B.Ed Notes

योग शिक्षा के महत्व | Importance of yoga education in Hindi

योग शिक्षा के महत्व | Importance of yoga education in Hindi
योग शिक्षा के महत्व | Importance of yoga education in Hindi
योग शिक्षा के महत्व का उल्लेख कीजियें।

मानव का लक्ष्य प्रारम्भ से ही सांसारिक दुःखों से छुटकारा पाकर ‘स्वयं’ को खोजना रहा है। किन्तु सांसारिक विषय-माया एवं मोह के जाल में फंसकर प्राणी ‘स्वयं’ को खोज पाने में असमर्थ रहता है। इन सांसारिक विषय-से छुटकारा पाने के लिए वह विभिन्न मार्गों की शरण में जाता है। किन्तु उचित मार्गदर्शन के आभाव के कारण तथा पुरूष और प्रकृति के पार्थक्य का ज्ञान नहीं रहने के कारण वह स्वयं (आत्मा) को बन्धन ग्रस्त कर लेता है और मोक्ष की प्राप्ति नहीं कर पाता है। मोक्ष प्राप्त करने के लिए ‘योग मार्ग’ सबसे उपयुक्त एवं सरल है।

योग का अर्थ योग-दर्शन में चित्त वृत्तियों का न होना है। आत्मा और परमात्मा के मिलन का मार्ग ही योग है। योग मार्ग द्वारा समाधि अवस्था में पहुँचने का प्रयत्न किया जाता है। योग-दर्शन में योग को ‘राजयोग’ भी बताया गया है तथा योग मार्ग के लिए आठ सीढ़ियां बतायी गयी है।

केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद् के निदेशक डा. के. एन. शास्त्री के अनुसार “आजकल खेत-खलिहानों में तो काम किया नहीं जाता, मेहनत मजदूरी का भागने-दौड़ने का, खेलकूद का काम बहुत कम लोग करते है, इस कारण कुछ आम बीमारियाँ बढ़ती जा रही है, जैसे थकावट, नींद न आना, बाल झड़ना, तनाव, दमा, गठिया, मधुमेह, पीठ दर्द, गैस आदि। इन सबके अलावा अन्य बहुत सी बीमारियों का जवाब ‘योग’ शिक्षा है। प्रतिदिन एक घंटे तक किया गया योग शिक्षा बहुत ही फलदायक रहता है।” विश्व की विभिन्न समस्याओं तथा पाश्चात्य सभ्यता के अन्धानुकरण ने आज भारतीयों को पुनः योग शिक्षा की ओर मोड़ दिया है।

परीक्षा की तैयारी के दौरान कभी-कभी मन उचाट हो जाता है और लाख प्रयत्न के बाद भी मन एकाग्र नहीं हो पाता। लगातार बैठे रहने से कमर, कंधे, गर्दन और पीठ में दर्द शुरू हो जाता है। ऐसे में योग शिक्षा आपकी काफी मदद कर सकती है। चौ. चरण सिंह विवि में योग शिक्षा अनुदेशक डा. कमल शर्मा बताते हैं कि अगर नियमित रूप से कुछ योग शिक्षा की क्रियायें और आसन कुछ मिनट तक किए जाएं तो छात्रों को इससे काफी लाभ होगा। इनसे एकाग्रता बढ़ती है और शरीर रिलैक्स होता है। छात्रों में सबसे बड़ी समस्या होती है एकाग्रता की। पढ़े गए पाठ को वे अपने भीतर जल्दी उतार नहीं पाते। ऐसे में ‘योग’ काफी मददगार साबित होता है। पढ़ाई के दौरान लगातार आगे झुके रहना पड़ता है और इससे स्पाइनल पर जोर पड़ता है और शरीर में अकड़न आ जाती है। इसमें भुजंगासन काफी फायदेमंद है। कमर और रीढ़ के लिए वक्रासन भी सटीक उपाय है। लगातार पढ़ने से आंखें भी दुख जाती हैं। इसमें पामिंग लाभ देता है। आंखों में पानी के छींटे मारने से भी आराम मिलता है। एकाग्रचित होने के लिए डीप ब्रिदिंग की सहायता ली जा सकती है।

संसद में मानव संसाधन मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति ने स्कूलों में योग शिक्षा को अनिवार्य रूप से लागू किए जाने की जोरदार वकालत की है। संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि योग शिक्षा के अल्पकालिक और दीर्घकालिक फायदों को देखते हुए इसे लोकप्रियता मिल रही है। यह छात्र के जीवन पर स्थायी और सकारात्मक प्रभाव डालती है। समिति ने कहा कि भारत के इस प्राचीन ज्ञान की व्यापक क्षमता को देखते हुए देश में सभी स्कूली बच्चों के लिए योग शिक्षा को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। अपनी कार्यवाही रिपोर्ट में सरकार ने कहा कि एनसीईआरटी द्वारा तैयार किए गए नेशनल करीकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन, 2005 में स्वास्थ्य व शारीरिक शिक्षा को प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं में अनिवार्य विषय बनाया गया था। वर्तमान में तों अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्पूर्ण विश्व ने योग शिक्षा के महत्व को स्वीकर करते हुए 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया है।

IMPORTANT LINK

Disclaimer

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment