Contents
अमर्त्य सेन का जीवन परिचय
परिचय बिंदु (Introduction Points) | परिचय (Introduction) |
पूरा नाम ((Full Name) | अमर्त्य सेन |
जन्म (Birth Date) | 3 नवम्बर 1933 |
जन्म स्थान (Birth Place) | बंगाल के शान्तिनिकेतन में |
पेशा (Profession) | इकोनोमिस्ट |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
उम्र (Age) | 85 वर्ष |
गृहनगर (Hometown) | शान्ति निकेतन, पश्चिमी बंगाल |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
जाति (Caste) | ब्राह्मिण |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
राशि (Zodiac Sign) | वृश्चिक |
अमर्त्य सेन :प्रारम्भिक जीवन (Amartya Sen: Early Life)
आर्थिक व्यवस्था और विकास के साथ मानवीय क्षमता के विकास के पक्षधर भारत के संदर्भ में भूमि सुधार, शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति संवेदनशील|
अमर्त्य सेन की प्रमुख कृतियां
कलेक्टिव च्वाइस एंड वेलफेयर (1970), पॉवर्टी एंड फैमिन (1981), इंडिया इकोनॉमिक डवलपमेंट एंड सोशल अपार्म्युनिटी ।
अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन का जन्म बंगाल में हुआ। शांति निकेतन में पले-बढ़े डॉक्टर सेन ने दुनिया के नामी-गिरामी विश्वविद्यालय जैसे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, ऑक्सफोर्ड और हारवर्ड में पढ़ाया है। अमर्त्य सेन की सबसे बड़ी विशेषता है उनके कार्य या शोध का व्यापक दायरा भारतीय आर्थिक इतिहास, भारतीय अर्थव्यवस्था का अनुमान लगाना, शिक्षा का अर्थशास्त्र, पूंजी सिद्धांत, आर्थिक विकास और वितरण सिद्धांत, कास्ट बेनेफिट विश्लेषण, नियोजन सिद्धांत, कृषि अर्थशास्त्र, कल्याण अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र का दर्शन, रोजगार, गरीबी और विषमता तथा लोकतंत्र में ‘स्टेट एक्शन’ की आवश्यकता पर बल । संभवतः वर्तमान अर्थशास्त्रियों में सबसे व्यापक कार्य का रेंज सेन का ही है। सेन का मत है कि सोशल च्वाइस थ्योरी को समाज में जो वितरण की व्यवस्था है, उससे समता या बराबरी की आवश्यकता पर जोर देना चाहिए। सेन की कोशिश रही है कि कल्याणकारी अर्थशास्त्र का लक्ष्य वस्तुओं के उत्पादन या उपयोगिता को अधिकाधिक बनाने हेतु से हटकर मनुष्य के ‘कैपेबिलिटीज’ के विकास की ओर ध्यान हो ।
भारत की सामाजिक विषमता और पिछड़ेपन के कारणों की व्याख्या करते हुए सेन मानते हैं कि संविधान में प्रावधान के बावजूद शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण पर उचित ध्यान नहीं दिया गया। उनकी राय में चीन और दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों की आर्थिक तरक्की का एक बड़ा कारण यह है कि वहां साक्षरता पर सबसे अधिक बल दिया गया है। भारत में सरकारों की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं की अपर्याप्त व्यवस्था को पिछड़ेपन का दूसरा कारण मानते हुए सेन चाहते हैं कि आम आदमी को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। उनकी राय में गांव में गरीबी उन्मूलन और समाज की समृद्धि के लिए भूमि सुधार अधिक चिरस्थायी आधार तैयार करता है। सेन बाजार व्यवस्था के हिमायती जरूर हैं, लेकिन भारत के संदर्भ में वे भूमि सुधारों, शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण और स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति गहन रूप से संवेदनशील हैं।
पुरस्कार तथा सम्मान
- एडम स्मिथ प्राइज, 1954
- फॉरेन ऑनरेदी मेम्बर ऑफ दि अमेरिकन अकाडेमी ऑफ आर्ट्स एंडबसाइंसेज, 1981
- इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा ऑनरेरी फैलोशिप, 1984
- नोबेल प्राइज इन इकानोमिक साइसेज, 1998
- भारत रत्न 1999
- बंग्लादेश की ऑनरेरी राष्ट्रीयता 1999
- आर्डर ऑफ कम्पैनियन ऑफ ऑनर-यूके 2000
- ले ओन्तिएफ प्राइज, 2000
- आइजनहावर मेडल फॉर लीडरशिप एंड सर्विस, 2000
- 351 वीं स्प एट हार्वर्ड, 2001
- इण्डियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, 2004
- यूनिवर्सिटी ऑफ पाविया द्वारा आनरेरी डिग्री, 2005 नेशनल ह्यूमैनिटीज मेडल, 2011
- ऑर्डर ऑफ दि एज्टेक ईगल, 2012
- कमांडर ऑफ दि फ्रेंच लीजन ऑफ ऑनर, 2013
- एडीटीवी 25 ग्रेटेस्ट ग्लोबल लिविंग लीजेन्ड्स इन इण्डिया, 2014
- ब्रिटिश की रॉयल अकादमी द्वारा वर्ष 2015 में चार्ल्सटन ईएफजी जॉन मेनार्ड कीन्स अवार्ड
- इसके अलावा श्री अमर्त्य सेन को कई अन्य पुरस्कारों द्वारा भी सम्मानित किया गया।
IMPORTANT LINK
- कविवर घनानन्द का जीवन परिचय
- तुलसीदास का जीवन परिचय
- महाकवि निराला का जीवन परिचय
- पॉलो फ्रेरा का जीवन परिचय
- सुमित्रानन्दन पंत का जीवन परिचय
- राजेन्द्र यादव का जीवन परिचय
- भीष्म साहनी का जीवन परिचय
- कबीर का जीवन परिचय
- भगवतीचरण वर्मा का जीवन परिचय
- कविवर बिहारी का जीवन-परिचय
Disclaimer