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Vrutant lekhan in hindi | वृत्तांत लेखन हिंदी

Vrutant lekhan in hindi
Vrutant lekhan in hindi

Vrutant lekhan in hindi | वृत्तांत लेखन हिंदी

वृत्तांत लेखन को समाचार लेखन या रिपोर्ताज भी कहा जाता है। आज का युग जन संपर्क माध्यमों की अत्यधिक गतिशीलता का युग है। इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों की संख्या और उपयोगिता निरंतर बढ़ती जा रही है, फिर भी मुद्रित माध्यमों का महत्व कम नहीं हुआ है। वृत्तांत लेखन या समाचार लेखन अपने आप में एक कला है इसमें अनेक बातों को ध्यान में रखना पड़ता है। विभिन्न विषयों, सूचनाओं, गतिविधियों को कम से कम शब्दों में प्रभावशाली रूप से पाठकों तक पहुंचाना वृत्तांत लेखन का मूल उद्देश्य है

वृत्तांत या समाचार प्रस्तुति आज समाज के सभी वर्गों के लिए आवश्यक बन गई है। वृत्तात या समाचार को लोगों तक पहुंचाने के लिए भाषा का व्यावहारिक और सर्वजन सुलभ रूप आवश्यक होता है। वृत्तांत लेखन के अनेक गुण होते हैं। इन समारोहों के वृत्तात समाचार पत्रों में आते हैं। इसी तरह समाज में विविध सामाजिक समारोह आयोजित किए जाते रहते हैं बाद, अकाल जैसी प्राकृतिक आपदाओं के वृतांत समाचार पत्रों में आते हैं। विविध दुर्घटनाएँ दररोज होती रहती है। समाचार पत्रों में इनके वृत्तांत आते हैं। वृत्तांत लेखन का स्वरूप, गुण, विशेषताएँ आदि पर आगे चर्चा की जा रही है।

विषय विवेचन

वृत्तांत लेखन का स्वरूप, गुण और वृत्तांत लेखन विविध वृत्तान्त लेखन को विद्वानों ने अपनी- अपनी दृष्टि से परिभाषित करने का प्रयास किया है-

(1) लेदर वुड – “किसी घटना, स्थिति, अवस्था अथवा मत का नहीं सही और समय पर प्रस्तुत किया हुआ विवरण समाचार है”

(2) डॉ. एस. लाइल स्पेंसर- यह सत्य घटना या विचार, जिसमें बहुसंख्य पाठकों की अभिरूचि हो, समाचार कहलाता है।

(3) रामचंद्रराव खंडेलकर- “दिन में कहीं भी, किसी समय कोई छोटी-छोटी घटना या परिवर्तन हो, उसका शब्दों में जो वर्णन होगा वह समाचार होगा।”

(4) आम्बिका प्रसाद वाजपेयी –

“हर घटना समाचार नहीं। केवल वही घटना समाचार बन सकती है, जिसका सार्वजनिक महत्त्व हो।”

और भी परिभाषाएँ दी जा सकती हैं, फिर भी कोई भी परिभाषा ‘समाचार’ को पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं बर पाती।

समाचार शब्द अग्रेजी शब्द NEWS का पर्याय है। ‘न्यू’ से तात्पर्य है ‘नया’, अतः न्यूज का अर्थ हुआ ‘नवीनताओं का समूह। NEWS शब्द के चार अक्षर चार दिशाओं के सूचक है – North (उत्तर), East (पूर्व), West (पश्चिम) South (दक्षिण) इससे आशय निकलता है कि उत्तर पूर्व, पश्चिम, दक्षिण सभी दिशाओं की दुनियाभर की नवीन रोचक, जानने योग्य बाते वृत्तांत या समाचार है

प्रसिद्ध पाश्चात्य पत्रकार किलिंग ने वृत्तांत या समाचार के छः तत्त्व माने हैं। उन्होंने अंग्रेजी में उसे पाँच डब्लू (W) और एक एव (H) कहा है।

1. क्या (What ) क्या हुआ?

2. कहाँ (Where) किस स्थान, देश प्रदेश या गाँव की घटना है?

