जागरूकता आ गई है। अब स्वास्थ्य में परिभाषाओं के अतिरिक्त कई नये आयाम जोड़े जा रहे हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं
- स्वास्थ्य उत्पादन क्षमता का प्रतिबिम्ब है, न कि चिकित्सा पर किया गया व्यय ।
- स्वास्थ्य की रक्षा व्यक्तिगत, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।
- स्वास्थ्य मनुष्य का मौलिक अधिकार है।
- स्वास्थ्य रक्षा एक मुख्य सामाजिक कर्तव्य है।
- स्वास्थ्य विकास का एक अभिन्न अंग है ।
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