इतिहास के बदलते सम्प्रत्यय को समझाइए?
अथवा
इतिहास क्या है? उपयुक्त परिभाषा दीजिए।
अथवा
इतिहास को परिभाषित करते हुए इसके परम्परागत एवं आधुनिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिए।
इतिहास की परिभाषा के विषय में सभी इतिहासकार एकमत नहीं हैं। सिसरो के अनुसार “इतिहास उदाहरणों द्वारा दर्शन है, इससे इसका अभिप्राय यह था कि इतिहास अनुभवों का सारतत्व प्रस्तुत करता है, जिसमें अध्ययन का सर्वव्यापी मूल्य है। यह मानव मस्तिष्क के विकास को दर्शाता है, जिसमें जीवन के अमूल्य तथा संग्रहित वर्गीकृत और वैज्ञानिक व्याख्यात्मक विधि से प्रस्तुत किये जाते हैं।”
शब्द व्युत्पति की दृष्टि से इतिहास का अंग्रेजी रूपान्तर “History” एक ग्रीक भाषा का शब्द है, जो “HISTORIA” से निकला है, जिसका अर्थ खोज, सूचना अथवा अन्वेषण होता है। सर मोत्रियर विलियम्स ने इतिहास शब्द को “इति-ए-आस” का संश्लिष्ट रूप मानते हुए अर्थ निकाला “निश्चिच रूप से ऐसा हुआ।” इस आधार पर इतिहास अतीत् कालीन घटनाओं की चर्चा, आख्यान और परम्परागत लेखा है इतिहास के लिए जर्मन शब्द “GESHICHIE” है, जिसका अर्थ अतीत की घटनाओं का बोधगम्य व सार्थक वर्णन है। अरब लोग इतिहास को “तवारीख” या “तारीख” नाम से पुकारते हैं। जिसका अर्थ जो तिथि अपना पूर्ण अर्थ देती है। शाब्दिक आख्या के अनुसार अतीत के जिन वृतान्तों को हम विश्वास के साथ प्रमाणिक कह सकें, उसे इतिहास की श्रेणी में रखा जा सकता है।
(1) परम्परागत- अरस्तू के विचार में इतिहास व्याख्या के तार्किक कार्य द्वारा तथ्यों की खोज है। इतिहास में वस्तुएं एक-दूसरे से व्यवस्थित व निश्चित रूप से जुड़ी होती हैं। समग्र कहानी को एक समन्वित केन्द्र में सृजित किया जाता है। फ्रांसीसी बेकन ने इतिहास को “ज्ञान के रूप में परिभाषित किया है, जो मनुष्य को बुद्धिमान बनाता है।” रूसो ने इतिहास को “अनेक अंसख्यों में उस एक को चयनित करने की कला के रूप में देखता है, जो अधिकांशतः सत्य प्रतीत हो।” यार्क पौवेव ने इतिहास को इस प्रकार परिभाषित किया है – “इतिहास उस व्यक्ति समूह की परिस्थितियों का अध्ययन करता है, जो सामाजिक राज्य में निवास करते हैं। यह उन कानूनों का पता लगाने का प्रयत्न करता है, जो परिस्थितियों का निर्माण करते हैं तथा उन परिवर्तनों को लाते है, जिन्हें हम प्रगति अथवा अवनति कहते हैं। यह उन तरीकों को समझाने का प्रयास करता है, जो धीरे-धीरे या अचानक उन राजनीतिक और आर्थिक सभाओं को बनाने या तोड़ने में सहायता देते हैं, जिसको हम राज्य कहते हैं और यह उन परिस्थितियों को तलाश करने का प्रयत्न करती है, जो विभिन्न अवसरों पर अपना प्रभाव स्थापित करती है। “
(2) आधुनिक- आधुनिक युग में इतिहास के अर्थ को परिभाषित करने का श्रेय हीगल को जाता है। हीगल के अनुसार “सम्पूर्ण इतिहास विवेकपूर्ण है। यही नहीं, इतिहास अर्थपूर्ण एवं बोधगम्य है। इतिहास जगत के प्रति ईश्वर की परियोजना से संगति रखते हुए नैतिक उन्नति की ओर प्रगति की रहा है। ईश्वर प्रकृति के रूप में व्यक्त है।” इतिहास उद्देश्य मूलक है। इतिहास का लक्ष्य स्वतन्त्रता की प्राप्ति है। हीगल के अनुसार इतिहास का यही अर्थ है, “उसके शब्दों में “इतिहास” का परम सत्य विश्वात्मा है, जिसका प्रधान गुण विवेक और स्वतन्त्रता है, जिसकी अभिव्यक्ति मानव मन में होती है। “
प्रो. शिलर के अनुसार “इतिहास की परिभाषा उस कील की भांति है, जिसके माध्यम से इतिहासकार किसी मानचित्र पर चुभो कर सर्वमान्य मार्ग को निश्चित करता है। इतिहासकारों ने व्यक्ति, स्थान, काल तथा घटना के आधार पर इतिहास को एक कहानी, एक ज्ञान, राजनीतिशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, विशुद्ध विज्ञान, चिन्तन विधा, अतीत, वर्तमान का संवाद कहा, तो कुछ ने सभ्यता, संस्कृति, सत्यान्वेषण, उत्पादन” प्रगति आदि से सम्बोधित कर परिभाषित करने का प्रयास किया है। “
उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि मनुष्य ने क्या किया, क्या कहा और इन सबसे परे क्या सोचा, वही इतिहास है। यह एक विचार प्रक्रिया है, अतीत में जो कुछ हुआ, उसका काल्पनिक निर्माण एवं चिन्तनपूर्ण गतिविधि ही इतिहास का मुख्य व्यवसाय है।