कृषि अर्थशास्त्र / Agricultural Economics

आर्थिक नियमों की विशेषताएँ या स्वभाव

आर्थिक नियमों की विशेषताएँ या स्वभाव
आर्थिक नियमों की विशेषताएँ या स्वभाव

आर्थिक नियमों की विशेषताएँ या स्वभाव

(1) आर्थिक नियम आर्थिक प्रवृत्तियों के कथनमात्र होते हैं (Economic Laws are mere Statement of Economic Tendencies)-आर्थिक नियम केवल सम्भावना के सूचक होते हैं, अर्थात् आर्थिक नियम केवल यह बताते हैं कि दी हुई दशाओं में मनुष्य के आर्थिक व्यवहार के किस प्रकार के होने की सम्भावना है। इस प्रकार आर्थिक नियमों के आधार पर किसी ‘परिणाम’ के निश्चित रूप से घटित होने का दावा नहीं किया जा सकता। दूसरे शब्दों में, प्राकृतिक नियमों की अपेक्षा आर्थिक नियम कम निश्चित होते हैं। उदाहरणार्थ, रसायनशास्त्र (Chemistry) का नियम हमें यह बताता है कि यदि हम ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन को तथा 2 के अनुपात में एक निश्चित दबाव तथा तापमान के अन्तर्गत मिलाएं तो वह पानी बन जाएगा। यह परिणाम सभी स्थानों पर तथा सभी समयों में क्रियाशील होगा, किन्तु आर्थिक नियमों में इस प्रकार की निश्चितता ( certainty ) नहीं पाई जाती। उदाहरणार्थ, माँग के नियम के आधार पर हम निश्चित रूप से यह नहीं कह सकते कि यदि किसी वस्तु की कीमत घटकर आधी रह जाती है तो उसकी माँग बढ़कर दुगुनी हो जायेगी। आर्थिक नियमों में गणितीय शुद्धता का अभाव होता है। वस्तुतः आर्थिक नियम सम्भाव्य नियम होते हैं न कि यथार्थ सम्बन्ध दशनि वाले।

(2) आर्थिक नियम काल्पनिक होते हैं (Economic Laws are Hypothetical) आर्थिक नियमों के साथ यदि अन्य बातें समान रहे वाक्यांश जुड़ा रहता है, अर्थात् आर्थिक नियम तभी लागू होते हैं जबकि दी हुई परिस्थितियों में कोई परिवर्तन नहीं होता। किन्तु व्यावहारिक जीवन में अन्य बातें बहुत कम समान रहती हैं, जिस कारण आर्थिक नियम प्रायः व्यवहार में लागू नहीं हो पाते। इसीलिए आर्थिक नियम काल्पनिक कहे जाते हैं क्योंकि ये कुछ काल्पनिक मान्यताओं (assumptions) पर आधारित होते हैं। उदाहरणार्थ, मांग का नियम बताता है कि यदि अन्य बातें समान रहें तो किसी वस्तु की कीमत के बढ़ने पर उसकी माँग में कमी हो जाती है। किन्तु उपभोक्ताओं की आय में पर्याप्त वृद्धि होने पर सम्भव है कि वस्तु विशेष की कीमत में वृद्धि होने पर भी उसकी माँग में कमी होने के बजाय और वृद्धि हो जाए।

यह उल्लेखनीय है कि केवल अर्थशास्त्र के नियम ही काल्पनिक नहीं होते, बल्कि सभी विज्ञानों के नियम एक सीमा तक काल्पनिक होते हैं। उदाहरणार्थ, भौतिकशास्त्र (Physics) का गुरुत्वाकर्षण का नियम (Law of Gravitation) भी कुछ विशेष दिशाओं में ही लागू होता है।

(3) आर्थिक नियम सापेक्ष होते हैं (Economic Laws are Relative) आर्थिक नियम समय तथा स्थान से सम्बन्धित होते हैं। उदाहरणार्थ, किसी देश के एक समय के बैंकिंग, मुद्रा, उद्योग तथा व्यापार सम्बन्धी नियम सब समयों तथा सब स्थानों पर सत्य सिद्ध नहीं हो सकते। यही कारण है कि जो आर्थिक सिद्धान्त विकसित देशों के लिए उपयुक्त होते हैं वे अल्पविकसित अर्थव्यवस्थाओं पर लागू नहीं हो पाते। किन्तु यह विचार सही नहीं है क्योंकि कुछ आर्थिक नियम सार्वभौमिक (universal) भी होते हैं, जैसे सीमान्त तुष्टिगुण हास नियम (Law of Diminishing Marginal Utility) उपभोग, मांग व पूर्ति सम्बन्धी नियम सार्वभौमिक होते हैं क्योंकि ये सभी राष्ट्रों तथा परिस्थितियों में लागू होते हैं। फिर भी अर्थशास्त्र में सापेक्ष नियमों की अधिकता है जिस कारण आर्थिक नियमों को सापेक्ष (relative) कहा जाता है।

(4) आर्थिक नियम सामाजिक नियमों की शाखाएँ हैं– आर्थिक नियम सामाजिक नियम होते हैं, क्योंकि ये समाज में रहने वाले मनुष्यों के आचरण का अध्ययन करते हैं। फिर अर्थशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान है अतः आर्थिक नियम भी सामाजिक नियमों की ही शाखाएँ हैं। आर्थिक नियमों के पीछे राज्य की शक्ति नहीं होती।

(5) आर्थिक नियम अन्य सामाजिक नियमों की अपेक्षा अधिक निश्चित-अर्थशास्त्र के नियम अन्य सामाजिक विज्ञानों के नियमों की अपेक्षा अधिक निश्चित तथा सत्य होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि आर्थिक क्रियाओं को ठीक-ठीक मापने के लिए अर्थशास्त्रियों के पास मुद्रारूपी मापदण्ड (measuring rod of money) होता है, किन्तु अन्य सामाजिक विज्ञानों में इस प्रकार का कोई मापदण्ड उपलब्ध नहीं होता। मार्शल के अनुसार, “जिस प्रकार तुला के मापदण्ड के कारण रसायनशास्त्र के नियम अन्य भौतिक विज्ञानों के नियमों की अपेक्षा अधिक निश्चित, पूर्ण, अटल तथा सार्वभौमिक हैं, उसी प्रकार मुद्रा के मापदण्ड के कारण अर्थशास्त्र के नियम भी अन्य सामाजिक शास्त्रों के नियमों से अधिक व्यापक, निश्चित तथा अटल हैं।”

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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