भूमि निर्वाह नीति से आपका क्या अभिनय है? इसके चरणों को लिखिये।
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पात्र-अभिनय अथवा भूमि-निर्वाह नीति
यह अभिनयात्मक विधि है जिसका संबंध ज्ञानात्मक तथा सामाजिक कौशल विकसित करने से है। इससे छान्नों की रूचि, अभिरूचि तथा अभिवृत्ति में परिवर्तन लाया जा सकता है। इससे अनुकरणीय शिक्षण को महत्व दिया जाता है। इस पान्न अभिनय या नाटकीय विधि में कक्षा को छोटे-छोटे समूहों में बाँट दिया जाता है और उनसे दूसरों के अनुभवों का अनुकरण कराया जाता है।
इसमें क्रमशः छात्रों को शिक्षक और छात्र दोनों ही प्रकार के रोल खेलने पड़ते हैं। इसके माध्यम से एक छात्र शिक्षक बन जाता है और शेष उस समूह के छात्र उस शिक्षक के वास्तविक छात्रों का अभिनय करते हैं और अपनी भावनाओं तथा अनुभवों को स्वाभाविक रूप से व्यक्त करते है। इसमें छात्रों को अभिनय के लिए कोई अभ्यास छात्रों को करना होता है।
पात्र अभिनय के सोपान
निम्नांकित सोपानों का अनुसरण कर ‘पात्र-अभिनय’ किया जाता है-
- प्रकरण अथवा पाठ का चुनाव।
- कार्यक्रम की रूपरेखा बनाना।
- छात्रों को बताना कि उन्हें किस-किस पात्र की और कब-कब भूमिका निभानी होगी।
- व्यवहार की निरीक्षण विधि का निर्धारण
- शिक्षण का अभ्यास (वास्तविक पात्र अभिनय) करना।
- पात्र अभिनय की समीक्षा करना।
- भविष्य के लिए सुधार हेतु सुझावों पर वार्तालाप करना ।
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