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कबीर की कविता में व्यक्त मानवीय संवेदनाओं पर प्रकाश डालिए।

कबीर की कविता में व्यक्त मानवीय संवेदनाओं पर प्रकाश डालिए।
कबीर की कविता में व्यक्त मानवीय संवेदनाओं पर प्रकाश डालिए।
कबीर की कविता में व्यक्त मानवीय संवेदनाओं पर प्रकाश डालिए।

कबीर सर्वप्रथम मानवतावादी हैं। उनका प्रत्येक चरण मानवता के लिये ही समर्पित रहा है। इसीलिये उनके काव्य में मानवीय संवेदनायें भावपूर्ण ढंग से अभिव्यक्त हुई हैं। डॉ. विजयेन्द्र स्नातक ने कबीर के मानवतावाद के विषय में विचार व्यक्त करते हुए लिखा है-

“कबीर ने अपने जीवन में दूसरों के लिये कष्ट को स्वीकार किया था। उनका जीवन जनता के उद्बोधन में ही व्यतीत हुआ। वह अपने लिये नहीं, संसार के लिये रोते और विलाप करते रहे। उन्होंने सांई के सब जीवों के लिये अपना अस्तित्व समर्पित कर दिया था, संसार के लिये उन्होंने अपने को मिटा दिया था-

‘सुखिया सब संसार है, खाय अरू सोवे ।

दुखिया दास कबीर है, जगे अरू रोवे ॥ “

कबीर सभी मनुष्यों को एक ही शक्ति से उत्पन्न मानते हुए उसमें न तो किसी प्रकार का भेद देखते थे और न देखने को कहते थे। उन्होंने जीवन में समानता, दया, करूणा, सन्तोष, प्रेम, सदाचार पूर्ण जीवन, सत्य अहिंसा आदि मानवीय भावनाओं का सूत्रपात किया।

समानता का भाव-

‘कै बूँद, एक मल मूतर, कै चाम एक गूदा।
एक ज्योति तैं सब उपजाना, को बामन को सूदा ॥”

प्रेम तत्व की प्रधानता-

‘पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ पंडित भया न कोय।
एकै आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ॥ “

सतगुरु की महिमा-

‘सतगुरू’ की महिमा अंत अंत किया उपकार ।
लोचन अन्त उघाड़िया, अंत दिखावन हार।’

आचरण की सात्विकता-

‘कबीर सोई पीर है, जो जाने पर पीर ।
जो पर पीर न जानहिं, सो का फिर बे पीर ॥ “

हिंसा का विरोध-

“बकरी पाती खात है, ताकी काढ़ी खाल।
जो नर बकरी खात है, ताको कौन हवाल।’

सात्विक प्रेम की अभिव्यक्ति-

सफियों के समान कबीर का भी विश्वास है कि सात्विक प्रेम की अभिव्यक्ति हृदय में होती है। जिसके हृदय में प्रेम नहीं उत्पन्न हुआ उसका जन्म निरर्थक है-

“जिहिं घट न प्रीत न प्रेम रस, पुनि रसना नहिं राम ।
ते नर इस संसार में उपजि भये बेकाम।

करनी-कथनी में अन्तर

करता दीसै की रतन ऊँचा करि करि तँड ।
जानि बुझे कछु नहीयों ही अंधा रूँड ॥

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About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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