विद्यालय शिक्षा के पाठ्यक्रम महत्व एवं आवश्यकता क्या है? अथवा में भूगोल का एक विषय के रूप में वर्तमान विद्यालय पाठ्यक्रम में भूगोल के औचित्य को स्पष्ट कीजिये ।
भूगोल का महत्व (Significance / Importance of Geography)
आजकल ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में भूगोल का बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। यह आज अनेक उपयोगी जानकारियाँ प्रदान कर मानव विकास में सहायक सिद्ध हो रहा है। निम्नलिखित योगदान के लिए भूगोल का विशेष महत्त्व है-
(1) मानव जिज्ञासा की तुष्टि – प्राणी मात्र से अज्ञात स्थानों के संबंध में जानकारी करने की स्वाभाविक प्रवृति होती है। मानव का भी यही स्वभाव है। इस जिज्ञासावश वह न केवल अपने आस- पास बल्कि देश-विदेश के संबंध में भी जानना चाहता है। आज भूगोल संसार और उसके विभिन्न भागों और वहाँ के निवासियों की विशिष्टताओं का विस्तार से अध्ययन करता है। इस तरह भूगोल लोगों की स्वाभाविक जिज्ञासा की तुष्टि करने में सहायक हो रहा है।
( 2 ) संसाधन नियोजन – आज संसार में सर्वत्र आर्थिक विकास के लिए होड़ लगी हुई है। आर्थिक विकास के साथ साथ विभिन्न प्रकार के संसाधनों का उपयोग भी तेजी बढ़ रहा है। संसार में संसाधनों की मात्रा असीमित नहीं है। भूगोल संसाधनों का अध्ययन कर हमें उनके नियोजित ढंग से उपयोग करने की दिश का बोध करवाता है।
( 3 ) देश की सुरक्षा में सहायक – आधुनिक समय में लड़े जाने वाले युद्ध बड़े व्यापक प्रभाव वाले होते हैं। इसमें केवल सैनिक ही नहीं बल्कि समूचा देश लंड़ता है। अतः युद्ध के समय भूगोल का ज्ञान सैनिकों एवं देश के नेताओं के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने में सहायक होता है।
(4) क्षेत्रीय विकास में सहायक – भूगोल में प्रादेशिक अध्ययन पर विशेष बल दिया जाता है। प्रादेशिक अध्ययन हमें क्षेत्र विशेष की समस्याओं को समझने और उनको दूर करने में सहायक होता प्रादेशिक विकास की योजना बनाने में यह विशेष रूप से लाभदायक सिद्ध होता है।
(5) विश्व बन्धुत्व में सहायक – आधुनिक युग में परिवहन तथा संचार के तीव्रगामी साधनों के कारण समूचा संसार एक हो गया है। इसके फलस्वरूप विभिन्न देशों के बीच अन्तर्देशीय संबंध स्थापित हो गए हैं। आज कोई भी देश आत्म-निर्भर न होकर परस्पर निर्भर बन गए है। भूगोल विश्व के विभिन्न देशों और उनके निवासियों के बारे में ज्ञान कराकर लोगों के मन में सद्भावना और सहानुभूति का भाव उत्पन्न करता है। इस तरह भूगोल संसार में विश्व बन्धुत्व की भावना के विकास में सहायक होता है।
निष्कर्ष रूप में यह कहा जा सकता है कि बौद्धिक संसार में मनुष्य को भूगोल का ज्ञान नेतृत्व के योग्य बनाता है। अतः समय की द्रुतगति के साथ यदि हम आज आगे बढ़ना चाहते हैं तो इसका ज्ञान प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपरिहार्य है।
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