B.Ed Notes

कक्षा-8 के लिए इतिहास विषय में किसी प्रकरण पर पाठ योजना बनाइए।

कक्षा-8 के लिए इतिहास विषय में किसी प्रकरण पर पाठ योजना बनाइए।
कक्षा-8 के लिए इतिहास विषय में किसी प्रकरण पर पाठ योजना बनाइए।

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आदर्श पाठ-योजना

विद्यालय का नाम- कालीचरन इंटर कालेज, लखनऊ

छात्राध्यापक का नाम- अवधेश झा

दिनांक                  कक्षा            विषय              चक्र          अवधि

03-04-2018        8 अ             इतिहास           7             45 मिनट

प्रकरण- ‘नवजागरण’

सामान्य उद्देश्य-

  1. इतिहास के प्रति छात्रों में रुचि जाग्रत करना ।
  2. भारतीय संस्कृति से परिचित कराना।
  3. वर्तमान को स्पष्ट करना ।
  4. अतीत वर्तमान में सम्बन्ध स्थापित करना।
  5. मानसिक शक्तियों का विकास करना।
  6. वैज्ञानिक दृष्टिकोणों का विकास करना।

विशिष्ट उद्देश्य

  1. छात्र-छात्राओं को नवजागरण के विषय में विशिष्ट जानकारी प्रदान करना।
  2. छात्र-छात्राओं में नवजागरण करने वाले विचारों के विषय में जानकारी देना।

सहायक सामग्री- ब्रह्म समाज के प्रवर्तक राजा राममोहन राय का चित्र ।

पूर्व ज्ञान- छात्र-छात्राओं को सुधार आन्दोलन की सामान्य जानकारी है।

प्रस्तावना-

  1. भारतीय सामाजिक जीवन का मुख्य आधार क्या है ?
  2. धार्मिक कट्टरता के कारण भारतीय समाज में क्या व्याप्त था ?
  3. 19वीं शताब्दी में सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध हुए आन्दोलनों को क्या कहते हैं ?

उद्देश्य कथन- आज हम लोग ‘नवजागरण’ नामक पाठ का अध्ययन करेंगे।

प्रस्तुतीकरण- अध्ययन-अध्यापन की सुविधा के लिए प्रकरण का अध्ययन दो अन्वितियों में किया जायेगा।

प्रथम अन्विति

 

पाठन विधि छात्राध्यापक क्रियाएँ पाठ्यवस्तु छात्र क्रियाएँ
  1. 19वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध किस काल के नाम से प्रसिद्ध है ?
  2. नवजागरण काल में मुख्य रूप से क्या प्रयत्न हुए ?
  3. इन सामाजिक कुरीतियों का मुख्य आधार क्या था ?
  4. 19वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध भारत में किस काल के नाम से प्रसिद्ध है ?
  5. इसे हम नवजागरण काल क्यों कहते हैं ?
  6. उस समय कौन-कौन सी प्रमुख सामाजिक बुराइयाँ व्याप्त थीं ?
  1. 19वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध नवजागरण काल के नाम से प्रसिद्ध है।
  2. नवजागरण काल में सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के प्रयत्न हुए।
  3. इन सामाजिक कुरीतियों का मुख्य आधार धर्म था।
  4. 19वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध भारत में नव जागरण काल से प्रसिद्ध है।
  5. इसे नवजागरण काल वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास से कहते हैं।
  6. उस समय सती प्रथा, बाल विवाह, छुआछूत आदि सामाजिक कुरीतियाँ व्याप्त थीं।

शिक्षक कथन- 19वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध भारत में नवजागरण काल कहा जाता है। तत्कालीन समाज में अनेक कुरीतियाँ व्याप्त थीं। इनमें से अनेक कुरीतियों को धर्म का प्रश्रय मिला। 19वीं शताब्दी में देश के हर भाग में, समुदाय में सामाजिक सुधारों के लिए आन्दोलन हुए और इन्हीं के द्वारा सामाजिक कुरीतियाँ दूर हुईं।

शिक्षक कथन- सामाजिक कुरीतियों के कारण भारतीय समाज अत्यधिक पिछड़ा हुआ था। उसमें एकता का अभाव था। भारतीय समाज में प्रचलित इन बुराइयों को दूर करने के लिए अनेक सन्तों एवं समाज सुधारकों ने प्रयास किये। उनके प्रयासों से भारतीयों में वैज्ञानिक दृष्टिकोणों का विकास हुआ और इन आन्दोलनों को बल मिला।

श्यामपट्ट कार्य

बोध प्रश्न श्यामपट्ट सारांश
  1. 19वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध किस नाम से प्रसिद्ध है ?
  2. उस समय का भारतीय समाज कैसा था ?
  3. सुधार आन्दोलन के फलस्वरूप भारतीय लोगों के दृष्टिकोणों में क्या परिवर्तन हुए ?
  4. राजा राममोहन राय किन विचारों से प्रभावित थे ?

