श्रम लागत या कर्मचारी लागत एवं लागत लेखांकन मानक-7 के अनुसार श्रम लागत को परिभाषित कीजिए।
श्रम लागत का आशय (Meaning of Labour Cost)— किसी उद्योग में कार्यरत श्रमिकों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जो भी व्यय किया जाता है उसके योग को श्रम लागत कहते हैं। श्रमिकों को दी जाने वाली मूल मजदूरी, मंहगाई भत्ते एवं बोनस के अतिरिक्त स्थगित मौद्रिक लाभ भी श्रम लागत में सम्मिलित होते हैं। लागत लेखांकन के दृष्टिकोण से श्रम लागत को दो भागों में बाँटा जा सकता है-
( 1 ) प्रत्यक्ष श्रम लागत (Direct Labour Cost)– किसी वस्तु या उपकार्य के निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत मजदूरों को दी जाने वाली मजदूरी प्रत्यक्ष श्रम लागत कहलाती है। यह वस्तुओं या सेवाओं के उत्पादन से प्रत्यक्ष रूप से सम्बन्धित होती है। अतः यह श्रम वस्तु की दशा, रूप या ढाँचे में परिवर्तन करने में लगाया जाता है। जैसे फर्नीचर के उद्योग में मेज, कुर्सी आदि बनाने वाले श्रम की मजदूरी, ईटों के भट्टे पर ईट बनाने वाले श्रम की मजदूरी आदि ।
( 2 ) अप्रत्यक्ष श्रम लागत (Indirect Cost Labour)– अप्रत्यक्ष श्रम लागत में उन श्रमिकों व कर्मचारियों की मजदूरी व वेतन को सम्मिलित किया जाता है जिनका वस्तु के उत्पादन से सीधा सम्बन्ध नहीं होता है। परन्तु उत्पादन कार्य में सहयोग देते हैं। जैसे गेट-कीपर, चौकीदार, टाइम-कीपर, फोरमैन आदि। अप्रत्यक्ष श्रम की लागत को सुविधापूर्वक किसी कार्य, प्रक्रिया या वस्तु विशेष पर नहीं डाला जा सकता। ऐसा श्रम सम्पूर्ण कारखाने से सम्बन्धित होता है।
प्रत्यक्ष श्रम लागत मूल लागत (Prime cost) – का हिस्सा होती है, परन्तु अप्रत्यक्ष श्रम लागत उपरिव्यय में सम्मिलित की जाती है। अतः इस अध्याय के अन्तर्गत केवल प्रत्यक्ष श्रम लागत का ही अध्ययन किया गया है तथा अप्रत्यक्ष श्रम लागत का अध्ययन उपरिव्यय वाले अध्याय के अन्तर्गत आगे किया गया है।
श्रम लागत या कर्मचारी लागत एवं लागत लेखांकन मानक-7 (Employee Cost or Labour Cost and Cas 7 ) — लागत लेखांकन मानक 7 के अनुसार, “किसी उपक्रम के कर्मचारियों (अस्थायी, अंशकालिक एवं ठेके पर कर्मचारियों को शामिल करते हुए) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिये भुगतान किये गये, भुगतान के लिये देय तथा भावी भुगतानों के लिए प्रावधानों सहित सभी प्रतिफलों के योग को कर्मचारी लागत कहते हैं। प्रतिफलों में मजदूरी, वेतन, संविदा, भुगतान और लाभों या कर्मचारी की ओर से किये गये भुगतानों को शामिल किया जाता है, इसे श्रम लागत भी कहते हैं।”
Employee Cost: The aggregate of all kinds of consideration paid, payable and provisions made for future payments for the service rendered by employees of an enterprise (including temporary, part time and contract employees). Consideration includes wages, salary contractual payments and benefits, as applicable or any payment made on behalf of employees. This is also known as “Labour Cost.”
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