कृषि अर्थशास्त्र / Agricultural Economics

श्रम की गतिशीलता (Mobility of Labour)

श्रम की गतिशीलता (Mobility of Labour)
श्रम की गतिशीलता (Mobility of Labour)

श्रम की गतिशीलता (Mobility of Labour)

“”श्रम की गतिशीलता का अर्थ श्रम की एक व्यवसाय या उद्योग से दूसरे व्यवसाय अथवा उद्योग में जाने की योग्यता तथा तत्परता से लिया जाता है”

-प्रो० थॉमस

श्रम की गतिशीलता का अर्थ (Meaning of Mobility of Labour)

‘गतिशीलता’ (Mobility) का शाब्दिक अर्थ है- आसानी से चलने या हटने की सामर्थ्य ‘श्रम की गतिशीलता’ से हमारा अभिप्राय श्रम की एक स्थान से दूसरे स्थान या एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय या एक वर्ग से दूसरे वर्ग को जाने की योग्यता से है। प्रो० बॉमस (Thomas) के मतानुसार, “श्रम की गतिशीलता का अर्थ एक व्यवसाय या उद्योग से दूसरे में जाने की योग्यता तथा तत्परता से लिया जाता है। उदाहरणार्थ, यदि कोई श्रमिक देहली छोड़कर कोलकाता चला जाए या कोई क्लर्क चीनी के कारखाने छोड़कर कारखाने काम करने के लिए चला जाए तो इसे ‘श्रम की गतिशीलता’ कहेंगे।

परिभाषाएँ (Definitions)- (1) मार्शल के शब्दों में, “श्रम की गतिशीलता से अभिप्राय श्रम का एक स्थान से दूसरे स्थान पर या एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय में जाने की क्षमता व योग्यता से है। “

(2) एम० पालीवाल के शब्दों में, “जब श्रमिक एक स्थान से दूसरे स्थान या एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय अथवा एक वर्ग से दूसरे वर्ग में स्वेच्छा से सुगमतापूर्वक आ जा सकते हैं, तो इसे श्रम की गतिशीलता कहते हैं।

श्रम की गतिशीलता के स्वरूप (Forms of Mobility of Labour)

श्रम की गतिशीलता के तीन स्वरूप होते हैं जो कि निम्नलिखित है-

(1) भौगोलिक गतिशीलता (Geographical Mobility)-जब श्रमिक एक स्थान से दूसरे स्थान को सुगमता से आ जा सकते हैं तो इसे ‘भौगोलिक गतिशीलता या स्थान गतिशीलता’ या ‘प्रादेशिक गतिशीलता’ कहते हैं। भौगोलिक गतिशीलता दो प्रकार की होती है—(i) स्थाई भौगोलिक गतिशीलता- यदि कोई श्रमिक एक स्थान को सदैव के लिए छोड़कर दूसरे स्थान पर जाकर बस जाता है तो इसे ‘स्थाई भौगोलिक गतिशीलता’ कहते हैं। (ii) अस्थाई भौगोलिक गतिशीलता- यदि कोई श्रमिक एक स्थान से दूसरे स्थान को केवल थोड़े समय के लिए ही जाता है तो इसे अस्थाई भौगोलिक गतिशीलता’ कहते हैं।

भौगोलिक गतिशीलता प्रान्तीय, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय कैसी भी हो सकती है।

(2) व्यावसायिक गतिशीलता (Occupational Mobility)– यदि कोई श्रमिक किसी व्यवसाय या उद्योग छोड़कर को किसी अन्य व्यवसाय अथवा उद्योग में चला जाता है तो इसे व्यावसायिक गतिशीलता’ कहते हैं। उदाहरणार्थ, यदि कोई श्रमिक जूट उद्योग को छोड़कर चीनी उद्योग में चला जाता है तो यह व्यावसायिक गतिशीलता हुई।

(3) वर्गीय गतिशीलता (Grade Mobility)-प्रत्येक व्यवसाय अथवा उद्योग में श्रमिकों को उनके वेतन के आधार पर विभिन्न वर्गों में बाँटा जाता है। जब कोई श्रमिक एक वर्ग को छोड़कर दूसरे वर्ग में जाता है तो इसे ‘वर्गीय गतिशीलता’ कहते हैं। वर्गीय गतिशीलता मुख्यतः दो प्रकार की होती है- (i) समवर्गीय गतिशीलता (Horizontal Mobility)—जब श्रमिक एक व्यवसाय को छोड़कर दूसरे समान स्तर या आय वाले व्यवसाय में जाता है तो इसे समवर्गीय या समस्तरीय गतिशीलता कहते हैं, जैसे कोई इतर्क उसी येतन पर चीनी के कारखाने को छोड़कर जूट के कारखाने में चला जाए। (ii) भिन्न बर्गीय या शीर्ष गतिशीलता (Vertical Mobility)- जब कोई श्रमिक एक व्यवसाय को छोड़कर दूसरे व्यवसाय में अपने वर्तमान पद से ऊंचे या नीचे पद पर जाता है तो इसे भिन्न वर्गीय गतिशीलता कहते हैं, जैसे किसी क्लर्क का कॉलिज में प्राध्यापक हो जाना।

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Anjali Yadav

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