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पृष्ठ सज्जा क्या है? पृष्ठसज्जा के तत्व और प्रकार | What is page decoration? Elements and types of decoration in Hindi

पृष्ठ सज्जा क्या है? पृष्ठसज्जा के तत्व और प्रकार | What is page decoration? Elements and types of decoration in Hindi
पृष्ठ सज्जा क्या है? पृष्ठसज्जा के तत्व और प्रकार | What is page decoration? Elements and types of decoration in Hindi
पृष्ठ सज्जा क्या है? पृष्ठसज्जा के तत्व और प्रकार बताइये।

पृष्ठ सज्जा- पृष्ठ सज्जा को ले-आउट भी कहते हैं। पृष्ठ सज्जा रूप विन्यास के अन्तर्गत आती है। समाचार पत्र या सभी पत्र-पत्रिकाओं की पृष्ठ-सज्जा एक ऐसा कलापूर्ण कार्य है, जिसमें डिजाइन, मेकअप तथा ले-आउट तीन बातों का संकल्पनात्मक तथा तकनीकी कौशल या संगम रहता है। डिजाइन तथा ले-आउट संकल्पनात्मक सृजन का अंग है, जिसे मेकअप की तकनीक द्वारा सजीव किया जाता है। परन्तु पृष्ठ-सज्जा को सजीव रूप देने के लिये कुछ नियमों/ तत्वों का भी ध्यान रखना आवश्यक होता है। ये नियम है-

  1. संतुलन (Balance)
  2. विरोधाभास (Contract)
  3. फोकस (Focus)
  4. गति (Movement)
  5. संगति (Harmony)

पृष्ठ सज्जा के उद्देश्य

  1. समाचार पत्र को आकर्षक बनाने हेतु नये रंग, ढंग से प्रस्तुत करना।
  2. महत्व के अनुसार समाचार के लिए अपेक्षित आकार तथा स्थान को निर्धारित करना ।
  3. पत्र की सजीवता को विकसित कर उसके व्यक्तित्व को लोकप्रिय बनाना।
  4. समाचारों को क्रमबद्ध करना तथा पाठकों को मनोनुकूल समाचार प्राप्त करने में सहयोग करना।
  5. समकालीन समाचार पत्रों के बीच स्वस्थ स्पर्धा स्थापित करना।

समाचार, शीर्षक, चित्र, विज्ञापन, रूपक, अग्रलेख, कार्टून आदि समस्त प्रकाशित सामग्रियों को विविध पृष्ठों पर सजाने, सँवारने की विधि पृष्ठ सज्जा है। यह ऐसी सफल और प्रभावशाली कला है जिससे किसी बात को पाठकों की आँखों के रास्ते से दिल-दिमाग तक पहुँचाया जाता है। पत्र जगत में पृष्ठ सज्जा का वही स्थान और उसके लिए स्थान निर्धारित, नये रूप में पत्र में आकर्षक मनोरम बनाना पाठकों को उनकी आवश्यकतानुसार, समाचार ढूँढने में सहायता पहुँचाना तथा पत्र के व्यक्तित्व को विश्वसनीय बनाना हीँ पृष्ठ सज्जा के अन्तर्गत समाहित किया जाता है। अधिक अलंकरण पर ध्यान देने से कहीं पत्र पोस्टर न हो जाय इसलिए सत सोनी ने साज-सज्जा सम्पादक से निम्नलिखित सिद्धान्तों पर अमल करने की अपील की “साज-सज्जा के मूलभूत सिद्धान्त में प्रमुख हैं- एक तो यह कि किन समाचारों को उबारना है, किन पर जोर देना है, दूसरा यह कि एक तरह का संगठन हो । संगठन का अर्थ है पृष्ठ का वजन एक सा हो। मोड़ के ऊपर का हिस्सा जितना वजनी हो, उसी अनुपात में भार नीचे भी हो। इसके समाचारों के शीर्षक और इसके प्वाइंट का भली भाँति ज्ञान होना जरूरी है। यह भी जानकारी होनी चाहिए कि मोड़ के ऊपर या दायें बायें में अनुपात कैसा होना चाहिए, दो या तीन चित्रों को संतुलित ढंग से कैसे किस स्थान पर रखा जाना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि अखबार, अखबार लगे, पोस्टर न बन जाय।

साज-सज्जा के तत्व अथवा नियम

पत्रों की साज-सज्जा के समय निम्नलिखित तत्वो (नियमों) पर ध्यान दिया जाता है-

संतुलन (Balance) – इसके अन्तर्गत पत्र में प्रकाशित सम्पूर्ण सामग्री के शीर्षक विज्ञापन और चित्र को एक मनोरम अनुपात में आकर्षणपूर्ण तरीके से सुव्यवस्थित किया जाता जिससे पत्र गम्भीर और विश्वसनीय हो जाय।

