विषय केन्द्रित पाठ्यक्रम एवं अनुभव केन्द्रित पाठ्यक्रम के लाभ एवं दोष लिखिए।
पाठ्यक्रम विविध प्रकार का होता है जिसमें विषय केन्द्रित पाठ्यक्रम एवं अनुभव केन्द्रित पाठ्यक्रम का महत्वपूर्ण स्थान है जिनका वर्णन इस प्रकार है-
Contents
(1) विषय केन्द्रित पाठ्यक्रम:-
विषय केन्द्रित पाठ्यक्रम में बालकों की अपेक्षा विषयों को अधिक महत्व दिया जाता है चूंकि पाठ्यक्रम में पुस्तकों का अधिक महत्व होता है। इसीलिए इस पाठ्यक्रम को पुस्तक केन्द्रित पाठ्यक्रम भी कहते हैं।
विषय केन्द्रित पाठ्यक्रम के लाभ
इस पाठ्यक्रम के निम्नांकित लाभ है-
- इस पाठ्यक्रम से उद्देश्य स्पष्ट होता है।
- यह आसानी से समझ में आता है।
- इसकी विषयवस्तु में आसानी से परिवर्तन लाया जा सकता है।
- इस पाठ्यक्रम की विषयवस्तु पहले से ही निश्चित होती है।
- इस पाठ्यक्रम के उपयोग से विभिन्न विषयों में सह-सम्बन्ध स्थापित किया जा सकता है।
- इसके द्वारा परीक्षा लेने में भी आसानी होती है।
विषय केन्द्रित पाठ्यक्रम के दोष
इस पाठ्यक्रम के निम्नांकित दोष है-
- यह पाठ्यक्रम अमनोवैज्ञानिक है। इसके अन्तर्गत बालकों की रूचियों, आवश्यकताओं तथा योग्यताओं का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है।
- यह कठोर होता है।
- इस पाठ्यक्रम द्वारा बालक का सर्वांगीण विकास नहीं किया जा सकता।
- इसके द्वारा बालकों में जनतांत्रिक भावनाओं का विकास नहीं किया जा सकता।
- यह पाठ्यक्रम बच्चों में रहने की आदत पर ही बल देता है।
(2) अनुभव केन्द्रित पाठ्यक्रम:-
अनुभव केन्द्रित पाठ्यक्रम में बालक के विकास हेतु अनुभव को विशेष महत्व दिया जाता है। यह पाठ्यक्रम विषयों की अपेक्षा अनुभव पर आधारित होता है।
अनुभव केन्द्रित पाठ्यक्रम के दोष
इस पाठ्यक्रम के निम्न प्रमुख दोष-
- इस पाठ्यक्रम के अन्तर्गत शिक्षा का उद्देश्य स्पष्ट नहीं होता है।
- इस पाठ्यक्रम के प्रयोग में समय अधिक लगता है।
- इस पाठ्यक्रम को क्रियान्वित करने में अधिक धन की आवश्यकता पड़ती है।
- इसको सफल बनाने के लिए प्रभावशाली शिक्षकों की आवश्यकता पड़ती है।
अनुभव केन्द्रित पाठ्यक्रम के लाभ
इस पाठ्यक्रम के निम्नांकित लाभ है-
- यह मनोवैज्ञानिक है।
- यह लचीला तथा प्रगतिशील पाठ्यक्रम है।
- इस पाठ्यक्रम के द्वारा बालक का सर्वांगीण विकास सम्भव है।
- यह भौतिक तथा सामाजिक वातावरण का अधिक से अधिक प्रयोग करता हैं।
- यह पाठ्यक्रम जनतांत्रिक होता है।