कृषि अर्थशास्त्र / Agricultural Economics

ग्राम विकास की प्रमुख योजनाएँ (Salient Rural Development Plans)

ग्राम विकास की प्रमुख योजनाएँ (Salient Rural Development Plans)
ग्राम विकास की प्रमुख योजनाएँ (Salient Rural Development Plans)

ग्राम विकास की प्रमुख योजनाएँ (Salient Rural Development Plans)

ग्राम विकास से अभिप्राय है ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अनेकानेक कम आय-वर्ग के लोगों के जीवन-स्तर में सुधार लाना और उनके विकास को आत्मपोषित बनाना।

-उमा लेली

भूमिका- भारत मूलतः गाँवों का देश है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र की कुल जनसंख्या 74.2% करोड़ यो जो देश की कुल जनसंख्या का 72.2 प्रतिशत है। इसीलिए कहा जाता है कि भारत की आत्मा यहाँ के 5,93,643 गाँवों में बसती है। वस्तुतः ग्रामवासियों की इतनी ही संख्या के उत्थान के बिना देश का सन्तुलित विकास करना सम्भव नहीं है। इसी कारण स्वतन्त्रता प्राप्ति से लेकर अब तक केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों ने ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं तथा नए-नए कार्यक्रमों को लागू किया है।

ग्राम विकास का अर्थ (Meaning of Rural Development)

“ग्रामीण विकास से अभिप्राय मूल रूप से तीन प्रमुख मुद्दों से होता है- (1) ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली तथा आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं को विकसित करना, (2) गाँवों में व्याप्त गरीबी को दूर करने हेतु कृषि व कुटीर उद्योगों का विकास करना एवं रोजगार अवसर सृजित करना, तथा (3) देश के प्रशासन में ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु उनमें चेतना व जागरूकता का संचार करना। इस प्रकार की व्यवस्था से ही गांव के निवासियों का सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास सम्भव है।

ग्राम विकास वस्तुतः एक विस्तृत एवं व्यापक अवधारणा है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं के विकास से सम्बन्धित है। अतः ग्राम विकास हेतु उन नीतियों तथा कार्यक्रमों को अपनाया जाता है जिनमें कृषि एवं सम्बद्ध क्रियाओं जैसे बागवानी, भूमि विकास, लघु सिंचाई, मिट्टी एवं जल संरक्षण, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन आदि का विकास हो सके तथा जो ग्रामीण शिल्प एवं उद्योगों को प्रोन्नत कर सके।

पंचवर्षीय योजनाओं में ग्राम विकास कार्यक्रम

भारत में आर्थिक नियोजन काल 1 अप्रैल 1951 से प्रारम्भ हुआ जब देश की प्रथम पंचवर्षीय योजना का कार्यान्वयन प्रारम्भ किया गया। प्रारम्भिक नियोजन काल में वर्ष 1952 में सामुदायिक विकास परियोजनाएँ 1953-54 में राष्ट्रीय विस्तार सेवा कार्यक्रम, 1957-58 में ग्रामीण आवासीय योजना, गहन कृषि जिला कार्यक्रम (1960), उच्च फसल उत्पादन कार्यक्रम (1965), छोटे कृषक विकास एजेन्सी (1969), सीमान्त किसान एवं कृषि श्रमिक एजेन्सी (1969), खादी ग्रामोद्योग कार्यक्रम आदि लागू करके ग्राम विकास पर ध्यान केन्द्रित करने का प्रयास किया गया। तत्पश्चात् ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, गरीबी निवारण, मौलिक सुविधाओं के विस्तार, पिछड़े व कमजोर वर्गों के समुचित उत्थान आदि से सम्बन्धित अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं।

रोजगार मूलक कार्यक्रम

ग्रामीण क्षेत्र में गरीब की भूमिहीन श्रमिकों तथा बेरोजगारों को रोजगार दिलाने हेतु समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं, जैसे- (1) ग्रामीण जनशक्ति कार्यक्रम (1960-61) (2) ग्रामीण रोजगार क्रॅश कार्यक्रम (1971-72), (3) पाइलट गहन ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम (1972-73). (4) सूखा आशंकित क्षेत्र कार्यक्रम (1973-74). (5) मरुस्थल विकास कार्यक्रम (1977-78) (6) काम के बदले अाज कार्यक्रम (1977-78). (7) अन्त्योदय योजना (1977-78). (8) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम (1980-81), (9) ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारन्टी कार्यक्रम (1983-84), (10) जवाहर रोजगार योजना (1989-90). (11) सुनिश्चित रोजगार योजना (1993-94), (12) स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना (1999-2000), (13) जवाहर ग्राम समृद्धि योजना (1999-2000), (14) सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (2000-01). (15) कृषि आय बीमा योजना (2003-04), (16) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना (2 फरवरी, 2006 से लागू) इत्यादि।

गाँवों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार

ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करने हेतु प्रारम्भ की गई विभिन्न योजनाएं तथा कार्यक्रम इस प्रकार हैं-

(1) ग्रामीण आवासीय योजना (1957-58) (2) ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (1969-70). (3) न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम (1974-75) (4) चीस सूत्रीय कार्यक्रम (1975-76), (5) राष्ट्रीय बायोगेस कार्यक्रम (1982-83), (6) इन्दिरा आवास योजना (1985-86), (7) ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम (1986-87). (8) राष्ट्रीय उन्नत चूल्हा कार्यक्रम (1986-87). (9) कुटीर ज्योति कार्यक्रम (1988-89). (10) दस लाख कूप योजना (1989-90). (11) सासद स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम (1993-94). (12) गाँधी ग्राम योजना (1995-96) (13) ग्रामीण सम्पर्क मार्ग योजना (1996-97), (14) स्वजल योजना (1996-97), (15) ग्रामीण पेयजल योजना (1996-97). (16) गंगा कल्याण योजना (1997-98). (17) स्वर्ण जयन्ती ग्राम योजना (1997-98). (18) प्रौद्योगिकी मिशन कार्यक्रम (1998-99). (19) कण सह अनुदान आवास योजना (1999-2000). (20) समग्र आवास योजना (1999-2000). (21) प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना (2000-01). (22) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (2000-01). (23) राष्ट्रीय पोषाहार मिशन योजना (2001-02). (24) स्वजल धारा योजना (2002-03). (25) हरियाली परियोजना (जनवरी 2003), (26) ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं उपलब्ध कार्यक्रमपुरा का कार्यक्रम (अगस्त 2003), (27) सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा योजना (2003-04), (28) ग्रामीण निःशुल्क बत्ती योजना (फरवरी, 2004). (29) राजीव गांधी स्वयं प्रकाश योजना (जून) 2004). (30) राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम (2005-06). (31) जननी सुरक्षा योजना (पूर्व में संचालित राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना) (1 अप्रैल, 2005 से प्रारम्भ), (32) भारत निर्माण योजना (2005-06). (33) जाशा योजना (2005-06). (34) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (15 अगस्त 2008 से प्रारम्भ) इत्यादि।

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Anjali Yadav

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