3. कब (When) – समाचार किस समय और दिन का है ?

4. कौन (Who) घटना से संबंध रखनेवाला विषय, व्यक्ति कौन है?

5. क्यों (Why) समाचार का कारण तथा स्थिति क्या है ? –

6. कैसे (How) पूरा विवरण?

वृत्तांत लेखन के कुछ गुण बताए गए हैं। अमरिकी पत्रकारिता के प्रर्वतक श्री जोसेफ पुलित्जर ने समाचार लेखन के सिद्धांत बताए हैं यथार्थता, संक्षिप्तता और रोचकता। इनमें और एक गुण जोड़ना उचित होगा, वह है ‘लोकहित की रक्षा’ या ‘लोक कल्याण’ इस तरह वृत्तांत लेखन के चार गुण महत्त्वपूर्ण होते हैं-

(1) यथार्थता वास्तविकता का ज्यों का त्यों विवरण देना चाहिए।

(2) संक्षिप्तता तथ्यों और घटनाओं को कम से कम शब्दों में लिखना चाहिए।

(3) रोचकता समाचार शुष्क, निरस, इतिवृत्तात्मक और भावहीन नहीं होना चाहिए समाचार में रोचकता होनी चाहिए शैली भी एक अंग है।

(4) लोकहित की रक्षा समाचार पत्र के समाचारों का लोक विश्वास करते हैं। अतः समाचार लेखन में लोकहित का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

वृत्तांत या समाचार- लेखन विधि:

वृतांत लेखन एक कला भी है और विज्ञान भी समाचार की प्रस्तुति में रोचकता और लोकहित की रक्षा कला के अंग है, तो उन्हें प्रस्तुत करने की एक सुनिश्चित विधि है। अतः वह विज्ञान भी है। समाचार लेखन के चार अंग है-

(1) शीर्षक

(2) आमुख

(3) विवरण

(4) निष्कर्ष

(1) शीर्षक- ‘शीर्षक लेखन’ से समाचार लेखन की प्रक्रिया शुरू होती है पाठक पहले शीर्षक पढ़ता है और तब करता है कि आगे का समाचार पढ़ा जाए या छोड़ दिया जाए। अतः शीर्षक समाचार का मर्म स्थान है शीर्षक आकर्षक और सुस्पष्ट हो तथा पाठकों में उत्सुकता पैदा करने वाला होना चाहिए। वह संक्षिप्त, सारगर्भित और विषय सम्मत होता है

(2) आमुख- उपलब्ध जानकारी को सुव्यास्थित रूप में प्रस्तुत कर देना ही कुशल समाचार लेखक का काम है। आमुख का अर्थ है, विषय-प्रवेश समाचार के प्रारंभ में कुछ पंक्तियाँ ऐसी होती है कि उससे न केवल विषय-वस्तु का अनुमान लग जाए, बल्कि आगे जानने की इच्छा भी हो। इसे समाचार की पृष्ठभूमि भी कहा जाता है।

(3) विवरण- शीर्षक और आमुख के बाद समाचार का मुख्य अंग आता है, विवरण। इसमें समाचार का पूरा ब्योरा अथवा विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जाता है। दो-तीन अनुच्छेदों में यह विवरण दिया जाता है। विवरण को क्रम से अलग अलग अनुच्छेदों में प्रस्तुत किया जाता है।

(4) निष्कर्ष- इसके अंतर्गत कहीं कहीं समाचार के अन्य परिणामों की ओर संकेत दिए जाते है।

महाविद्यालयीन विविध समारोहों का वृत्तांत-लेखन :

प्रत्येक महाविद्यालय में संपूर्ण शैक्षिक वर्ष में विविध समारोह आयोजित किए जाते हैं जैसे ‘हिंदी ‘दिवस’ समारोह, स्वाधीनता दिन समारोह, वार्षिक पारितोषिक वितरण, शिक्षक दिन, वृक्षारोपन, वार्षिक क्रीडा महोत्सव, महात्मा गांधी जयंती, छ. शाहू महाराज जयंती, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती, जागतिक जनसंख्या दिन, राष्ट्रीय सेवा योजना शिबिर आदि इसके साथ ही महाविद्यालयों में चलनेवाले विविध उपक्रमों की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों तक पहुंचायी जाती है। महाविद्यालय के विविध समारोहों और उपक्रमों का वृतांत लेखन एक निश्चित पद्धति से किया जाता है।

