जीवन परिचय

महर्षि कणाद का जीवन परिचय | Maharshi Kanad Biography in hindi

महर्षि कणाद का जीवन परिचय-Maharshi Kanad Biography in hindi

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कणाद की गिनती संसार के सबसे प्राचीन वैज्ञानिक चिंतकों में होती है। उन्होंने ‘कणवाद‘ या ‘परमाणुवाद’ के जरिए संसार की उत्पत्ति का अपना अनूठा सिद्धांत दिया। संसार भर में उन्हें परमाणु-सिद्धांत के ‘ आदि जनक’ और आचार्य के रूप में याद किया जाता है।

कणाद उलूक मुनि के पुत्र थे और ईसा पूर्व छठी शताब्दी में जन्मे थे। प्रसिद्ध आचार्य सोमशर्मा के शिष्य कणाद साधु थे, पर किसी से भिक्षा नहीं मांगते थे। राह में पड़े कणों को बीन बीनकर इकट्ठा करते थे और उन्हीं से काम चलाते थे। इन कण को इकट्ठा करने के कारण ही उनका नाम कणाद पड़ा।

कणाद ने सृष्टि की मूल संरचना का पता लगाया। उन्होंने बताया कि संसार की हर चीज परमाणुओं से बनी है। परमाणु किसी पदार्थ का छोटे-से-छोटा कण है, जिसे और अधिक विभाजित नहीं किया जा सकता किसी पदार्थ के परमाणु को ज्ञानेंद्रियाँ से देखा या अनुभव नहीं किया जा सकता। ये परमाणु अकसर दो-दो के जोड़े बना लेते हैं। फिर ये जोड़े भी आपस में मिलते हैं। यों पदार्थ की रचना होती है, जिसे हम अपनी आंखों से देख सकते हैं या हाथों से छू और टटोल सकते हैं तथा महसूस कर सकते हैं।

कणाद ने पदार्थ को नौ तत्वों में बांटा है ये हैं-क्षिति, जल, तेज, वायु, आकाश, काल, दिक्, मन और आत्मा इनमें क्षिति, जल और वायु सारे ठोस, तरल तथा गैसीय पदार्थ आ जाते हैं। रंग, स्वाद, गंध, स्पर्श आदि के लिहाज से सभी पदार्थ अलग-अलग होते हैं। पर एक वर्ग के पदार्थों में कुछ सामान्य गुण-धर्म भी होते हैं। इसे सामान्यता कहते हैं। यों हर पदार्थ में सामान्यता के साथ-साथ अपनी एक अलग विशिष्टता भी होती है।

कणाद का यह भी कहना था कि अकसर तेज उष्मा या ताप दिए जाने पर पदार्थ के परमाणुओं में परिवर्तन आ जाता है या उसके रूप गुण बदल जाते हैं। पदार्थों के इस रासायनिक परिवर्तन को उन्होंने ‘पाक’ शब्द से संबोधित किया है, जिसका अर्थ है पकाना। इसका उदाहरण देते हुए कणाद कहते हैं कि मिट्टी के कच्चे बरतन को जब आग पर पकाया जाता है, तो उसका रंग ही नहीं, दूसरे गुण भी बदल जाते हैं। कच्चे आम को जब गरम कपड़े में लपेटकर रखा जाता है, तो इसका रंग, स्वाद आदि बदल जाता है। यह मूलतः परमाणुओं की अंतः क्रिया या बदलाव के कारण होता है।

परमाणु सिद्धांत के जनक कौन थे?

महर्षि कणाद को परमाणु सिद्धांत का जनक कहा जाता है।

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Anjali Yadav

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