सतत् व व्यापक मूल्यांकन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
सतत् व व्यापक मूल्यांकन
सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का आशय बच्चे के सर्वांगीण विकास के संबंध में आलोचनात्मक प्रतिपुष्टि प्राप्त करना है। यहाँ सतत् का आशय यह कहना है कि बच्चे के विकास का आकलन एक सामयिक घटना (सत्र परीक्षा या वार्षिक परीक्षा जैसे समयान्तराल) नहीं होती है वरन् यह शैक्षणिक सत्र की समूची अवधि लगातार चलती है। इसी प्रकार व्यापक का आशय केवल अकादमिक प्रगति को ही नहीं देखना है वरन् बच्चे के नैतिक, सामाजिक, शारीरिक, भावनात्मक विकास की भी जानकारी प्राप्त करना है। इस प्रकार सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का आशय बच्चे की अकादमिक प्रगति के लिये नियमित रूप से उसकी सामर्थ्य का लेखन, कमियों का चिन्हाकन, सुधारात्मक उपायों का उपयोग, समस्या का निदान, पुनः परीक्षण आदि प्रक्रियायें लागू करना है तथा इसमें बच्चे की अभिवृत्तियों, अभिरूचियों, जीवन-कौशलों एवं जीवन मूल्यों आदि मनोवृत्तियों में होने वाले परिवर्तनों का अनुश्रवण करके सकारात्मक दिशा प्रदान करना है।
बच्चे के शैक्षिक और सह शैक्षिक पक्षों का मूल्यांकन दो प्रकार से किया जा सकता है-
1. रचनात्मक मूल्यांकन 2. सारांक्षात्मक मूल्यांकन
IMPORTANT LINk
- समस्या समाधान विधि के चरण
- भूमि निर्वाह नीति की विशेषताओं का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- शिक्षण योजना पर टिप्पणी लिखिये।
- भूमि निर्वाह नीति से आपका क्या अभिनय है? इसके चरणों को लिखिये।
- इकाई योजना से आपका क्या अभिप्राय है? समझाइये।
- वार्षिक योजना तैयार करने के चरणों को संक्षेप में लिखिये।
- राजनीति विज्ञान में समस्या समाधान विधि द्वारा समस्या चयन सम्बन्धी कौनसी सावधानियाँ रखी जानी चाहिए?
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- सतत् व व्यापक मूल्यांकन (CCE) की संकल्पना को विकसित कीजिये।
- भूगोल शिक्षण में मूल्यांकन की विशेषताएँ
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- इकाई योजना के सोपानों को लिखिये।
- इकाई के प्रकारों का उल्लेख कीजियें।
- सतत् व व्यापक मूल्यांकन (CCE) की आवश्यकता को बताइये।
- पाठ योजना के प्रकार समझाइये।
- पाठ योजना की आवश्यकता | lesson plan required in Hindi
- दृष्टान्त सहित उदाहरण नीति से आप क्या समझते हैं?
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