उदाहरण :

प्र. पुणे के फर्ग्युसन महाविद्यालय में आयोजित शिक्षक दिन’ समारोह का वृत्तांत लिखिए। (वृतांत लेखन का प्रारूप)

फर्ग्युसन महाविद्यालय में ‘शिक्षक दिन’

पुणे दि. 5 : पुणे के फर्ग्युसन महाविद्यालय में 5 सितम्बर, 2012 को सुबह 10 बजे ‘शिक्षक दिन’ मनाया गया। इस समारोह में महाविद्यालय के प्राचार्य, अध्यापक, सेवक वर्ग, छात्राओ के साथ व्यवस्थापन छात्रों समिति के सदस्य तथा पुणे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति नरेंद्र जाधव उपस्थित थे।

समारोह की शुरूआत दीप प्रज्वलन से हुई महाविद्यालय के प्राचार्य और अध्यक्ष महोदय श्री. एन. – वेदपाठक ने भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा का पूजन किया।

महाविद्यालय के प्राचार्य जी ने ‘शिक्षक दिन’ मनाने का उद्देश्य स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि, भूतपूर्व राष्ट्रपति राधाकृष्णन का देश के प्रति बड़ा योगदान रहा है। राधाकृष्णन ज्ञानी और आदर्श शिक्षक थे। विदेश में जाकर उन्होंने भारतीय संस्कृति की महनीयता की जानकारी विदेशी लोगों की दी। डॉ. राधाकृष्णन जी राष्ट्रपति होते हुए भी उन्होंने आदर्श शिक्षक की मिसाल दुनिया के सामने रखी। सर्वगुणसंपन्न, चारित्र्यवान होने से ही उनकी स्मृति में उनका जन्म दिन 15 सितम्बर’ ‘शिक्षक दिन’ के रूप में बड़े उत्साह और धूमधाम से भारतवर्ष में मनाया जाता है।

छात्रों में राघव कुमार, कमलनाथ, शेखर परांजपे आदि ने अपने गुरुजनों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करके उनके कार्य की महत्ता को प्रतिपादित किया। डॉ. देवेश माथुर, डॉ. संदेशकुमार जोशी, डॉ. राजीव मोरे आदि अध्यापकों ने छात्रों को अध्ययनशील रहने के लिए कहा।

समारोह के अध्यक्ष महोदय ने अपने भाषण में गुरु को सर्वश्रेष्ठ स्थान देकर उनके प्रति श्रद्धा रखने का आवाहन किया। अंत में छात्र परिषद के मंत्री ने अध्यक्ष महोदय, प्राचार्य और अध्यापक वर्ग के प्रति आभार प्रकट किया। राष्ट्रगीत के साथ यह शानदार समारोह समाप्त हुआ। कार्यक्रम का सूत्र संचालन कु. वैदेही पाठक ने किया।

सामाजिक समारोहों का वृत्तांत लेखन

महाविद्यालयीन विविध समारोहों की तरह विविध सामाजिक समारोह भी आयोजित किए जाते हैं। जैसे- आंबेडकर जयंती समारोह, शिव जयंती समारोह, म. गांधी जयंती, वृक्षारोपन, रक्तदान आदि। ऐसे समारोहों के वृत्तांत समाचार पत्र में आते रहते हैं।

उदाहरण –

प्र. सातारा में आयोजित छ. शिवाजी महाराज जयंती समारोह का वृत्तांत लिखिए (वृत्तांत लेखन का प्रारूप)

सातारा में छ. शिवाजी महाराज जयंती

सातारा दि 19: सातारा के खेल मैदान में ‘छ. शिवाजी महाराज जयंती समारोह’, 19 फरवरी, 2013 को शाम 5 बजे आयोजित किया गया।

महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकि शिक्षा मंत्री राजेश टोपे जी समारोह के अध्यक्ष थे, तो प्रमुख अतिथि के रूप में शिव चरित्र के ज्ञाता बाबासाहेब पुरंदरे जो थे प्रसिद्ध इतिहास अनुसंधाता डॉ. जयसिंगराव पवार ने समारोह का सूत्रसंचालन किया इस समारोह में सातारा जिले के सभी प्रशासकीय अफसर उपस्थित थे।

प्रारंभ में दीप प्रज्वलन के बाद छ. शिवाजी महाराज की प्रतिमा का पूजन किया गया तथा स्वागत गीत के बाद समारोह का शुभारंभ हुआ। डॉ. जयसिंगराव पवार जी ने अध्यक्ष महोदय, प्रमुख अतिथि का स्वागत कर उनका परिचय कराया। उन्होंने छ. शिवाजी महाराज की जयंती का महत्त्व विशद किया।

समारोह के प्रमुख अतिथि बाबासाहेब पुरंदरे ने छ. शिवाजी महाराज के कार्य की सराहना करते उन्हें अपने युग का महानायक बताया।

अध्यक्ष महोदय राजेश टोपे जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि, छ. शिवाजी महाराज ने अपना जीवन पीडित प्रताडित लोगों के विकास के लिए समर्पित किया सातारा जिले की भूमि छ. शिवाजी महाराज के आवास के कारण पुनीत बनी है । अध्यक्ष महोदय ने सातारा की जनता को यह आवाहन किया कि वे छ शिवाजी की लोककल्याण की भावना को स्वीकृत कर उनके विचारों को आधुनिक युग में जन जन तक पहुंचाए।

अंत में शैलेश जाधव ने अध्यक्ष महोदय तथा प्रमुख अतिथि और उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा राष्ट्रगीत के बाद ‘छ. शिवाजी महाराज जयंती समारोह समाप्त हुआ।

प्राकृतिक आपदाओं का वृत्तांत लेखन :

अकाल, भूचाल, अतिवृष्टि, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ आती रहती है। ऐसी आपदाओं से जन जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। इसमें काफी जानमाल का नुकसान होता है। ऐसी आपदाओं के वृतांत समाचार पत्रों में आते हैं।

उदाहरण-

प्र. महाराष्ट्र के किल्लारी में हुए भूचाल का वृत्तांत लिखिए । (वृत्तांत लेखन का प्रारूप)

किल्लारी में विनाशकारी भूचाल

किल्लारी, दि. 30 – गणेश चतुर्थी के त्यौहार की तैयारियां जोर शोर से हो रही थी। पूरा किल्लारी गाँव बड़े उत्साह और धूमधाम से गणेशोत्सव पर्व मना रहा था उत्सव की तैयारी करके कल की सुबह के इंतजार मैं गाँव वाले गहरी नींद में चले गए थे। चकाचक धरती में कंपन पैदा हुआ भूचाल के ओर के झटके से कुछ समझने से पहले ही सब कुछ तहस नहस हो गया 7 रिश्टर स्केल के भूचाल ने चारों ओर हाहाकर मचा दिया। चारों ओर तबाही का मंजर दिखाई दे रहा था। कुछ लोग भाग निकले, कुछ बुरी तरह पायल हुए तो कुछ लोग मलबे के नीचे दब गए।

किल्लारी तथा आस पड़ोस के गाँवों में भयानक तबाही हुई थी पूरा गाँव भूचाल की चपेट में आ गया था। खेतों में, सड़कों पर बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई थी। हर जगह लाश पड़ी थी। मन दहलाने वाला दृश्य था, हँसता खिलता पूरा गाँव बरबाद हो गया था इमारतें डह गई थी। चारों तरफ से रोने चिल्लाने की – आवाजें आ रही थीं। जहाँ शोलगुल था चहल- पहल थी, वह पूरा इलाका स्मशान में बदल गया था। हजारों लोग बेचर हुए, हजारों क्यों हुई बच्चे अनाथ हुए, हजारों लोग अपाहिज हुए। जो बचे थे ये अपनों के लिए रो रहे थे रोते रोते आंखों में आँसू सूख गए थे।

