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यातायात लागत लेखांकन के उद्देश्य एंव लागत इकाई ज्ञात करने की विधि

यातायात लागत लेखांकन के उद्देश्य एंव लागत इकाई ज्ञात करने की विधि
यातायात लागत लेखांकन के उद्देश्य एंव लागत इकाई ज्ञात करने की विधि
यातायात लागत लेखांकन के प्रमुख उद्देश्यों को बताइये। लागत इकाई ज्ञात करने की विधि बताइये।

यातायाता लागत लेखांकन (Transport Costing) – यातायात व्यवसाय जो सेवाएँ प्रदान करता है, उसकी लागत की गणना के लिए परिचालन लागत पद्धति का प्रयोग किया जाता है। यातायात लागत लेखांकन के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-

1. यातायात गाड़ियों की सेवा की प्रति इकाई लागत ज्ञात करना ।

2. यातायात गाड़ियों के द्वारा माल या सवारी ले जाने की दर का निर्धारण करना।

3. मोटर गाड़ियों की प्रति इकाई लागत की तुलना अन्य साधनों की लागत से करके यह ज्ञात करना कि मोटर गाड़ियों को चलाना लाभप्रद है या नहीं।

4. मोटर गाड़ियों की लागत को उन समस्त विभागों में बाँटना जो कि इनकी सेवा का लाभ उठाते हैं।

5. ‘किराये पर दी जाने वाली गाड़ियों का किराया निर्धारित करना ।

6. पेट्रोल, तेल, मरम्मत और अनुरक्षण के व्ययों को नियन्त्रित रखना।

7. एक गाड़ी की लागत की तुलना दूसरी गाड़ी की लागत से करना तथा यह निश्चय करना कि कौन-सी गाड़ी लाभप्रद है।

लागत इकाई (Cost Unit) – सवारी गाड़ियों की लागत इकाई ‘यात्री किलोमीटर’ या ‘यात्री मील’ होती है। यह संयुक्त इकाई है। दूसरे शब्दों में, इसका अर्थ हुआ कि एक यात्री को एक मील ले जाने की लागत क्या है? उसी प्रकार माल वाहक गाड़ियों की इकाई ‘टन-किलोमीटर’ या ‘टन-मील’ होती है। उदाहरण के लिए, यदि 5 टन माल 10 किलोमीटर ले जाया जाता है तो गाड़ी की प्रदत्त सेवा 5×10 टन किलोमीटर हुई।

‘टन-किलोमीटर’ को ज्ञात करने की दो विधियाँ प्रचलित हैं-
  1. परिशुद्ध टन-किलोमीटर (Absolute ton-km.), एवं
  2. वाणिज्यिक टन किलोमीटर (Commercial Ton-km.)

1. परिशुद्ध टन-किलोमीटर (Absolute Ton-km.)- इस विधि के अन्तर्गत सारी यात्रा को एक न मानकर प्रत्येक दो स्टेशनी की दूरी को ध्यान में रखा जाता है किन्तु कभी-कभी इस विधि के अन्तर्गत कुछ व्यावहारिक कठिनाई आती है, जैसे- मान लिया जाय कि B स्टेशन से A स्टेशन तक वापस आते समय गाड़ी (ट्रक) में माल नहीं हो तथा B से A तक की दूरी 50 किलोमीटर हो तो उसका टन-किलोमीटर 50 x 0 = 0 टन-किलोमीटर होगा जो कि गलत होगा। अतः वाणिज्यिक विधि का प्रयोग उपयुक्त होता है।

2. वाणिज्यिक टन किलोमीटर (Commercial Ton-km.) – वाणिज्यिक टन किलोमीटर ज्ञात करने के लिए सबसे पहले माल (Goods) का औसत निकाला जाता है जिसमें कुल यात्रा की दूरी से गुणा किया जाता है। इसके अन्तर्गत सारी यात्रा को एक मानकर दूरी ज्ञात की जाती है। सामान्य तौर पर इसी विधि का प्रयोग किया जाता है।

उपरोक्त बातों का एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है जो कि निम्नलिखित है-

उदाहरण (Example)- एक ट्रक ‘A’ स्टेशन से रवाना होकर ‘B’ और ‘C’ स्टेशन होता हुआ ‘A’ स्टेशन को वापस आता है। A-B की दूरी 70 किलोमीटर, B-C की दूरी 80 किलोमीटर तथा C-A की दूरी 60 किलोमीटर है। इन स्टेशनों के बीच माल इस प्रकार ले जाया गया-

  • A-B के बीच 25 टन
  • B-C के बीच 12 टन
  • C-A के बीच 8 टन

उपरोक्त सूचनाओं से परिशुद्ध टन-किलोमीटर एवं वाणिज्यिक टन-किलोमीटर की गणना करें।

हल : 

(I) परिशुद्ध टन किलोमीटर = (70 × 25) + (80×12) + (60 x 8) = 1,750+960+480 = 3,190 टन किलोमीटर

(II) वाणिज्यिक टन-किलोमीटर = 25+12+8 / 3 x 210 = 3,150 टन-किलोमीटर

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Anjali Yadav

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