पाठ-योजना द्वारा विद्यार्थियों में कौनसे कौशल विकसित करना सम्भव है?
पाठ-योजना द्वारा विद्यार्थियों में निम्न कौशलों का विकास करना सम्भव हैं-
- प्रश्न करना
- समस्या की परिभाषा करना
- परिकल्पना करना
- समाधान की योजना बनाना
- निरीक्षण करना
- खोज करना
- विचार-विमर्श करना
- रिकोर्डिंग करना
- ज्ञान संगठित करना
- निष्कर्ष पर पहुँचना
- सामान्यीकरण करना
- सम्बन्धों को समझना
- पूर्व ज्ञान तथा अनुभवों का प्रयोग करना
- ज्ञान का नवीन परिस्थिति में प्रयोग करना
IMPORTANT LINk
- समस्या समाधान विधि के चरण
- भूमि निर्वाह नीति की विशेषताओं का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- शिक्षण योजना पर टिप्पणी लिखिये।
- भूमि निर्वाह नीति से आपका क्या अभिनय है? इसके चरणों को लिखिये।
- इकाई योजना से आपका क्या अभिप्राय है? समझाइये।
- वार्षिक योजना तैयार करने के चरणों को संक्षेप में लिखिये।
- राजनीति विज्ञान में समस्या समाधान विधि द्वारा समस्या चयन सम्बन्धी कौनसी सावधानियाँ रखी जानी चाहिए?
- सतत्- आन्तरिक मूल्यांकन एवं सत्रान्त-बाह्य मूल्यांकन की तुलना कीजिये ।
- सतत् व व्यापक मूल्यांकन (CCE) की संकल्पना को विकसित कीजिये।
- भूगोल शिक्षण में मूल्यांकन की विशेषताएँ
- कक्षा-कक्ष सहभागिता का आंकलन करने की मुख्य कसौटी किस प्रकार की हो सकती है?
- सामाजीकृत अभिव्यक्ति विधि के गुणों की विवेचना कीजिये।
- इकाई योजना के सोपानों को लिखिये।
- इकाई के प्रकारों का उल्लेख कीजियें।
- सतत् व व्यापक मूल्यांकन (CCE) की आवश्यकता को बताइये।
- पाठ योजना के प्रकार समझाइये।
- पाठ योजना की आवश्यकता | lesson plan required in Hindi
- दृष्टान्त सहित उदाहरण नीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रोजेक्ट विधि के अर्थ एवं स्वरूप | Meaning and nature of project method in Hindi
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