पाठ योजना के प्रकार समझाइये।
पाठ-योजना के प्रकार – पाठ योजना का उद्देश्य क्या है? इन्हीं उद्देश्यों के आधार पर पाठ योजना का वर्गीकरण कर सकते हैं।
1. ज्ञान पाठ – इन पाठों में ज्ञानात्मक पक्ष को प्रस्तुत किया जाता है। इन पाठों में ज्ञान, बोध तथा प्रयोग आदि की जानकारी दी जाती है।
2. रसानुभूति पाठ – इनका सम्बन्ध शैक्षिक उद्देश्यों के भावात्मक पक्ष से होता है। इनसे छात्रों में कला, संगीत, कविता आदि के मनोभावों को व्यक्त करने की क्षमता का विकास होता है।
3. क्रिया सम्बन्धी पाठ – इन पाठों का सम्बन्ध किसी क्रिया को करने से होता है। इनसे छात्रों का कौशल पक्ष विकसित होता है। इन पाठों में सैद्धान्तिक पक्ष तथा व्यावहारिक पक्ष का समन्वय देखने को मिलता है।
4. कौशल पाठ – इन पाठों का सम्बन्ध किसी विशिष्ट कार्य में दक्षता प्राप्त करने से होता है। इसकी प्रकृति व्यावहारिक, क्रियात्मक तथा प्रयोगात्मक है। चित्रकला, संगीत तथा सिलाई आदि से सम्बन्धित विषय के पाठ कौशल के पाठ कहलाता है।
5. दोहराने वाले पाठ- पाठ के प्रभाव का ज्ञान करने के लिये दोहराने वाले पाठ या पुनरावृत्ति का होना आवश्यक है। इससे ज्ञान स्थायी रहता है।
6. सह सम्बन्धित पाठ – इस तरह के पाठ से विभिन्न प्रत्यय स्पष्ट हो जाते हैं। यही कारण है कि इन पाठों का अत्यधिक महत्व है। इस प्राविधि से पाठ रुचिकर होने के साथ-साथ स्पष्ट हो जाते हैं।
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