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एडम स्मिथ जीवन परिचय- Biography of Adam Smith in Hindi
एडम स्मिथ
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पूरा नाम | एडम स्मिथ |
जन्म | 5 जून या 16 जून, 1723 |
जन्म भूमि | स्कॉटलैण्ड, ग्रेट ब्रिटेन |
मृत्यु | 17 जुलाई, 1790 |
मृत्यु स्थान | ग्रेट ब्रिटेन |
मुख्य रचनाएँ | ‘द थ्योरी ऑफ़ मोरल सेंटीमेंट्स’, ‘द वेल्थ ऑफ़ नेशन्स’ आदि। |
विद्यालय | ‘ग्लासगो विश्वविद्यालय’, ‘आ॓क्सफोर्ड विश्वविद्यालय’ |
प्रसिद्धि | दार्शनिक तथा अर्थशास्त्री |
नागरिकता | ब्रिटिश |
अन्य जानकारी | अपने पैत्रिक ग्राम में रहते हुए ही स्मिथ ने अपनी सर्वाधिक चर्चित पुस्तक ‘द वेल्थ ऑफ़ नेशन्स’ पूरी की, जो राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र पर अनूठी पुस्तक है। |
एडम स्मिथ को आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है। 1776 में उनकी पुस्तक ‘द वेल्थ ऑफ नेशंस’ के छपने के बाद ही अर्थशास्त्र ने अपने को विज्ञान की तरह स्थापित किया। उनके अर्थशास्त्रीय चिंतन ने 19वीं शताब्दी के कम्युनिस्ट अर्थशास्त्री कार्ल मार्क्स तक को प्रभावित किया।
स्कॉटलैंड में किर्ककैल्डी इलाके के एक छोटे से गांव में जन्मे स्मिथ का पालन-पोषण उनकी विधवा मां ने किया। उन्होंने उच्च शिक्षा पहले ग्लास्गो यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड के बैल्लिओल कॉलेज से पूरी की। 1751 में वह तर्कशास्त्र के प्रोफेसर नियुक्त हुए और उसके अगले साल ही नैतिक दर्शनशास्त्र पढ़ाने लगे। वह आजीवन अविवाहित रहे और सामाजिक विषयों के अध्ययन में अपने को समर्पित रखा। 36 साल की उम्र में उनकी पुस्तक ‘थ्योरी ऑफ मोरल सेंटीमेंट्स’ प्रकाशित हुई। यह पुस्तक नैतिक दर्शनशास्त्र में उनका अद्वितीय योगदान सिद्ध हुई। इस पुस्तक से मिली प्रसिद्धि के चलते ही वे वॉल्टेयर, रूसो और फ्रैंकलिन जैसे महान विचारकों के संपर्क में आए। वे नौकरी छोड़कर किर्ककैल्डी वापस आ गए तथा अपनी विश्वप्रसिद्ध कृति ‘द वेल्थ ऑफ नेशंस’ की रचना में जुट गए। इस पुस्तक में उन्होंने राष्ट्रों की संपत्ति के कारणों और उसकी प्रकृति की जांच-पड़ताल की। इस पुस्तक में स्मिथ ने अर्थशास्त्र की परिभाषा करते हुए कहा है, ‘अर्थशास्त्र वह अध्ययन है जो राष्ट्रों के धन के स्वभाव एवं उसके कारणों की जांच करता है। उनका कहना था कि किसी समाज के धन का आकलन उसके सोने और चांदी के ‘स्टाक’ से नहीं परंतु जनता की ‘वास्तविक आय’ से किया जाना चाहिए। उनके अनुसार श्रम के विभाजन, व्यापार और मुद्रा के उपयोग से ही जनता की वास्तविक आय में वृद्धि संभव है। पुस्तक में वस्तुओं की कीमतों तथा मजदूरों, पूंजीपतियों और भू-स्वामियों के आय के निर्धारण का विवेचन भी किया गया है। स्मिथ का आर्थिक चिंतन मूल रूप से निजी हित और बाजार से जुड़ा हुआ है। वे आर्थिक प्रतिस्पर्द्धा के पक्षधर थे। उनका कहना या कि अगर किसी व्यक्ति या कंपनी को एकाधिकार दे दिया जाए तो परिणाम समाज के लिए घातक सिद्ध होंगे। आर्थिक विज्ञान के ‘ए टू जेड’ कहलाने वाले स्मिथ के सूक्ष्म आर्थिक चिंतन ने ही क्लासिकी अर्थशास्त्र के लिए आधारभूमि तैयार की। उनके बारे में मजाक में कहा जाता है कि वे आर्थिक जीवन में सरकार की कोई भूमिका नहीं मानते थे।
आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक किसे कहा जाता है?
एडम स्मिथ को आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है।
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