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सामान्य कीमत (NORMAL PRICE)
अर्थ (Meaning)-किसी वस्तु की सामान्य कीमत यह कीमत होती है जो किसी वस्तु की माँग तथा सम्मरण की शक्तियों के स्वाई सन्तुलन द्वारा दीर्घकाल में निश्चित होती है। मार्शल (Marshall) के शब्दों में, “सामान्य कीमत वह कीमत है जिसके निर्धारण की प्रवृत्ति तब प्रकट होती है जब माँग तथा सम्भरण की शक्तियों को परस्पर एक दूसरे के बराबर होने का पूरा-पूरा समय मिल जाता है।
‘सामान्य कीमत‘ वास्तविक कीमत नहीं बल्कि सम्भावित कीमत (probable price) होती है, अर्थात् यह वास्तव में कभी नहीं पायी जाती बल्कि दीर्घकाल में इसके प्रचलित होने की सम्भावना होती है।
सामान्य कीमत की विशेषताएँ (Features of Normal Price)
सामान्य कीमत की प्रमुख विशेषताएँ निम्नांकित हैं-
(1) दीर्घकालीन कीमत- सामान्य कीमत दीर्घकालीन कीमत होती है।
(2) स्याई कीमत–सामान्य कीमत का निर्धारण माँग तथा सम्भरण के स्थाई सन्तुलन द्वारा होता है। इसलिए यह स्थाई कीमत होती है। इसमें बाजार कीमत की भाँति परिवर्तन नहीं होते।
(3) सम्मरण का अधिक प्रभाव – सामान्य कीमत पर वस्तु की माँग की अपेक्षा उसके सम्भरण (supply) या पूर्ति का अधिक प्रभाव पड़ता है।
(4) सीमान्त तथा औसत लागत के बराबर- सामान्य कीमत वस्तु की सीमान्त लागत तथा औसत लागत दोनों के बराबर होती है। यह कीमत लागत से कभी कम नहीं होती।
(5) वस्तुओं का स्वभाव-सामान्य कीमत केवल उन्हीं वस्तुओं की होती है जिन्हें दोबारा उत्पन्न किया जा सकता है।
(6) सम्भावित कीमत- सामान्य कीमत एक सम्भावित कीमत (Probable Price) होती है, अर्थात् यह वास्तव में विद्यमान नहीं होती बल्कि दीर्घकाल में इसके स्थापित होने की आशा की जाती है। इसलिए इसे काल्पनिक कीमत कहा जाता है।
सामान्य कीमत का निर्धारण (Determination of Normal Price) सामान्य कीमत का निर्धारण दीर्घकाल में माँग तथा सम्भरण के सन्तुलन के परिणामस्वरूप होता है। दीर्घकाल समय की इतनी लम्बी अवधि होती है जिसमें वस्तु के सम्भरण को माँग के अनुसार समायोजित (adjust) किया जा सकता है, अर्थात् माँग के बढ़ने पर वस्तु के सम्भरण को बढ़ाया जा सकता है, तथा माँग के घटने पर वस्तु के सम्मरण को पटाया जा सकता है। चूंकि दीर्घकाल में वस्तु के सम्भरण को मांग के अनुसार घटाने-बढ़ाने के लिए उत्पादकों या व्यापारियों को पर्याप्त समय मिल जाता है, इसलिए सामान्य कीमत के निर्धारण में मांग की अपेक्षा सम्भरण का अधिक प्रभाव पड़ता है। चूँकि सम्भरण उत्पादन-लागत का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए “दीर्घकालीन सामान्य कीमत उत्पादन लागत के बराबर होती है।
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