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मंत्रिमण्डल के अधिकार एवं कार्य | Powers and functions of the cabinet in Hindi

मंत्रिमण्डल के अधिकार एवं कार्य | Powers and functions of the cabinet in Hindi
मंत्रिमण्डल के अधिकार एवं कार्य | Powers and functions of the cabinet in Hindi

मंत्रिमण्डल के अधिकार एवं कार्यों पर टिप्पणी कीजिए।

मंत्रिमण्डल के अधिकार और कार्य 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 के अनुसार, “मंत्रिमण्डल राष्ट्रपति को उसके कार्यों के सम्पादन में सहायता और परामर्श देगा।” किन्तु यह परम्परागत शब्दावली है और जहां तक व्यवहार का सम्बन्ध है, मंत्रिमण्डल भारतीय शासन व्यवस्था की सर्वोच्च इकाई है और उसके द्वारा समस्त शासन व्यवस्था का संचालन किया जाता है। वास्तव में, राष्ट्रपति की समस्त शक्तियों का उपयोग, मंत्रिमण्डल द्वारा ही किया जाता है और इसे ‘भारतीय शासन व्यवस्था का हृदय’ कहा जा सकता है।

मंत्रिमण्डल की कुछ महत्वपूर्ण शक्तियां और कार्य निम्न प्रकार हैं :

1. राष्ट्रीय नीति निर्धारित करना- मंत्रिमण्डल का सबसे अधिक महत्वपूर्ण कार्य राष्ट्रीय नीति निर्धारित करना है। मंत्रिमण्डल यह निश्चित करता है कि आन्तरिक क्षेत्र में प्रशासन के विभिन्न विभागों द्वारा और वैदेशिक क्षेत्र में दूसरे देशों के साथ सम्बन्ध के विषय में किस प्रकार की नीति अपनायी जायगी। मंत्रिमण्डल द्वारा अपनायी गयी नीति के आधार पर ही समस्त प्रशासनिक व्यवस्था चलती है।

2. कानून निर्माण – संसदात्मक व्यवस्था होने के कारण मंत्रिमण्डल का कार्यक्षेत्र नीति निर्धारण तक ही सीमित नहीं है वरन् इसके द्वारा कानून निर्माण के कार्य का भी नेतृत्व किया जाता है। मंत्रिमण्डल द्वारा नीति निर्धारित कर दिये जाने के बाद उसके द्वारा ही विधि निर्माण का कार्यक्रम निश्चित किया जाता है और मंत्रिमण्डल के सदस्य ही महत्वपूर्ण विधेयक सदन में प्रस्तावित करते हैं। वर्तमान समय में मंत्रिमण्डल कानून निर्माण कार्य में इतने अधिक प्रमुख रूप में भाग लेता है कि इसे देखते हुए यदि यह कहा जाय कि संसद की सलाह से मंत्रिमण्डल ही कानून निर्माण करता हैं, तो अनुचित न होगा। अध्यादेश जारी करने व प्रदत्त व्यवस्थापन के कारण तो मंत्रिमण्डल की कानून निर्माण की शक्ति बहुत अधिक बढ़ जाती है।

3. राष्ट्रीय कार्यपालिका पर नियन्त्रण- सैद्धांतिक दृष्टि से संघ सरकार की समस्त कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति के हाथों में है, लेकिन व्यवहार में इस प्रकार की समस्त कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग मंत्रिमण्डल के द्वारा ही किया जाता है। मंत्रिमण्डल में विभिन्न विभागों के अध्यक्ष होते हैं। वे अपने विभागों का संचालन करते और उनके कार्यों की देखभाल करते हैं। मंत्रिमण्डल ही आन्तरिक प्रशासन का संचालन करता है और देश की समस्त प्रशासनिक व्यवस्था पर नियन्त्रण रखता है।

4. समन्वयकारी कार्य- प्रशासनिक सुविधा के लिए सरकार को विभिन्न विभागों विभागों में विभाजित कर दिया जाता है, लेकिन इन विभागों में विभाजित होने पर भी सरकार में एक प्रकार की आंगिक एकता पायी जाती है और सुशासन के लिए प्रशासन के विभिन्न विभागों में समन्वय नितान्त आवश्यक होता है। विभिन्न विभागों में इस प्रकार का समन्वय स्थापित करते का कार्य मंत्रिमण्डल के द्वारा ही किया जाता है। मंत्रिमण्डल विभिन्न विभागों को अधिकाधिक पारस्परिक सहयोग के लिए प्रेरित करता है। इसी उद्देश्य से मंत्रिमण्डलीय समितियों की स्थापना की जाती है।

5. वित्तीय कार्य- देश की आर्थिक नीति निर्धारित करने का उत्तरदायित्व भी मंत्रिपरिषद् का होता है। इस हेतु उसके द्वारा प्रत्येक वर्ष संसद के सम्मुख देश के सम्भावित आय-व्यय का ब्यौरा (बजट) प्रस्तुत किया जाता है। बजट मंत्रिमण्डल द्वारा निर्धारित नीति के आधार पर ही वित्तमंत्री तैयार करता है और वही उसे लोकसभा में प्रस्तुत करता है। अन्य समस्त वित्त विधेयकों को भी मंत्रिमण्डल ही लोकसभा में प्रस्तुत करता है।

6. वैदेशिक सम्बन्धों का संचालन- भारत के वैदेशिक सम्बन्धों का संचालन मंत्रिमण के द्वारा ही किया जाता है। इसके द्वारा युद्ध तथा शांति सम्बन्धी घोषणाएं की जाती हैं और इस बात का निर्णय किया जाता है के दूसरे देशों के साथ किस प्रकार के संधि सम्बन्ध स्थापित किये जायें। मंत्रिमण्डल समय-समय पर अन्तर्राष्ट्रीय स्थिति पर विचार कर आवश्यक निर्णय लेता है।

7. नियुक्ति सम्बन्धी कार्य- संविधान के द्वारा राष्ट्रपति को जिन पदाधिकारियों को नियुक्त करने की शक्ति प्रदान की गयी है, व्यवहार में इन पदाधिकारियों की नियुक्ति मंत्रिमण्डल के द्वारा ही की जाती है। मंत्रिमण्डल के परामर्श से ही संसद के दोनों सदनों के मनोनीत सदस्य नियुक्त किये जाते हैं। राज्यों के राज्यपाल, उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश, महाधिवक्ता, महालेखा परीक्षक और सेना के सेनापतियों की नियुक्ति मंत्रिमण्डल के परामर्श से ही की जाती है।

8. अन्य कार्य- उपर्युक्त के अतिरिक्त मंत्रिमण्डल के द्वारा कुछ अन्य कार्य भी किये जाते हैं; जैसे (1) अपराधियों को क्षमा प्रदान करने के सम्बन्ध में राष्ट्रपति को सिफारिश करना। (2) भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री आदि उपाधियां प्रदान करने के सम्बन्ध में राष्ट्रपति को सिफारिश करना।

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Anjali Yadav

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