प्रकृतिवादी और आदर्शवादी शिक्षा में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
प्रकृतिवादी और आदर्शवादी शिक्षा में अन्तर निम्नवत् हैं-
(1) प्रकृतिवादी शिक्षा का आधार मनोविज्ञान को मानते हैं जबकि आदर्शवादी शिक्षा का आधार अध्यात्मवाद और नीतिशास्त्र को मानते हैं।
(2) प्रकृतिवादी मूल प्रवृत्तियों, संवेगों और व्यवहार पर बल देते हैं जबकि आदर्शवादी चिन्तन तर्क, निर्णय, स्मृति पर बल देता है।
(3) आदर्शवाद सांसारिक विकास को विशिष्ट उद्देश्य या प्रयोजन मानता है। यह विकास शाश्वत आदर्शों की ओर रहा है जबकि प्रकृतिवाद सांसारिक विकास को एक प्रक्रिया मात्र मानता है। यह विश्वास यन्त्रवत है और इसका कोई उद्देश्य नहीं है।
(4) आदर्शवाद के अनुसार परमात्मा सत्यं, शिव, सुन्दरम् के गुणों से युक्त हैं जबकि प्रकृतिवादी परमात्मा के अस्तित्व को ही स्वीकार नहीं करते।
(5) आदर्शवादी मनुष्य के आध्यात्मिक तथा नैतिक पहलू पर जोर देता है। मनुष्य पृथ्वी में सबसे श्रेष्ठ आदर्शात्मक तथा बुद्धिमान है जबकि प्रकृतिवाद के अनुसार मनुष्य पृथ्वी का सबसे उच्चतम पशु है। यह इसका स्पष्टीकरण परिणामस्वरूप दृष्टि से करता है।
(6) आदर्शवाद मनुष्य की नैसर्गिक प्रवृत्तियों को विशेष महत्व न देकर उनके शोधन तथा दमन के लिए कहते हैं। प्रकृतिवादी मनुष्य की नैसर्गिक प्रवृत्तियों को ही सर्वश्रेष्ठ तथा नैसर्गिक मानते हैं।
(7) आदर्शवादियों का दृष्टिकोण नैतिक तथा आध्यात्मिक है। प्रकृतिवादियों का दृष्टिकोण यान्त्रिक व भौतिक है।
(8) आदर्शवादी शाश्वत मूल्यों, धर्म, आदर्श इत्यादि को सामने रखकर पाठ्यक्रम का निर्माण करते हैं जबकि प्रकृतिवादी पाठ्यक्रम के निर्माण में बालक की नैसर्गिक प्रवृत्तियों, रूचियों, व्यक्तिगत विभिन्नताओं इत्यादि को बहुत महत्व देते हैं।
(9) आदर्शवादी धर्म, नैतिकता, साहित्य इत्यादि को महत्व देते हैं जबकि प्रकृतिवादी जीवन रक्षा सम्बन्धी विषयों जैसे शरीर, विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, गणित, भूगोल इत्यादि को अधिक महत्व देते हैं।
(10) आदर्शवादी सहशिक्षा के दुष्परिणामों की आशा रखते हैं। प्रकृतिवादी सह शिक्षा का समर्थन करते हैं।
(11) आदर्शवादी प्रभावात्मक अनुशासन को सर्वश्रेष्ठ समझते हैं जबकि प्रकृतिवादी मुक्तयात्मक अनुशासन को सर्वश्रेष्ठ समझते हैं।
(12) आदर्शवादी सत्य की खोज के लिए निगमन तथा वाद-विवाद की पद्धति को सर्वोत्तम मानते हैं जबकि प्रकृतिवादी आगमन तथा जीव वैज्ञानिक पद्धति को सर्वोत्तम मानते हैं।
(13) आदर्शवाद के अनुसार शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य आत्मानुभूति, धर्म, नैतिकता, शाश्वत मूल्यों की प्राप्ति तथा पूर्णादर्श को प्राप्त करना है जबकि प्रकृतिवाद के अनुसार शिक्षा का उद्देश्य आत्मप्रकाशन, नैसर्गिक प्रवृत्तियों को शोध एवं मार्गान्तरीकरण करना, जीवन संघर्ष के योग्य बनाना, जातीय प्राप्तियों का संरक्षण आदि है।
(14) आदर्शवादी प्रश्नोत्तर, वाद-विवाद तथा व्याख्यान विधि पर विशेष जोर देते हैं जो शिक्षक तथा शिक्षार्थी दोनों के सहयोग पर निर्भर है, जबकि प्रकृतिवादी करके सीखने, स्वानुभाव द्वारा सीखने, प्रत्यक्ष अनुभव द्वारा सीखने, खेल द्वारा सीखने इत्यादि सिद्धान्तों पर अपनी शिक्षण विधियों का निर्माण करते हैं।
(15) आदर्शवादी शिक्षा पद्धति के बजाय शिक्षा के उद्देश्य के सम्बन्ध में अधिक विचार करते हैं जबकि प्रकृतिवादी शिक्षण पद्धतियों के निर्माण को महत्वपूर्ण स्थान देते हैं।
(16) आदर्शवादी बालक की शिक्षा में शिक्षक को वही स्थान देते हैं जो एक सुकोमल पौधे को विकसित करने के लिए माली का स्थान है। प्रकृतिवादी शिक्षा में शिक्षक का स्थान सहायक मित्र तथा निरीक्षक के रूप में देते हैं। इस प्रकार शिक्षक का स्थान गौण होता है।
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