अक्षांश और देशान्तर रेखाएँ क्या हैं? उनकी विशेषताओं और उपयोग का विवेचन कीजिये।
अक्षांश और देशान्तर पृथ्वीतल पर ऐसी गणितीय और काल्पनिक रेखाएँ हैं जिनकी सहायता से पृथ्वी तल पर स्थित किन्हीं भौतिक या सांस्कृतिक तत्वों की स्थिति ज्ञात की जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु उत्तरी ध्रुव है जो अन्य बिन्दुओं और सन्दर्भ रेखाओं की स्थिति निर्धारित करने में सहायता करता है। पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है और इस धुरी का ऊपरी भाग स्थायी रूप से ध्रुव तारे की सीध में रहता है। इसे उत्तरी ध्रुव तथा धुरी का विपरीत सिरा दक्षिणी ध्रुव कहलाता है। दोनो ध्रुवों से समान दूरी पर स्थित वृत्ताकार रेखा विषुवत रेखा कहलाती है। यह वृत्ताकार रेखा जिस सतह पर होकर जाती है उसे विषुवत रेखीय सतह कहते हैं। यह सतह पृथ्वी के मध्य होकर निकलती है। विषुवत रेखा के उत्तरी भाग उत्तरी गोलार्द्ध और दक्षिणी भाग दक्षिणी गोलार्द्ध कहलाता है।
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अक्षांश (Latitude)
डा.जे.पी. शर्मा के अनुसार ‘ग्लोब पर किसी स्थान तथा भूमध्य रेखा के मध्य याम्योत्तर या ध्रुव वृत (Meridians) के चाप की अंशों में मापी गई कोणीय दूरी को उस स्थान का अक्षांश कहते हैं।’ मूरे के अनुसार, ‘विषुवत रेखा के उत्तर या दक्षिण में पृथ्वी के केन्द्र से मापी गई पृथ्वी तल पर किसी बिन्दु की कोणीय दूरी को उस स्थान का अक्षांश कहते हैं। उदाहरण के लिए यदि हम कहते हैं कि दिल्ली का अक्षांश 28 1°/2 है तो इसका अर्थ हुआ कि दिल्ली पृथ्वी के केन्द्र पर भूमध्य रेखा से 28 1°/2 का कोंण बनाती है। भूमध्य रेखा का अक्षांश 0° और ध्रुवों का अक्षांश 90° होता है। एक अंश में 60 मिनट (‘) और एक मिनट में 60 सैकण्ड (“) होते हैं। ग्लोब पर सभी ध्रुव वृत्तों के भूमध्य रेखा से समान दूरी पर स्थित बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा को अक्षांश रेखा या अक्षांश वृत्त कहते हैं। ये काल्पनिक रेखाएँ है। विषुवत रेखा के उत्तर की अक्षांश रेखाओं को उत्तरी अक्षांश रेखा और दक्षिण में स्थित अक्षांश रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश रेखा कहते हैं। भूमध्य रेखा को सम्मिलित करते हुए अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या 90+90+1=181 होती है। 45° की अक्षांश रेखा विषुवत रेखा की लम्बाई की आधी नहीं होकर 60° अक्षांश आधी लम्बाई की होती है। स्पष्ट है कि विषुवत रेखा से ध्रुवों की ओर अक्षांश रेखाओं की लम्बाई कम होती जाती है लेकिन उनमें परस्पर दूरी स्थित रहती है।
अक्षांश रेखाओं की विशेषताएँ:-
- सभी अक्षांश रेखाएँ एक दूसरे के समानान्तर तथा परस्पर समान दूरी पर बनी होती हैं।
- अक्षांश रेखाएँ सदैव पूर्व-पश्चिम दिशा में खिर्ची होती है।
- ध्रुवों के अक्षांश वृत्त बिन्दुओं के रूप में होते हैं।
- भूमध्य रेखा जो एक अक्षांश रेखा है दोनों ध्रुवों से समान दूरी पर स्थित है।
- ध्रुवों के अतिरिक्त ग्लोब का प्रत्येक बिन्दु किसी न किसी अक्षांश रेखा पर स्थित है।
- अक्षांश रेखाओं की किलोमीटर में वास्तविक लम्बाई भूमध्य रेखा से दूर जाने पर कम होने लगती है।
- अक्षांश रेखाएँ देशान्तर रेखाओं को समकोंण पर काटती है।
देशान्तर रेखाएँ:-(Longitude)
यदि हम उ. ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव को किसी सीधी रेखा द्वारा जोड़ दें तो इस रेखा को याभ्योत्तर या मेरीडियन (Meridian) कहेंगें। चूँकि एक देशान्तर रेखा पर स्थित सभी स्थानों पर एक निश्चित समय पर सूर्य किरणें सर्वाधिक ऊँचाई से आती है जिसके फलस्वरूप देशान्तर रेखाओं को मेरीडियन भी कहते हैं। मेरीडियन लेटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ मध्यान्ह है। अक्षांश रेखाओं में भूमध्य रेखा अधिक लम्बी होने से उसे सन्दर्भ रेखा माना गया। लेकिन देशान्तर रेखाएँ समान लम्बाई की होने से इनमें से किसको सन्दर्भ रेखा माना जाए यह समस्या पैदा हुई। वर्ष 1884 एक अन्तर्राष्ट्रीय गोष्ठी के अनुसार विश्व के सभी राष्ट्रों ने लन्दन के समीप स्थित ग्रीनविच रायल प्रेक्षणशाला से होकर जाने वाले याभ्योत्तर को प्रमुख मेरिडियन माना गया। इसी को शून्य डिग्री देशान्तर याभ्योत्तर कहा जाता है। यह याभ्योत्तर ठीक 180° याभ्योत्तर के विपरीत है। चूँकि वृत्त में 360° होते हैं अत: देशान्तर रेखाओं की कुल संख्या 360 है। 0° मैरिडियन के पूर्व में 180 और पश्चिम में 180 देशान्तर रेखाएँ होती है। प्रमुख मेरिडियन के पूर्व में स्थित पूर्वी देशान्तर और पश्चिम में स्थित पश्चिमी देशान्तर रेखाएँ कहलाती है।
एक मेरीडियन ध्रुव पर प्रधान मेरीडियन के साथ जो कोण बनाती है उसे देशान्तर कहते हैं। ग्लोब पर किन्हीं दो परस्पर विरोधी देशान्तर रेखाओं के मिलने पर एक पूर्ण वृहत्त वृत्त बन जाता है।
देशान्तर रेखाओं की विशेषताएँ:-
- सभी देशान्तर रेखाएँ ध्रुवों को जोड़ने वाले अर्धवृत्ताकार रूप में होती है।
- ये उत्तर-दक्षिण दिशा में विस्तृत होती हैं।
- सभी देशान्तर रेखाएँ समान लम्बाई की होती हैं और प्रत्येक मध्यान्ह रेखा भूमध्य रेखा की आधी लम्बाई के बराबर होती है।
- सभी देशान्तर रेखाएँ ध्रुवों पर मिलती है।
- देशान्तर रेखाएँ अक्षांश रेखाओं को समकोण पर काटती हैं।
- भूमध्य रेखा पर दो देशान्तर रेखाओं की परस्पर दूरी सर्वाधिक होती है जो ध्रुवों पर घटकर शून्य हो जाती है।
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