भूचाल की खबर से हर एक के मन में मानवीयता जागृत हुई। देश विदेश के लोगों में पीड़ितों के प्रति सहानुभूति निर्माण हुई देश के कोने कोने से मदद के रूप में विविध प्रकार की सामग्री आने लगी डॉक्टर घायलों पर इलाज करने लगे मलवे हटाने के लिए बड़े पैमाने पर यंत्र मशीनें आ को हटाकर घायल मृत जीवित व्यक्तियों को निकालने का काम सावधानी से होने लगा। खाने पीने का मलबे चंदोबस्त किया गया। मदद कार्य तुरंत शुरू होने से कुछ लोगों को जीवित निकालने में सफलता मिली। 

भूचाल के संकट में फँसे लोगों की मदद करनेवाले हजारो हाथ आगे बढ़े। अनाथ बच्चों की गोद में लिया गया। धीरे धीरे सही, लेकिन विदगी फिर पटरी पर आने लगी। 

विविध दुर्घटनाओं का वृत्तांत लेखन

प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ हमारे आसपास देश विदेश में हर दिन कोई न कोई दुर्घटना – घटित होती रहती है। जैसे सड़क दुर्घटनाएँ रेल दुर्घटनाएँ, हवाई जहाज की दुर्घटनाएँ, आग की दुर्घटनाएँ – आदि इनके वृत्तांत समाचार पत्रों में आते रहते हैं।

उदाहरण- प्र. किसी केमिकल फैक्टरी में लगी आग के तांडव का वृत्तांत लिखिए

(वृत्तांत लेखन का प्रारूप)

मुंबई में केमिकल फैक्टरी में भीषण आग

मुंबई, दि. 7 कल सुबह चार बजे मुंबई के अंधेरी इलाके में एक केमिकल फैक्टरी में भीषण आग लगी थी शिफ्ट में काम करनेवाले कर्मचारी मदद माँग रहे थे, ‘बचाओ, ‘बचाओं’ की दर्दभरी चीखों से सारा वातावरण गुँज रहा था। केमिकल फैक्टरी में लगी आग तेजी से फैल रही थी। आग की ऊँची ऊँची लपटें दिखायी दे रही थी। सारा आकाश धुएँ से भर गया था पूरी केमिकल फैक्टरी आग में स्वाहा हो रही थी। बाजू में स्थित कर्मचारी कॉलनी भी आग के कारण प्रभावित हो गई थी।

कर्मचारी- कॉलनी को तुरंत खाली कराया गया। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड का एक दल वहाँ आ पहुँचा। आग पर पानी के फव्वारे छोड़े जाने लगे, परंतु आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी केमिकल को लगी आग पर पानी का असर नहीं हो रहा था फायर ब्रिगेड के जवानों ने अन्य जगह आग न फैले इस दृष्टि से काम जारी रखा। जो लोग ऑफीस में फँस गए थे, उन्हें बाहर निकाला गया। जान हथेली पर लेकर फायर ब्रिगेड का दल अपने कर्तव्य में जुट गया था केमिकल जलने के साथ-साथ धमाकों की आवाज आ रही थी।

फायर ब्रिगेड के कर्मचारी लगातार कोशिश करते रहे। केमिकल फैक्टरी पूरी तरह भस्म हो गई; परंतु आग को अन्य जगह फैलने से रोक दिया गया आग पर काबू पा लिया गया लेकिन आग अपनी भीषण संहारलीला के चिह्न पीछे छोड़ गई। करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ था। दो कर्मचारियों की मौत हो गई थी धुएँ के कारण आस- पड़ोस की इमारतें काली दिखाई दे रही थी। फैक्टरी की काली काली अधजली दीवारे, जले हुए पेड, बिखरी हुई चीजे, सब कुछ डरावना सा लग रहा था।

पायल व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। फैक्टरी में आग लगने के कारण शॉर्टसर्कीट हो सकता है। पुलिस जाँच पड़ताल कर रही है।

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Anjali Yadav

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