जीवन परिचय

कैथरीन द्वितीय का जीवन परिचय | Catherine the Great Biography in Hindi

कैथरीन द्वितीय का जीवन परिचय

जन्म : 21 अप्रैल, 1729

मृत्यु: 6 नवंबर, 1796

जर्मन मूल की रूसी साम्राज्ञी कैथरीन ने राजकाज एवं राजनय में अद्भुत कुशलता का परिचय दिया। उसने रूस की सीमाओं का विस्तार कर कई उपनिवेश स्थापित किए और पश्चिमी करण को गति दी। उसने कला-संस्कृति को भी प्रश्रय दिया।

रूसी साम्राज्ञी कैथरीन द्वितीय (पूरा नाम एकातेरिना एलेक्सेयेव्ना) का वास्तविक नाम सोफी आगस्टा फ्रेडरिका था। जर्मन राजकुमारी सोफी युवराज क्रिस्टीना आगस्टस एलिजाबेथ होल्स्टाइन की संतान तथा स्वीडन के गुस्ताव तृतीय और चार्ल्स तेरहवें को चचेरी बहन थी। 1744 में जारिना ने उसे पीटर तृतीय के लिए वधू चुना, किंतु पीटर और कैथरीन में निभी नहीं कैथरीन अति विदुषी, सुशिक्षिता, प्रत्युत्पन्नमति और महत्वाकांक्षी महिला थी वॉल्तेयर और दिदेरा से उसका नियमित पत्राचार था। पति पीटर असंतुलित व झक्की था। उसके राज्याभिषेक के कुछेक माह बाद ही कैथरीन ने ग्रिगोरी आर्लोव के साथ राजप्रासाद पर धावा बोल दिया। पीटर ने पलायन किया और 28 जून, 1762 को कैथरीन विधिवत गद्दी पर बैठी। मुगाचोव विद्रोह समेत अनेक बगावतों का उसने कठोरता से दमन किया। पुगाचोव को मृत्युदंड के बाद उसने चार्टर के माध्यम से कुलीनों को राजकीय सेवा और करों से मुक्त कर पुश्तैनी ओहदे एवं भू-अधिकार दिए पसंदीदा कुलीनों को उक्रेन में जागीरे दी, अलास्का को उपनिवेश बनाया, विदेशी निवेश और शिक्षा को प्रोत्साहन दिया। ब्रिटिश डॉक्टर टॉमस डिम्सडेल से चेचक का पहला टीका स्वयं लगवाकर उसने भयभीत रूसी प्रजा और यूरोपीय राज्यों को टीका लगवाने को प्रेरित किया। स्त्रियों के लिए उसने स्मोल्नी इंस्टीट्यूट खोला। उसने कॉमेडी, कथाएं, संस्मरण लिखे। वह महान यूलर को बर्लिन से पीटर्सबर्ग लाई। कैथरीन ने स्वीडन और तुर्की से कामयाब लड़ाइयां लड़ीं, आटोमन साम्राज्य से क्रीमिया छीना, पूर्व प्रेमी स्तानिस्लाव पोनियातोव्स्की को पोल सिंहासन पर बिठाया। बवेरिया में 1778-79 में उत्तराधिकारी संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभाई और अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटेन के खिलाफ तटस्थ जहाजरानी की सूत्रधार बनी। उसने काला सागर क्षेत्र में रूस की स्थिति सुदृढ़ की, इस्लाम के प्रति सहिष्णुता बरती और पोलैंड को प्रशा और आस्ट्रिया के साथ बांट लिया। आकस्मिक मृत्यु से पुत्र पॉल के बजाय पौत्र अलेक्सांद्र को उत्तराधिकारी बनाने की उसकी मंशा पूरी नहीं हो सकी।

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Anjali Yadav

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