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उपरिव्यय का अर्थ | उपरिव्यय एवं अप्रत्यक्ष व्यय में अन्तर | उपरिव्यय का वर्गीकरण

उपरिव्यय का अर्थ | उपरिव्यय एवं अप्रत्यक्ष व्यय में अन्तर | उपरिव्यय का वर्गीकरण
उपरिव्यय का अर्थ | उपरिव्यय एवं अप्रत्यक्ष व्यय में अन्तर | उपरिव्यय का वर्गीकरण

उपरिव्यय को परिभाषित कीजिए। उपरिव्यय एवं अप्रत्यक्ष व्यय में अन्तर कीजिए। अथवा उपरिव्यय का वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए। 

उपरिव्यय (Overheads) का अर्थ – ‘उपरिव्यय’ शब्द में निम्नलिखित व्यय सम्मिलित होते हैं-

  1. अप्रत्यक्ष सामग्री व्यय (Indirect Material Cost),
  2. अप्रत्यक्ष श्रम व्यय (Indirect Wages or Indirect Labour Cost). तथा
  3. अप्रत्यक्ष व्यय (Indirect Expenses)।

आई. सी. एम. ए. लन्दन – ने उपरिव्यय की निम्नलिखित परिभाषा दी हैं- “अप्रत्यक्ष सामग्री लागत, अप्रत्यक्ष पारिश्रमिक (अप्रत्यक्ष श्रम-लागत) तथा अप्रत्यक्ष व्यय के योग को उपरिव्यय कहते हैं।

स्पष्ट है कि ‘उपरिव्यय अप्रत्यक्ष व्यय से अधिक व्यापक शब्द है।

उपरिव्यय एवं अप्रत्यक्ष व्यय में अन्तर

सामान्यतः दोनों में अन्तर नहीं समझा जाता है, परन्तु आई. सी. एम. ए., लन्दन की परिभाषा ने यह अन्तर स्पष्ट कर दिया है। अप्रत्यक्ष व्यय उपरिव्यय का एक अंग हैं। कुल लागत में से यदि प्रत्यक्ष सामग्री, प्रत्यक्ष श्रम व प्रत्यक्ष व्यय को निकाल दें तो समस्त शेष उपरिव्यय कहलाता है और यदि उपरिव्यय में से अप्रत्यक्ष सामग्री व अप्रत्यक्ष श्रम व्यय को निकाल दें तो शेष अप्रत्यक्ष व्यय कहलाता है।

उपरिव्यय = अप्रत्यक्ष सामग्री + अप्रत्यक्ष श्रम + अप्रत्यक्ष व्यय

(200रु.) = (80रु) + (70 रु.) + (50रु.)

अप्रत्यक्ष व्यय = उपरिव्यय (अप्रत्यक्ष सामग्री अप्रत्यक्ष श्रम)

(50रु.) = (200रु.) (80रु. + 70रु.)

अप्रत्यक्ष व्यय व उपरिव्यय के साथ एक शब्द ‘अधिव्यय’ (On cost) का प्रयोग चलता है। हैरोल्ड जे. ह्वेल्डन के अनुसार, ‘अधिव्यय’ शब्द का प्रयोग करना गलत है। आई. सी. एम. ए. लन्दन ने भी अधिव्यय (On cost) शब्द का प्रयोग न करने की संस्तुति की है।

उपरिव्यय का वर्गीकरण

उपरिव्यय को तीन भागों में बाँटा जाता है-

1. कारखाना उपरिव्यय- इसके अन्तर्गत तीन प्रकार के व्यय सम्मिलित किये जाते हैं: (अ) अप्रत्यक्ष सामग्री, (ब) अप्रत्यक्ष श्रम, और (स) वे समस्त अप्रत्यक्ष कारखाना व्यय जो कारखाने में किये जाते हैं, जैसे-कारखाने का किराया, शक्ति, प्रकाश, मशीन का बीमा, कारखाने के प्रबन्धक तथा फोरमैन का वेतन, आदि। इसे Works Overhead भी कहते हैं।

2. कार्यालय एवं प्रशासन उपरिव्यय- जैसा कि नाम से ही विदित है, इस मद के अन्दर कार्यालय तथा प्रशासन से सम्बन्धित सभी व्यय सम्मिलित किये जाते हैं; जैसे-कार्यालय भवन का किराया, कार्यालय कर्मचारियों का वेतन, कार्यालय की सफाई तथा रोशनी व्यय, कार्यालय के संचालक तथा प्रबन्धक का पारिश्रमिक, आदि।

3. विक्रय एवं वितरण उपरिव्यय- एक वस्तु का निर्माण होने के पश्चात् उस पर किये गये सभी प्रकार के विक्रय व्यय तथा वितरण इस मद में सम्मिलित किये जाते हैं। विक्रय व्यय के उदाहरण इस प्रकार हैं: विक्रय प्रबन्धक तथा विक्रय अभिकर्त्ताओं का पारिश्रमिक, विज्ञापन व्यय, विक्रय सम्बन्धी व्यय, अप्राप्य ऋण, आदि। वितरण कार्यों के उदाहरण हैं- गोदाम व्यय, सुपुर्दगी गाड़ियों के व्यय, आदि।

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Anjali Yadav

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