शैक्षिक योजना के प्रकारों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
Contents
शैक्षिक योजना के प्रकार (Types of Educational Plan)
शैक्षिक योजना के प्रकार- शैक्षिक योजना के अनेक प्रकार हैं। शिक्षा की परिस्थिति शिक्षा के उद्देश्य एवं शिक्षा के कार्यक्रमों की पूर्ति की दृष्टि से शैक्षिक नियोजन अनेक प्रकार से किया जाता है। यहाँ पर हम कुछ प्रमुख प्रकारों की चर्चा करेंगे।
भौगोलिक सीमा पर आधारित प्रकार (Types Based Geographical Extent)
भौगोलिक क्षेत्र का संकेत करने वाली कुछ योजनाएँ होती हैं। जब समूचे देश के लिए योजना बनती है तो उसे राष्ट्रीय योजना कहते हैं किन्तु क्षेत्रीय योजनाएँ भी बनाई जाती हैं। नीचे इन प्रकारों का परिचय दिया जा रहा है-
राष्ट्रीय योजना (National Plan)- भारत एक विशाल देश है। यह बहुभाषी है ! इसमें अनेक धर्म, सम्प्रदाय एवं जाति के लोग रहते हैं। हर क्षेत्र की आवश्यकताओं को हर समुदाय, सम्प्रदाय, जाति और भाषा-भाषी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर समूचे देश के लिए जो योजना बनाई जाती है उसे राष्ट्रीय योजना कहते हैं।
क्षेत्रीय योजना (Regional Plan)- जिन देशों में सत्ता का विकेन्द्रीकरण है वहाँ देश कई क्षेत्रों में विभक्त रहता है। भारत भी राज्यों में विभक्त है और प्रत्येक राज्य की अपनी आवश्यकताएँ हैं। प्रत्येक राज्य का शैक्षिक स्तर भी भिन्न रहता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश में लड़कियों का नामांकन (Enrolment of girls) बहुत कम है। साक्षरता का प्रतिशत ( Percentage of literacy) भी कम है। केरल में साक्षरता प्रतिशत सर्वाधिक है। अतः पूरे देश के लिए एक-सी योजना इतनी प्रभावी नहीं होती जितनी राज्य स्तर पर निर्मित योजना हो सकती है।
राज्य की आवश्यकता की अनुभूति करके और उसके संसाधनों को दोहन करके जो योजना बनाई जाती है उसे क्षेत्रीय योजना कहते हैं। इसे राज्य योजना (State plan) या प्रादेशिक योजना (Provincial plan) भी कहते हैं।
जिला योजना (District Plan)- भौगोलिक दृष्टि से भारत में कई राज्य हैं और एक राज्य में कई जिले होते हैं। प्रत्येक जिले की अपनी पहचान होती है। एक जिले की आवश्यकता दूसरे जिले की आवश्यकता से भिन्न होती है। गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर जिले इस वर्ष 1998 में बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित हैं जबकि इटावा, मैनपुरी आदि में इसका कोई प्रभाव नहीं है। अतः प्रत्येक जिले की शैक्षिक आवश्यकता भी भिन्न होगी। प्रत्येक जिले के संसाधन भी भिन्न हैं। मिर्जापुर में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं तो किसी जिले में केवल मानव संसाधन भी सुलभ हैं। इन जिलों की योजना एक-सी नहीं हो सकती। जिला स्तर पर वहाँ की आवश्यकताओं व वास्तविकताओं के आधार पर जो योजनाएँ बनाई जाती हैं उसे जिला योजना कहते हैं।
संस्थागत योजना (Institutional Plan)- किसी संस्था की आवश्यकता एवं साधनों को ध्यान में रखकर जो योजना बनाई जाती हैं उसे संस्थागत योजना कहते हैं। संस्थागत योजना पर हम आगे एक पृथक् अध्याय में विस्तार से विचार करेंगे।
आच्छादन पर आधारित प्रकार (Types Based On Coverage)
इसका तात्पर्य यह है कि कोई शैक्षिक योजना शिक्षा के किस स्तर या किसी श्रेणी तक व्याप्त है। इस आधार पर योजना के निम्नलिखित दो प्रकार होते हैं-