  5. वे धर्म में किन मूल्यों को प्रतिष्ठित करना चाहते थे ?

  6. ब्रह्म समाज की स्थापना किसने की ?

  1. 19वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध ‘नवजागरण काल’ के नाम से प्रसिद्ध है।
  2. उस समय का भारतीय समाज बुराइयों से युक्त था।
  3. सुधार आन्दोलन के फलस्वरूप भारतीय लोगों के दृष्टिकोणों में वैज्ञानिकता का विकास हुआ।
  4. राजा राममोहन राय पश्चिमी विचारों से प्रभावित थे।

  5. वे धर्म में मानवीय मूल्यों को प्रतिष्ठित करना चाहते थे।

  6. ब्रह्म समाज की स्थापना राजा राममोहन राय ने की।

आवृत्ति प्रश्न-

  1. 19वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध किस नाम से जाना जाता है ?
  2. नवजागरण काल के पूर्व समाज में कौन-कौन सी बुराइयाँ थीं ?
  3. सामाजिक कुरीतियों का मुख्य आधार क्या था ?

छात्राध्यापक कथन- भारतीय समाज की कुरीतियों को दूर करने में राजा राममोहन राय का प्रमुख स्थान है। उन्होंने भारतीय समाज की अनेक बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया। वे पश्चिमी विचारों से प्रभावित थे। उन्होंने धर्म के बाह्य-आडम्बरों को त्यागकर मानवीय मूल्यों को प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया।

छात्राध्यापक कथन- राजा राममोहन राय ने ‘ब्रह्म सभा’ की स्थापना की। यही संस्था आगे चलकर ब्रह्म समाज के नाम से प्रसिद्ध हुई। ब्रह्म समाज द्वारा एकेश्वरवाद को समर्थन एवं मूर्ति पूजा का विरोध किया गया। उसके बाद देवेन्द्र टैगोर ने इसके सिद्धान्तों का प्रसार किया। केशवचन्द्र सेन ने उन्हें इस कार्य में भरपूर सहयोग दिया।

श्यामपट्ट कार्य

बोध प्रश्न श्यामपट्ट सारांश
  1. ब्रह्म समाज की स्थापना /किसने की ?
  2. ब्रह्म समाज के उद्देश्यों एवं कार्यों को किसने बढ़ाया ?
  3. ब्रह्म समाज का पूर्व नाम क्या था ?
  4. ब्रह्म समाज द्वारा मुख्य रूप से किसका समर्थन किया गया ?
  5. ब्रह्म समाज के कार्यों में किसने सहयोग प्रदान किया ?
  1. ब्रह्म समाज की स्थापना राजा राममोहन राय ने की।
  2. ब्रह्म समाज के उद्देश्यों एवं कार्यों को देवेन्द्रनाथ टैगोर ने आगे बढ़ाया।
  3. ब्रह्म समाज का पूर्व नाम ‘ब्रह्मसभा’ था।
  4. ब्रह्म समाज द्वारा मुख्य रूप से एकेश्वरवाद का समर्थन किया गया।
  5. ब्रह्म समाज के कार्यों में केशवचन्द्र सेन ने भरपूर सहयोग प्रदान किया।

लिखित एवं निरीक्षण कार्य- श्यामपट्ट पर छात्राध्यापक द्वारा लिखे गये प्रश्नों के उत्तर छात्र अपनी उत्तर पुस्तिका पर उतारते चलेंगे। छात्राध्यापक उसका निरीक्षण करेगा।

आवृत्ति प्रश्न

  1. ब्रह्म समाज की स्थापना किसने की ?
  2. समाज का पूर्व नाम क्या था ?
  3. ब्रह्म समाज में किसने-किसने सहयोग प्रदान किया ?

पुनरावृत्यात्मक प्रश्न

  1. इतिहास में कौन-सा काल नवजागरण काल कहा जाता है ?
  2.  नवजागरण काल के पूर्व समाज में कौन-कौन सी प्रमुख सामाजिक बुराइयाँ थीं ?
  3. सती प्रथा के अन्त में किसने सहयोग प्रदान किया ?
  4. ‘ब्रह्म सभा’ किस नाम से प्रसिद्ध हुई ?

गृह कार्य- ब्रह्म समाज पर एक लेख लिखिए।

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About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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