B.Ed Notes

सतत् व व्यापक मूल्यांकन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।

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सतत् व व्यापक मूल्यांकन

सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का आशय बच्चे के सर्वांगीण विकास के संबंध में आलोचनात्मक प्रतिपुष्टि प्राप्त करना है। यहाँ सतत् का आशय यह कहना है कि बच्चे के विकास का आकलन एक सामयिक घटना (सत्र परीक्षा या वार्षिक परीक्षा जैसे समयान्तराल) नहीं होती है वरन् यह शैक्षणिक सत्र की समूची अवधि लगातार चलती है। इसी प्रकार व्यापक का आशय केवल अकादमिक प्रगति को ही नहीं देखना है वरन् बच्चे के नैतिक, सामाजिक, शारीरिक, भावनात्मक विकास की भी जानकारी प्राप्त करना है। इस प्रकार सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का आशय बच्चे की अकादमिक प्रगति के लिये नियमित रूप से उसकी सामर्थ्य का लेखन, कमियों का चिन्हाकन, सुधारात्मक उपायों का उपयोग, समस्या का निदान, पुनः परीक्षण आदि प्रक्रियायें लागू करना है तथा इसमें बच्चे की अभिवृत्तियों, अभिरूचियों, जीवन-कौशलों एवं जीवन मूल्यों आदि मनोवृत्तियों में होने वाले परिवर्तनों का अनुश्रवण करके सकारात्मक दिशा प्रदान करना है।

बच्चे के शैक्षिक और सह शैक्षिक पक्षों का मूल्यांकन दो प्रकार से किया जा सकता है-

1. रचनात्मक मूल्यांकन 2. सारांक्षात्मक मूल्यांकन

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About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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