व्यापक योजना (Comprehensive Plan)- जो योजना पूरे देश के लिए और शिक्षा के प्रत्येक क्षेत्र की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनायी जाती है उसे व्यापक योजना कहते हैं। यह समाकलित योजना (Integrated plan) भी कही जाती है। शिक्षा में सम्पूर्ण विकास का चित्र प्रस्तुत करने वाली यह योजना शिक्षा के सभी आयामों का ध्यान रखती है। इस योजना में आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक दृष्टिकोणों में सामंजस्य लाने का प्रयास किया जाता है। व्यापक योजना से देश की राष्ट्रीय योजना बनाने में सरलता होती है।
क्षेत्र योजना (Sector Plan)- शिक्षा के अनेक क्षेत्र हैं। इसके कई स्तर भी हैं। पूर्व प्राथमिक, मिडिल, माध्यमिक उच्च स्तर पर प्रत्येक की आवश्यकताएँ अलग-अलग हैं। तकनीकी, इंजीनियरिंग, डॉक्टरी क्षेत्र अलग हैं। कृषि व वाणिज्य का अलग क्षेत्र है। न ही शिक्षा वंचितों की शिक्षा का अपना अलग क्षेत्र है। प्रत्येक क्षेत्र की योजना को कभी-कभी क्षेत्र योजना कहा जाता है। प्रत्येक क्षेत्र का शैक्षिक प्रशासन अलग-अलग होता हैं। अतः क्षेत्रवार योजना बनाना सरल होगा। फिर सबको मिलाकर व्यापक योजना बनाई जा सकती है।
अवधि पर आधारित प्रकार (Types Based On Duration)
कोई योजना कितने समय के लिए बनाई जाती है, इस आधार पर योजना के मुख्यतः निम्नलिखित तीन प्रकार-
(1) वार्षिक योजना (Annual Plan) यदि योजना की अवधि एक वर्ष हो तो वह वार्षिक योजना कहलाती है। अधिकतर बजट के विचार से यह योजना बनाई जाती है।
( 2 ) अल्पकालीन योजना (Short Term Plan) इस योजना की अवधि प्रायः 4 से 8 वर्ष होती है। इससे आर्थिक एवं सामाजिक विकास की राष्ट्रीय योजना में सहायता मिलती है।
( 3 ) दीर्घकालीन योजना (Long Term Plan) जब योजना की अवधि 15 से 30 वर्ष की होती है तो यह दीर्घकालीन योजना कहलाती है।
अधिकतर देशों में पाँच वर्ष की योजनाएँ होती हैं। भारत में भी पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण होता है। विश्व के देशों में 2 से 12 वर्ष की योजनाएँ प्रचलन में हैं। पाँच साल से अधिक अवधि की योजनाओं में दस वर्षीय यो नाओं का चलन है।
उपागम पर आधारित प्रकार (Types Based on Approach)
नियोजन किस विधि से किया जाता है? इसका क्या उपागम है ? इस प्रश्न के उत्तर में योजना के प्रकार निहित हैं। इस आधार पर निम्नलिखित तीन प्रकार मुख्य हैं-
1. प्रतिमान केन्द्रित उपागम (Model Oriented Approach) – इस प्रकार की योजना में किसी देश की योजना को आदर्श मानकर उसके आधार पर योजना बनाई जाती है। अमेरिका, इंग्लैण्ड, रूस या प्रांस को अधिकतर देश आदर्श मानकर इनमें से किसी एक या कई देशों की योजनाओं के आधार पर अपने देश की योजना बनाते हैं।
2. आवश्यकता आधारित उपागम (Need Based Approach) – किसी देश को आदर्श न मानकर अपने देश की परम्परा और सामाजिक आवश्यकता को ध्यान में रखकर जो योजना बनाई जाती है उसे आवश्यकाधारित योजना कहते हैं। यह योजना कभी-कभी इतनी ऊँची काल्पनिक हो जाती है कि वित्तीय दृष्टि से यह अवास्तविक बन जाती है।
3. संसाधन आधारित उपागम (Resource-Based Approach) – इस उपागम में पहले किसी देश के वित्तीय एवं मानव संसाधनों का अनुमान लगाया जाता है तथा सुलभ साधनों के आधार पर शिक्षा की मात्रा व गुणवत्ता को नियोजित किया जाता है। मात्रा के साथ-साथ प्राथमिकताओं का भी ध्यान रखा जाता है। यह उपागम यथार्थवादी होता है किन्तु इसके विरुद्ध यह आक्षेप है कि इस उपागम से प्रेरणा नहीं मिल पाती।
IMPORTANT LINK
- संस्कृति का अर्थ | संस्कृति की विशेषताएँ | शिक्षा और संस्कृति में सम्बन्ध | सभ्यता और संस्कृति में अन्तर
- पाठ्यक्रम निर्माण के सिद्धान्त | Principles of Curriculum Construction in Hindi
- पाठ्यक्रम निर्माण के सिद्धान्त | Principles of Curriculum Construction in Hindi
- मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा शिक्षा का किस प्रकार प्रभावित किया?
- मानव अधिकार की अवधारणा के विकास | Development of the concept of human rights in Hindi
- पाठ्यक्रम का अर्थ एंव परिभाषा | Meaning and definitions of curriculum in Hindi
- वर्तमान पाठ्यक्रम के दोष | current course defects in Hindi
- मानव अधिकार क्या है? इसके प्रकार | what are human rights? its types
- अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना के लिए शिक्षा के उद्देश्य | Objectives of Education for International Goodwill in Hindi
- योग और शिक्षा के सम्बन्ध | Relationship between yoga and education in Hindi
- राज्य का शिक्षा से क्या सम्बन्ध है? राज्य का नियन्त्रण शिक्षा पर होना चाहिए या नहीं
- राज्य का क्या अर्थ है? शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के कार्य बताइये।
- विद्यालय का अर्थ, आवश्यकता एवं विद्यालय को प्रभावशाली बनाने का सुझाव
- बालक के विकास में परिवार की शिक्षा का प्रभाव
- शिक्षा के साधन के रूप में परिवार का महत्व | Importance of family as a means of education
- शिक्षा के अभिकरण की परिभाषा एवं आवश्यकता | Definition and need of agency of education in Hindi
- शिक्षा का चरित्र निर्माण का उद्देश्य | Character Formation Aim of Education in Hindi
- शिक्षा के ज्ञानात्मक उद्देश्य | पक्ष और विपक्ष में तर्क | ज्ञानात्मक उद्देश्य के विपक्ष में तर्क
- शिक्षा के जीविकोपार्जन के उद्देश्य | objectives of education in Hindi
- मध्यांक या मध्यिका (Median) की परिभाषा | अवर्गीकृत एवं वर्गीकृत आंकड़ों से मध्यांक ज्ञात करने की विधि
- बहुलांक (Mode) का अर्थ | अवर्गीकृत एवं वर्गीकृत आंकड़ों से बहुलांक ज्ञात करने की विधि
- मध्यमान, मध्यांक एवं बहुलक के गुण-दोष एवं उपयोगिता | Merits and demerits of mean, median and mode
- सहसम्बन्ध का अर्थ एवं प्रकार | सहसम्बन्ध का गुणांक एवं महत्व | सहसम्बन्ध को प्रभावित करने वाले तत्व एवं विधियाँ
- शिक्षा का अर्थ, परिभाषा एंव विशेषताएँ | Meaning, Definition and Characteristics of Education in Hindi
- शिक्षा के समाजशास्त्रीय उपागम का अर्थ एंव विशेषताएँ
- दार्शनिक उपागम का क्या तात्पर्य है? शिक्षा में इस उपागम की भूमिका
- औपचारिकेत्तर (निरौपचारिक) शिक्षा का अर्थ | निरौपचारिक शिक्षा की विशेषताएँ | निरौपचारिक शिक्षा के उद्देश्य
- औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा क्या है? दोनों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- शिक्षा का महत्व, आवश्यकता एवं उपयोगिता | Importance, need and utility of education
- शिक्षा के संकुचित एवं व्यापक अर्थ | narrow and broad meaning of education in Hindi
Disclaimer