जीवन परिचय

चार्ल्स द ग्रेट (शारलेमेन) का जीवन परिचय

चार्ल्स द ग्रेट (शारलेमेन) का जीवन परिचय

शारलेमेन डेनियर मायेंस 812 814.jpg

जन्म : 2 अप्रैल, 742

मृत्यु : 28 जनवरी, 814

फ्रैंक- नरेश चार्ल्स महान ने आठवीं सदी में संपूर्ण पश्चिमी और मध्य यूरोप को जीतकर परवर्ती रोमन साम्राज्य स्थापित किया और जर्मन, रोमन व ईसाई संस्कृतियों को एकीकृत यूरोपीय सांचे में ढाला।

जर्मनी में डच और बेल्जियम सीमाओं के समीप आशेन में जन्मे महान विजेता चार्ल्स अथवा शार्लमेन के पिता पेपिन द शार्ट थे। पेपिन ने बेल्जियम, स्विट्जरलैंड, हालँड, जर्मनी आदि पर आधिपत्य कर लोइर के दक्षिणी भाग में कब्जे तथा उत्तरी इटली के लोंबार्ड्स के खिलाफ पोप की मदद के लिए अभियान छेड़ा। चार्ल्स ने इन अभियानों में शिरकत कर कीमती युद्धानुभव अर्जित किया। 768 में पेपिन की मृत्यु के बाद पुत्रों- कार्लोमेन व शार्लमेन में उपजा द्वंद्व 771 में कार्लो की मौत से स्वतः खत्म हो गया। चार्ल्स ने पहले तो फ्रैंको के शत्रु लोबार्डो- नरेश डेसीडियस की पुत्री से शादी की, फिर भाई के मरते ही पत्नी को मायके भेज ससुर के खिलाफ जंग छेड़ दी और तीन साल में उत्तरी इटली के लोंबार्ड भूभाग को जीत लिया। चार्ल्स ने पगान सैक्सनों के खिलाफ लंबा अभियान छेड़ा। 30 वर्षों में 18 आक्रमणों की बदौलत 804 में सैक्सन पूर्णतः पराभूत हुए। उसने मुनादी की कि ईसाईयत स्वीकार करो या मौत। फलस्वरूप चौथाई सैक्सन आबादी नष्ट हो गई। चार्ल्स ने दक्षिणी जर्मनी व दक्षिण पश्चिमी फ्रांस में विस्तार किया, हंगरी व बोस्निया पर धावा बोला और अवारों को हराया। स्पेन पर धावे के बावजूद वह मूरों का सफाया नहीं कर सका। चार्ल्स सेना के साथ पशुओं की रेवड़ लेकर चलता था और शत्रु के यहां भेदिए भेजने और उन्हें लड़ाई में चकमा देने में यकीन रखता था । सन् 800 में क्रिसमस पर रोम में सेंट बैसीलिका में पोप लियो तृतीय ने उसका माथे पर ताज रखकर उसे महान रोमन साम्राज्य का सम्राट घोषित किया, जबकि ट्यूटोनिक चार्ल्स कुल चार बार ही रोम गया। वह आशेन से राज करता रहा और वहीं दफनाया गया। बहरहाल, सम्राट बनने के बाद चार्ल्स ने उत्तर में बाइकिंगों व डेनों तथा दक्षिण में बैजंती ग्रीकों व अरबों से सचेत रहते हुए शेष जीवन शांतिपूर्वक ग्रंथों-पांडुलिपियों की नकल, लैटिन की शिक्षा और ईसाईयत को बढ़ावा देने में बिताए। यद्यपि उसके बाद उसका साम्राज्य 30 वर्ष ही जीवित रहा। अलबत्ता उसके अभियानों ने परवर्ती रक्तरंजित घटनाक्रम की भूमिका रच दी।

IMPORTANT LINK…

Disclaimer

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment