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इकाई अथवा उत्पादन लागत लेखांकन से क्या आशय है? इसकी विशेषताएँ उदाहरण सहित बताइये।
इकाई अथवा उत्पादन लागत लेखांकन से आशय- इकाई अथवा उत्पादन लागत लेखांकन एक ऐसी विधि है जिसके अन्तर्गत एकरूप या एक समान (Identical) निर्मित वस्तुओं की कुल उत्पादन लागत तथा प्रति इकाई उत्पादन लागत ज्ञान की जाती है। इस विधि में निर्मित वस्तुओं की लागत एक समान होती है। इस विधि का प्रयोग सीमित दशाओं में ही किया जा सकता है। इस प्रणाली का प्रयोग अ उद्योगों में किया जाता है जहाँ एक ही प्रकार की वस्तु वर्ष भर निर्मित होती रहती है। यही कारण है कि इस पद्धति को एकल लागत पद्धति (Single Costing system) भी कहते हैं। इस पद्धति की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-
परिभाषाएँ (Definitions) –
1. जे. आर. बाटलीबॉय के अनुसार, “इकाई या उत्पादन लागत विधि उन उपक्रमों के अनुकूल होती है जो एक प्रमापित वस्तु का उत्पादन करते हैं और जिसके अन्तर्गत उत्पादन की एक स्वाभाविक इकाई की लागत की गणना की जाती है।”
2. वाल्टर डब्ल्यू. बिग के अनुसार, “जहाँ एक ही प्रकार की वस्तुएँ जिन्हें किसी परिमाण या इकाई के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, उत्पादित की जाती है, इस प्रकार की रीति का प्रयोग किया जाता है।
3. हेरोल्ड जे. हेल्डन के अनुसार, “उत्पादन लागत लेखांकन या इकाई लागत लेखांकन, लागत निर्धारण की एक ऐसी पद्धति है जो उत्पादन की इकाई पर आधारित है, जहाँ निर्माण कार्य निरन्तर होता है तथा ये इकाइयाँ समान प्रकार की होती है या उन्हें अनुपातों द्वारा एक समान बनाया जा सकता है।”
विशेषताएँ- इस पद्धति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
यह पद्धति वहीं प्रयोग में लायी जाती हैं जहाँ,
- उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है।
- उत्पादन की इकाइयाँ एक ही किस्म एवं आकार की होती है।
- उत्पादन कार्य निरन्तर (Continuous) चलता रहता है।
- उत्पादन की कुल लागत तथा प्रति इकाई लागत ज्ञान करनी होती है।
उदाहरण- इन उद्योगों के अन्तर्गत ईंट भट्टा, कागज निर्माण, चीनी मिल, कोयला खान, इस्पात निर्माण, सीमेण्ट उद्योग तथा आटा मिल आदि को शामिल किया जाता है। इस विधि में व्ययों के विभाजन की आवश्यकता नहीं पड़ती है क्योंकि समस्त व्यय एक ही प्रकार की वस्तुओं के उत्पादन पर किया जाता है। जिन उद्योगों में विभिन्न किस्म की वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है या एक ही किस्म की वस्तु विभिन्न आकारों में बनायी जाती है वहाँ प्रत्येक श्रेणी या इकाई की लागत का विश्लेषण आवश्यक होता है। वित्तीय लेखों की सहायता से एक निश्चित समयावधि में कुल व्ययों की जानकारी प्राप्त कर ली जाती है। ये व्यव उस निर्धारित समयावधि में उत्पादित वस्तुओं की कुल लागत होती है। कुल लागत में उत्पादित इकाइयों से भाग देकर प्रति इकाई लागत ज्ञात कर ली जाती है।
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