माध्यमिक स्तर पर इतिहास शिक्षण के क्या उद्देश्य होने चाहिए और क्यों?
अथवा
विद्यार्थियों को इतिहास क्यों पढ़ाया जाता है? उदाहरण सहित पांच कारण लिखिए।
अथवा
इतिहास शिक्षक को इतिहास शिक्षण के उद्देश्य जानना क्यों आश्यक है?
डा. राधाकृष्णन ने इतिहास को किसी भी राष्ट्र की स्मरण शक्ति कहा है, क्योंकि इतिहास ही उस देश के नागरिकों को उसकी सभ्यता और संस्कृति से परिचय करवाता है। माध्यमिक शिक्षा आयोग ने अपने प्रतिवेदन में माध्यमिक स्तर पर इतिहास शिक्षण के निम्नांकित उद्देश्यों को निर्धारित किया है।
1. लोकतांत्रिक नागरिकता का विकास करना।
2. छात्रों ने नेतृत्व क्षमता का विकास करना।
3. व्यक्तित्व का विकास करना।
4. व्यावसायिक कुशलता का विकास करना।
5. चरित्र का विकास करना।
इतिहास शिक्षण के उद्देश्य देश काल एवं परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। प्राचीन युग में इतिहास शिक्षण का उद्देश्य “शासकों को प्रसन्न रखना था।” मध्य युग में प्राचीन संस्कृति एवं परम्पराओं के लिए आदर भाव हो गया और वर्तमान युग में अतीत की सहायता से वर्तमान को समझना, अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना का विकास आदि हो गया। अतः इतिहास शिक्षण के उद्देश्यों का वर्गीकरण अग्रांकित प्रकार से किया जा सकता है। (अ) इतिहास शिक्षण के सामान्य उद्देश्य (ब) इतिहास शिक्षण के विशिष्ट उद्देश्य, इन उद्देश्यों को निम्न रूप में रखा जा सकता है।
(अ) इतिहास शिक्षण के सामान्य उद्देश्य- निम्नांकित रूप में इस प्रकार हैं-
(1) इतिहास के प्रति छात्रों में रूचि जाग्रत करना ।
(2) अतीत के सन्दर्भ में वर्तमान को स्पष्ट करना।
(3) मानसिक शक्तियों का विकास करना।
(4) वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना।
(5) राष्ट्रीयता की भावना का विकास करना।
(6) अन्तर्राष्ट्रीयता की भावना का विकास करना।
(ब) इतिहास शिक्षण के विशिष्ट उद्देश्य- निम्नांकित रूप में इस प्रकार हैं-
(1) ऐतिहासिक विधि का ज्ञान देना।
(2) समय ज्ञान की भावना का विकास करना।
(3) कालक्रमानुसार मानव उन्नति का अध्ययन करना।
(4) सामाजिक विकास की गतिशीलता का ज्ञान कराना।
(5) इतिहास के तार्किक, निष्पक्ष तथा तुलनात्मक अध्ययन पर बल देना।
साधारणत: इतिहास शिक्षण के निम्नलिखित उद्देश्यों को ध्यान में रखकर अध्ययन कार्य करवाया जाता है।
(1) छात्रों को इतिहास से सम्बन्धित तथ्यों, घटनाओं तथा प्रवृत्तियों से परिचित कराना तथा उन्हें समझने की योग्यता का विकास करना।
(2) विभिन्न युगों में समाज में होने वाले मुख्य मुख्य परिवर्तनों तथा घटनाओं को समझने की योग्यता का विकास करना तथा इनका महत्व बतलाना।
(3) सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक तथ्यों का अन्तर सम्बद्धता को भारतीय इतिहास में विकसित होने वाली विभिन्न प्रवृत्तियों के रूप में समझने की छात्रों में योग्यता का विकास करना।
(4) छात्रों को सभ्यता एवं संस्कृति से परिचित कराना तथा उसका महत्व समझ सकने की योग्यता का विकास करना।
(5) इतिहास अध्ययन से सम्बन्धित कौशल का विकास करना यथा मानचित्र, चार्ट, मॉडल आदि बनाना सिखलाना।
(6) इतिहास शिक्षण से छात्रों में तार्किक चिन्तन की भावना का उदय करना, जिससे वे सामाजिक समस्याओं को सही रूप से देख व जान सकें।
(7) छात्रों में राष्ट्रप्रेम की भावना का महापुरुषों के जीवनवृत के आधार पर विकास करना।
(8) अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एवं सद्भावना का विकास करना।
(9) इतिहास के माध्यम से छात्रों में मानव समाज की एकता के महत्व को समझना तथा विश्व बन्धुत्व की भावना का प्रादुर्भाव करना।
(10) मानव इतिहास में विभिन्न संस्कृतियों के योगदान से छात्रों को परिचित कराना तथा “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना का प्रादुर्भाव करना।
(11) विश्व नागरिकता के विकास का प्रयास करना, ताकि विश्व को युद्धों के भय से मुक्त कर मानवता को विनाश से बचाया जा सकें।