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मुल्कराज आनंद का जीवन परिचय (Biography Of Mulk Raj Anand In Hindi)
मुल्कराज आनंद का जीवन परिचय | Biography Of Mulk Raj Anand In Hindi- मुल्कराज आनंद भारतीय उपन्यासकार थे एवं लघुकथा लेखन में भी दक्ष थे। ये उन प्राथमिक लेखकों में शामिल होते थे, जिनके द्वारा पंजाबी और हिंदुस्तानी मुहावरों को अंग्रेजी भाषा में समाविष्ट करने का कार्य बेहद सहजता के साथ किया। मुल्कराज आनंद की कहानियां हमारे देश की वास्तविक और करुणाजन्य स्थितियों को उसकी गरीबी के परिप्रेक्ष्य में रेखांकित करने का कार्य करती हैं।
मुल्कराज आनंद का जीवन परिचय संक्षेप में short note on mulk raj anand
पूरा नाम | – मुल्कराज आनंद (Mulk raj anand) |
जन्म तिथि व स्थान | – 12 दिसंबर 1905 पेशावर, वर्तमान पाकिस्तान |
मुल्क राज आनद के पिता | – लालचंद |
मुल्क राज आनद के माता | – ईश्वर कौर |
पत्नी का नाम | – शिरिन वाजिफादर |
प्रसिद्ध रचना | – कुली, अछूत (अनटचेबल), द कुली आदि। |
मुल्कराज आनंद का जन्म 12 दिसंबर, 1905 को पेशावर में हुआ, जो आज पाकिस्तान का एक शहर है। इन्होंने खालसा महाविद्यालय, अमृतसर पंजाब से 1924 में स्नातक (आनर्स) की उपाधि प्राप्त की। इसके पश्चात् आगे की पढ़ाई के लिए मुल्कराज इंग्लैंड गए और वहां लंदन तथा कैंब्रिज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। 1929 में इन्होंने पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। मुल्कराज आनंद ने ‘लीग ऑफ नेशंस स्कूल ऑफ इंटेलेक्चुअल को-ऑपरेशन जिनेवा में भी शिक्षा प्राप्त की और बाद में इनके द्वारा यहां आख्यान भी दिए गए। 1932 और 1945 के मध्य इन्होंने विराम लेते हुए (सतत् नहीं) वर्क्स एजुकेशनल एसोसिएशन लंदन में व्याख्यान भी दिए गए।
मुल्कराज आनंद के साहित्यिक जीवन का आरंभ परिवार में घटी एक त्रासदी से हुआ, जो जाति प्रथा की भयानकता से उपजी थी। आनंद का प्रथम गद्य निबंध उनकी एक नजदीकी महिला रिश्तेदार द्वारा की गई आत्महत्या से सृजित हुआ था, जिसे परिवार ने मुस्लिम व्यक्ति के साथ भोजन करने पर जाति से बहिष्कृत कर दिया था । मुल्कराज आनंद का प्रथम उपन्यास ‘अनटचेबल’ (1935) भारत के अस्पृश्य लोगों की दैन्य जिंदगी का कतई बेबाकी से किया गया नग्न चित्रण ही था। पुस्तक को अपार सराहना मिली और मुल्कराज आनंद चालीस के दशक में भारत के चार्ल्स डिकेंस के रूप में स्थापित हो गए। इनका दूसरा उपन्यास ‘कुली’ भारत की गरीबी को पंद्रह वर्षीय किशोर की जिंदगी के माध्यम से चित्रित करता था, जो दासता की जंजीरों में जकड़ा बेगारी का शिकार व्यक्ति था और अंततः क्षय रोग के कारण मर जाता है।
1930 से 1940 का समय मुल्कराज आनंद ने लंदन और भारत में रहते हुए व्यतीत किया था। इन्होंने स्वाधीनता संग्राम में भी भाग लिया और स्पेन की जनक्रांति में भी रिपब्लिकंस की ओर से भाग लिया। इस जनक्रांति के पश्चात् आनंद सदैव के लिए भारत लौट आए और मुंबई में रहने लगे।
1946 में इन्होंने ‘मार्ग’ शीर्षक एक पत्रिका का प्रकाशन आरंभ किया । ये कुतुब प्रकाशन के निदेशक भी रहे। 1948 से 1966 तक आनंद के द्वारा गया। भारतीय विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य भी किया गया। ये ललित कला अकादमी के 1965 से 1970 तक चेयरमैन भी रहे। 1970 में ये लोकायत ट्रस्ट के अध्यक्ष भी बने, जो सामुदायिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में हौज खास, नई दिल्ली में चलाया जाता था।
28 दिसंबर, 2004 को यह महान लेखक हमसे बिछुड़ गया, किंतु इनका कालजयी लेखन हमें उनकी स्मृति कराता रहेगा।
मुल्कराज आनद के प्रमुख उपन्यास
उनके द्वारा रचित प्रसिद्ध उपन्यासों के नाम हैं।
- द लॉस्ट चाइल्ड The Lost Child (1934)
- अनटचेबल (अछूत 1935),
- द विलेज (The Village )-1939,
- द कुली,(1936)
- टू लीव्स एंड अ बड,( Two Leaves and a Bud)-(1937)
- अक्रॉस द ब्लैक वॉटर्स (1940)
- द सोर्ड एंड द स्किल The Sword and the Sickle (1942)
- द विग हार्ट The Big Heart (1945)
- द प्राइवेट लाइफ ऑफ ऐन इंडियन प्रिंस (1953)
- द रोड The Road (1961)
- द डेथ ऑफ ए हीरो The Death of a Hero (1964)
- द मॉर्निंग फेस’ (1968)
- द ओल्ड ओमन एण्ड द काउ the old woman and the Cow (1960)
मुल्क राज आनंद की कहानियाँ – Mulk Raj Anand Short Stories list
- द लॉस्ट चाइल्ड एंड अदर स्टोरीज़,
- द बार्बर ट्रेड यूनियन एंड अदर स्टोरीज,
- भारतीय परियों की कहानियां,
- ट्रैक्टर और मकई देवी और अन्य कहानियां,
- रिफ्लेक्शंस ऑन द गोल्डन बेड एंड अदर स्टोरीज,
- द पावर ऑफ डार्कनेस एंड अदर स्टोरीज,
- मोर इंडियन फेयरी टेल्स,
- लाजवंती और अन्य कहानियां,
- आँसू और हँसी के बीच,
मुल्क राज आनद का पहला उपन्यास – Mulk Raj Anand first novel
मुल्कराज जी का उपन्यास “अनटचेबल” (अछूत) जो सन 1935 ईस्वी में प्रकाशित हुआ था। यह उनका पहला उपन्यास माना जाता है, जिसमें उन्होंने देश में फैली छुआछूत समस्या खुलकर वर्णन है।
साथ ही उन्होंने समाज में फैले वाल मजदूरी पर भी खुलकर लिखा। मुल्कराज आनद ने अपने दूसरे उपन्यास “कुली” में बाल श्रमिक का बड़ा ही मार्मिक चित्रण किया है।
FAQ
मुल्क राज आनंद को साहित्य अकादमी अवार्ड कब मिला था?
मुल्क राज आनंद को साहित्य अकादमी अवार्ड 1971 में मिला था?
मुल्क राज आनंद का जन्म कब हुआ था?
मुल्क राज आनंद का जन्म 12 दिसंबर 1905 पेशावर, वर्तमान पाकिस्तान में हुआ था।
मुल्क राज आनंद के पिता क्या करते थे?
मुल्कराज आनद के पिता का नाम लाल चंद्र था, वे सेना में नौकरी करते थे।
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