सामाजीकृत अभिव्यक्ति विधि के गुणों की विवेचना कीजिये।
सामाजीकृत अभिव्यक्ति-पद्धति में निम्नांकित गुण पाये जाते है:-
1. यह पद्धति छात्रो की सक्रियता प्रदान करती है। छात्र दिए गए कार्य के सम्बन्ध में अधिक से अधिक जानने की चेष्टा करते है जिससे वे अन्य छात्रो द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नो का उत्तर दे सकें।
2. सामाजीकृत अभिव्यक्ति उन सभी सामग्रियों, विधियों, समस्याओं तथा योजनाओं का सफलतापूर्वक प्रयोग कर सकती है जिन्हें शिक्षण की अन्य पद्धतियों में प्रयोग किया जाता है।
3. इस पद्धति के अन्तर्गत छात्र योजनाएँ बनाना सीख जाते है। नेता या सभापति समूह को दिए गए कार्य के सम्बन्ध में स्वयं ही योजना बनाता है। पद्धति छात्रों अपने को योजना बनाना तथा योजित अध्ययन करना सीखलाती है।
4. कक्षा का एक समूह प्रश्न पूछता है तथा विभिन्न समस्याएँ खडी करता है, दूसरा समूह प्रश्नों का उत्तर देता है एवं समम्याओं का समाधान करता है। इस प्रकार छात्रों में तर्क शक्ति का विकास होता है।
5. पद्धति आत्म-प्रदर्शन, आत्म-नियन्त्रण, तथा चिंतन-शक्ति का विकास करती है। पद्धति का महान् गुण आत्म-प्रदर्शन है क्योंकि “इस पद्धति के अन्तर्गत छात्र अपने विचारों को स्वतन्त्रतापूर्वक व्यक्त कर सकता है।”
6. यह पद्धति छात्रों में नेतृत्व के गुणों का विकास करता है। कक्षाकार्य संचालन का भार छात्रों में से किसी एक छात्र को सौंप दिया जाता है। छात्र में दिए गए कार्य को संचालित करने की योग्यता का विकास होता है।
7. सामाजीकृत अभिव्यक्ति-पद्धति कार्य-निर्धारण को सुगम बनाती है। सम्पूर्ण निधारित कार्य सुनियोजित व्यवस्था के अन्तर्गत कार्यान्वित किया जाता है। इससे उसमें सुगमता आती है।
8. पद्धति छात्र तथा शिक्षक के सम्बन्ध मधुर करती है।
9. यह पद्धति छात्रों में सहकारिता तथा सहयोग की भावना का विकास करती है। दूसरे समूह द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर एक समूह के सभी छात्र मिलजुल कर देते हैं और निर्धारित कार्य को समूह के सभी छात्र मिल-जुल कर करते है। इससे छात्रों में सहकारिता एवं सहयोग की भावना जाग्रत होती है।
10. यह पद्धति छात्रों की अध्ययन करने के लिए पूणतया प्रेरित करती है। यहाँ छात्र अध्यापक को बताने हेतु नहीं पढ़ता है, वरन् अपने ही साथियों को बताने हेतु पढ़कर आता है, अतः अपने समूह में अपना प्रभुत्व दिखाने के लिए वह अधिक से अधिक पढ़कर आता है। यह मनोवृत्ति छात्रों में पढ़ने की रूचि भी जाग्रत करती है। जहाँ रूचि हो वहाँ प्रेरणा स्वतः ही जाग्रत हो जाती है।
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