विरोधाभास (Contrast) – किसी समाचार को अपेक्षाकृत अधिक महत्व देने के लिए तथा पृष्ठ सजाने, संवारने हेतु विरोधाभास का प्रयोग होता है। रोमन, इटैलिक, लाइटफेस, बोल्ड फेस, काले फेस वाले टाइप एवं लाइन ब्लाक, हाफटोन ब्लाक द्वारा विरोध प्रकट करता है। समाचार पत्रों में प्रायः रूल, बार्डर, डैस और स्टार द्वारा एक मैटर दूसरे मैटर के विरोध में मुद्रित होते हैं। यह संतुलन का उल्टा है। दो समान ऊँचाई वाले व्यक्ति ध्यान आकर्षित नहीं करते लेकिन बौना और लम्बू एक स्थान पर हो तो बरबस आकर्षण के केन्द्र बन जाते हैं।

फोकस बिन्दु (Focus Point ) – पाठकों की रुचि, आवश्यकता और प्रवृत्ति के अनुसार पत्र के किसी विशेष अंश पर सबका ध्यान चला जाता है जिसे फोकस बिन्दु के रूप में समझा जा सकता है। भाषा की प्रवृत्ति, साज-सज्जा का प्रभाव और पाठकों के पन पढ़ने का ढंग इन तीनों द्वारा मुख्य फोक्स बिन्दु का निर्धारण होता है। हिन्दी अंग्रेजी समाचार पत्रों का मुख्य फोकस बिन्दु का पृष्ठ के बायीं ओर का ऊपरी स्थान होता है। उर्दू पत्रों का मुख्य फोकस बिन्दु पृष्ठ के दाहिनी ओर ऊपरी भाग में होता है। हिन्दी पत्र के भीतरी पृष्ठों में मुख्य फोकस बिन्दु दाहिनी ओर ऊपर की ओर होता है। नौकरी ढूँढने वाले का वर्गीकृत विज्ञापन की ओर एवं खेल-खिलाड़ियों का ध्यान खेलकूद समाचार वाले पृष्ठ की ओर चला जाता है।

गति ( Movement ) – गति का अर्थ नेत्रों की उस स्थिति से है जो पत्र में विभिन्न स्थानों पर क्रमशः और लगातार सक्रिय होती है। नेत्रों की ओर गति और साज-सज्जा मनोवैज्ञानिक ढंग से परस्पर सम्बद्ध है।

संगति (Harmony ) – संतुलन विरोधाभास, गति और फोकस बिन्दु को ध्यान में रखकर पृष्ठ प्रश्नावली बनाये जाते हैं, सभी के तत्व के सफल समन्वय से सम्पादक पत्रों की सुन्दर प्रतीति में सहयोगी बनता है।

कुछ प्रकार की साज-सजा –

सरकस् साज-सर्जिा – साज-सज्जा से सम्बद्ध सभी सिद्धान्तों, नियमों की पूर्ण अवहेलना करते हुए जब मनमाने ढंग से पृष्ठ की साज-सज्जा होती है तो यही सरकस् साज सा है। समस्वरता को भूलकर विरोधाभास द्वारा संतुलन अपनाया जाता है। इसमें ‘बड़े काले पेस के टाइप का प्रयोग अधिकतर होता है ।।

ब्रोकेन पेज मेकअप – साज-सज्जा में सम्मति और संतुलन की अपेक्षा होती है तो इसे ब्रोकेन पेज मेकअप कहते हैं। इस तरह के साज-सज्जा में किसी विशेष समाचार को विशेष महत्व न देकर सभी समाचारों की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है। सनसनीखेज (Sensational) पत्रों में इसी चौकाने वाली पद्धतियों को वरेण्य माना जाता है जिसमें पूरा पृष्ठ एक इकाई के रूप में नहीं अपितु अनेक खण्डों में बँटा प्रतीत होता है।

टेबल्वायड पत्र मेकअप- टेबल्वायड’ शब्द का अर्थ पत्र का छोटा आकार है परन्तु आजकल सनसनीखेज समाचार पत्रों के पर्याय के रूप में इसका प्रयोग हो रहा है। देखा जाता है कि इन पत्रों में मुख्य समाचार प्रथम और अन्तिम पृष्ठ पर प्रकाशित होता है। टेबल्वायड पत्र आकार में लघु होने के चलते स्थानीय समाचारों को प्रथम पृष्ठ पर छापते हैं।

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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