निर्णयन से क्या आशय है ? इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
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निर्णयन का अर्थ (Meaning of Decision-making)
सरल शब्दों में, किसी कार्य को करने के लिए अनेक उपलब्ध विकल्पों में से एक उपयुक्त विकल्प के चुनने के कार्य को निर्णय लेना कहते हैं। इसका अभिप्राय यह है कि किसी भी एक कार्य को करने के लिए अनेक विकल्प या मार्ग या रास्ते या विधियाँ हो सकती हैं। अतः सर्वप्रथम इस बात की आवश्यकता है कि हम ज्ञात करें कि किसी भी कार्य को करने के लिए कितने सम्भव विकल्प हो सकते हैं और फिर उन विकल्पों में से अपने संगठन के लिए एक सर्वोत्तम विकल्प को चुनें। कौन-सा विकल्प सर्वोत्तम होगा, इसका निर्णय करना संगठन की परिस्थिति, क्षमता तथा आवश्यकता पर निर्भर है। निर्णयन की महत्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-
डी०ई मैकफरलैंड (D.E. Macfarland) के अनुसार, “निर्णय एक चयन क्रिया है, जिसके अन्तर्गत एक अधिशासी, दी हुई परिस्थिति में क्या किया जाना चाहिए, के सम्बन्ध में किसी निष्कर्ष पर पहुँचता है। निर्णय किसी व्यवहार का प्रतिनिधित्व करता है जिसका चयन अनेक सम्भावित विकल्पों में से किया जाता है।”
जॉर्ज आर० टेरी (George R. Terry ) के अनुसार, “निर्णयन किसी मापदण्ड पर आधारित दो या अधिक सम्भावित विकल्पों में से किसे एक का चयन है। “
कूण्ट्ज तथा ओ डोनेल के शब्दों में, “निर्णय लेना किसी भी कार्य करने के लिए उपलब्ध तरीकों के विकल्पों में से एक का वास्तविक चुनाव करना है, और यह नियोजन का केन्द्र स्थल है। विवेकपूर्ण निर्णय का एक निश्चित लक्ष्य होता है, जैसे कुछ सीमा तक लागत कम करना, समयानुसार उत्पादन करना, माल भेजने में शीघ्रता करना, अधिक माल के स्टॉक को कम करना किन्हीं कार्यों के खतरों या कष्टों को दूर करना इत्यादि ।
निर्णयन की विशेषताएँ (Characteristics of Decision-making)
निर्णयन की निम्नलिखित मुख्य विशेषताएँ या लक्षण हैं-
(1) निर्णयन प्रक्रिया मूल रूप से एक मानवीय प्रक्रिया है जिसके लिए पर्याप्त बुद्धि, ज्ञान, विवेक एवं अनुभव की आवश्यकता होती है।
(2) निर्णयन अनेक विकल्पों में सर्वोत्तम विकल्प के चयन की प्रक्रिया है ।
(3) निर्णय ‘कुछ निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किये जाते है ।
(4) निर्णयन में चुनाव की स्वतन्त्रता होती है।
(5) निर्णयन नियोजन का अंग है।
(6) निर्णय लेने से पूर्व आवश्यक हो तो योग्य एवं अनुभवी व्यक्तियों से विचार-विमर्श किया जा सकता है।
(7) निर्णय प्रक्रिया में निर्णय से प्रभावित होने वाले व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त किया जाता है।
(8) निर्णय-नकारात्मक भी होते हैं, अर्थात् निर्णय न करने की इच्छा भी निर्णय हो सकती है।
(9) निर्णय न प्रक्रिया में दृढ़ता अति आवश्यक है।
(10) निर्णयों में समय-तत्व महत्वपूर्ण होता है।
(11) निर्णय न वास्तविक स्थिति के अनुरूप होते हैं।
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