विपणन तथा विपणन अवधारणा में अन्तर (Difference Between Marketing And Marketing Concept)
विपणन तथा विपणन अवधारणा में अन्तर- ‘विपणन’ और ‘विपणन अवधारणा’ समानार्थी शब्द नहीं हैं। स्टेण्टन ने कहा है कि “प्रशासकों अथवा प्रबन्धकों को विपणन और विपणन अवधारणा के महत्वपूर्ण अन्तर को समझना चाहिए। उनके अनुसार विपणन अवधारणा एक दर्शन (Philosophy) है, एक मनः स्थिति है। अथवा एक चिन्तन का तरीका है, जबकि विपणन एक प्रक्रिया है या व्यवसाय में कार्य करने का तरीका है। यह स्वाभाविक ही है कि सोचने के तरीके द्वारा कार्य करने के तरीके का निर्धारण होता है।” इस प्रकार जहाँ एक ओर विपणन अवधारणा चिन्तन से सम्बन्धित है, वहाँ दूसरी ओर विपणन वास्तविक कार्य से यह उल्लेखनीय है कि स्टेण्टन ने विपणन विचार को दर्शन कहा है, जबकि कुछ विद्वान इससे सहमत नहीं है। एफ0 जे0 बोर्च ने विपणन को दर्शन कहा है, न कि विपणन अवधारणा को। उनके अनुसार अवधारणा और दर्शन पर्यायवाची शब्द नहीं हैं। अवधारणा और दर्शन के मध्य अन्तर करते हुए उन्होंने लिखा है कि “दर्शन एक विस्तृत छाता है जो कि समस्त व्यावसायिक जीवन को संचालित अथवा नियन्त्रित करता है, जबकि अवधारणा दर्शन रूपी छाते द्वारा निर्धारित वातावरण में संचालन का एक मान्य तरीका है।”
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