Contents
स्टॉक स्तरों के निर्धारण से क्या आशय है? उचित स्टॉक स्तरों के निर्धारण के लिए किन बातों की जानकारी आवश्यक है?
स्टॉक स्तरों के निर्धारण का अर्थ (Meaning of Determination of Materials) — सामग्री नियन्त्रण हेतु सामग्री की प्रत्येक मद का स्टॉक उचित स्तर पर बनाये रखना अत्यन्त आवश्यक है। किस सामग्री मद का कितना स्टॉक रखना चाहिए, यह सम्बन्धित सामग्री मद की माँग एवं पूर्ति की पद्धति पर निर्भर करता है। न्यूनतम लागत पर सामग्री प्राप्त करने एवं भण्डारण व्यय को नियंत्रित करने के दृष्टिकोण से सामग्री के विभिन्न स्तरों का निर्धारण कर दिया जाता है। सामग्री क्रय करने के लिए मितव्ययी आदेश मात्रा निर्धारित की जाती है।
स्टॉक स्तर निर्धारण विधि
उचित स्टॉक स्तरों के निर्धारण के लिए सर्वप्रथम निम्नलिखित बातों की जानकारी आवश्यक है-
(1) सामग्री उपभोग दर (Material Consumed Rate)- उत्पादन क्रिया में ” उपभोग होने वाली सामग्री की उपभोग दर का ज्ञान होना चाहिए। प्रायः इस दर को प्रति दिन, प्रति सप्ताह या प्रति माह उपभोग दर के रूप में ज्ञात किया जाता है। अतः सामग्री उपभोग के सम्बन्ध में निम्नलिखित तीन दरों का निर्धारण किया जाता है-
(i) अधिकतम उपभोग दर (Maximum usage rate)— अधिकतम क्षमता पर उत्पादन करने के लिए जितनी सामग्री उपभोग की जा सकती है, उसे अधिकतम उपभोग दर कहते हैं।
(ii) न्यूनतम उपभोग दर (Minimum usage rate)– न्यूनतम क्षमता पर उत्पादन करने के लिए जितनी सामग्री उपभोग की जा सकती है, उसे न्यूनतम उपभोग दर कहते हैं।
(iii) औसत या सामान्य उपभोग दर (Average or normal usage rate) – सामान्य व्यावसायिक परिस्थितियों में उत्पादन कार्य को प्रकार से चलाने के जितनी सामग्री उपभोग की जाती है, उसे औसत या सामान्य उपभोग दर कहते हैं। अधिकतम तथा न्यूनतम उपभोग के योग में 2 का भाग कर देने से ‘सामान्य’ या ‘औसत’ उपभोग दर ज्ञात हो जाती है, अर्थात्
Average Usage Rate = Maximum Usage Rate + Minimum usage Rate / 2
(2) अग्रता, सुप्रर्दगी या आगमन समय (Lead, Delivery or Procurement Time)– क्रय की जाने वाली सामग्री के आदेश तैयार करने के समय से लेकर माल की सुपुर्दगी प्राप्त करने तक लगने वाले समय को अग्रता, सुप्रर्दगी या आगमन या अधि प्राप्ति समय कहा जाता है। सुप्रर्दगी समय के सम्बन्ध में भी न्यूनतम, अधिकतम या औसत सुपुर्दगी समय का निर्धारण किया जाता है। ‘अधिकतम’ तथा ‘न्यूनतम’ सुपुर्दगी समय के योग में 2 का भाग कर देने से ‘सामान्य’ और ‘औसत’ समय ज्ञात हो जाता है, अर्थात्
Average Lead Time = Maximum Usage Time + Minimum Time / 2
( 3 ) संचित स्टॉक (Reserve Stock)- कभी-कभी सामग्री अग्रता समय एवं उपभोग दर पूर्वानुमानित दरों से अधिक हो जाती है और ऐसी स्थिति में समाग्री की कमी के कारण कुछ समय के लिए उत्पादन कार्य रुक सकता है। ऐसी स्थिति में निपटने के लिए सामग्री के संवित स्टॉक की मात्रा का निर्धारण भी आवश्यक है। उपर्युक्त बातों की जानकारी प्राप्त कर लेने के बाद स्टॉक के निम्नलिखित स्तरों का निर्धारण किया जाता है-
- पुनः आदेश स्तर (Re-order Level)
- न्यूनतम स्टॉक स्तर (Minimum Stock Level)
- अधिकतम स्टॉक स्तर (Maximum Stock Level)
- जोखिम स्तर (Danger Level)
- औसत स्टॉक स्तर (Average Stock Level)
(i) पुनः आदेश स्तर (Re-order Level)– यह सामग्री वह स्तर है जिस पर स्टॉक की मात्रा पहुँचते ही सामग्री को पुनः क्रय करने के लिए क्रय आदेश पत्र जारी कर दिया जाता है। यह स्तर अधिकतम एवम् न्यूनतम स्टॉक स्तर के मध्य स्थित होता है। इसे ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है-
Re-order Level = Maximum Usage × Maximum Re-order Period
(ii) न्यूनतम स्टॉक स्तर (Minimum Stock Level)– यह सामग्री की वह मात्रा है जिसको हर समय स्टॉक के बनाए रखना होता है ताकि सामग्री के अभाव में उत्पादन न रुक सके। इसे ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है-
Minimum Stock Level = Re-order Level – (Normal Usage × Average Re-order Period)
(iii) अधिकतम स्टॉक स्तर (Maximum Stock Level)– यह सामग्री की वह मात्रा है जिससे अधिक मात्रा स्टॉक में नहीं होनी चाहिए। कारण- भण्डारण लागत बढ़ जाती है, अधिक पूँजी का अनावश्यक विनियोग करना पड़ता है तथा सामग्री के क्षय या खराब होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है। इसे ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है-
Maximum Stock Level = Re-order Level + Re-order Quantity – (Minimum consumption × Minimum Re-order Period)
(iv) औसत स्टॉक स्तर (Average stock Level) — यह सामग्री का वह स्तर है जो प्रायः स्टोर गृह में रहता है। इसे ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है—
Average Stock Level = Minimum Stock Level + Maximum stock Level / 2
IMPORTANT LINK
- सामग्री नियंत्रण के आवश्यक तत्त्व | Elements of Material Control in Hindi
- सामग्री नियंत्रण से आप क्या समझते हैं? सामग्री नियंत्रण की आवश्यकता अथवा उद्देश्य
- लागत का अर्थ एंव सिद्धान्त | The meaning and principle of cost in Hindi
- लागत लेखांकन की विशेषताएँ एंव प्रकृति | Features and Nature of Cost Accounting in Hindi
- लागत लेखों तथा वित्तीय लेखों में अन्तर या असमानताएँ
- लागत लेखांकन के उद्देश्य | Objectives of Cost Accounting in Hindi
- लागत लेखों के अंकेक्षण की प्रविधि एवं प्रक्रिया | लागत या परिव्यय अंकेक्षण के लाभ
- परिव्यय प्रणाली की स्थापना का अर्थ | परिव्यय प्रणाली की स्थापना के विचारणीय बिन्दु | लागत लेखांकन की विभिन्न पद्धतियाँ
- लागत लेखांकन का क्या अर्थ है? इसके उद्देश्य एवं लाभ
- एक आदर्श लेखा प्रणाली की विशेषताएँ | Characteristics of an ideal accounting system in Hindi
- कुल लागत के विभिन्न संघटक / तत्त्व
- लेखांकन की आवश्यकता और वित्तीय लेखांकन की सीमाएँ
Disclaimer