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उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादन (Agricultural Production in Uttar Pradesh)
उत्तर प्रदेश का संक्षिप्त परिचय – नवम्बर, 2000 में उत्तराखण्ड नामक एक पृथक् राज्य बनने के पश्चात् उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल घटकर लगभग 2,40,928 वर्ग किमी० रह गया है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह देश का चौथा बड़ा राज्य है। राज्य में जिलों की संख्या 83 से घटकर 72 रह गई है। जनगणना 2011 के अनुसार राज्य की जनसंख्या 19,95,81,477 (19.95 करोड़) यी साक्षरता 69.72 प्रतिशत जनसंख्या का घनत्व 828 प्रति वर्ग किमी० तथा स्त्री-पुरुष अनुपात 908 (प्रति हजार पुरुषों के पीछे स्त्रियों) था जनसंख्या की दृष्टि से यह देश का सबसे बड़ा राज्य है। उत्तरी भारत में स्थित होने के कारण ही इस राज्य को उत्तर प्रदेश कहते हैं।
उत्तराखण्ड का संक्षिप्त परिचय- उत्तराखण्ड का कुल क्षेत्रफल 53,484 वर्ग किमी० है। राज्य में जिलों की संख्या 13 है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की जनसंख्या 1.01.16.752 थी, साक्षरता 79.63 प्रतिशत जनसंख्या का घनत्व 189 प्रति वर्ग किमी० तथा लिंगानुपात 963 (प्रति हजार पुरुषों के पीछे स्त्रियों) था।
उत्तर प्रदेश में कृषि (Agriculture in Uttar Pradesh )
उत्तर प्रदेश भारत का कृषि प्रधान राज्य है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था तथा सम्पन्नता मुख्यतया कृषि पर आधारित है। उत्तर प्रदेश की लगभग 66 प्रतिशत जनसंख्या कृषि तथा उससे सम्बन्धित कार्यों में संलग्न है। राज्य की आय का लगभग 5296 भाग खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि से प्राप्त होता है। उत्तर प्रदेश में निवल 164.17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि होती है। सन् 2007-08 में उत्तर प्रदेश में 430.32 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ।
उत्तर प्रदेश की खाद्यान्न फसले गेहूं, चना, चावल, जो, मक्का तथा याजरा है। नकदी फसलों में गन्ना और तिलहन महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उत्तर प्रदेश देश के लगभग 35% गेहूं, 15% चावल, 31% गन्ना तथा 31.43% आलू का उत्पादन करता है।
उत्तर प्रदेश में प्रमुख खायान फसलों के उत्पादन की स्थिति निम्न प्रकार है-
(1) गेहूँ (Wheat)-गेहूं उत्तर प्रदेश की प्रमुख खायात्र फसल है। राज्य के 244 क्षेत्र पर गेहूं की खेती की जाती है। यह भारत का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है। देश का 35.39% गेहूं इसी राज्य में उत्पन्न किया जाता है। सन् 2008-09 में राज्य में 28.55 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों की 60% कृषि भूमि में गेहूं उत्पन्न किया जाता है। मेरठ, सहारनपुर, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर अलीगढ़, मथुरा, मैनपुरी और कानपुर राज्य के प्रमुख गेहूँ उत्पादक जिले हैं। राज्य में गेहूं की औसत उपज, 1.934 किग्रा० प्रति हेक्टेयर है।
(2) चावल (Rice) – राज्य का गेहूं के बाद दूसरा प्रमुख खाद्यान्न चावल है। यह देश का द्वितीय चावल उत्पादक राज्य है। यहाँ देश का लगभग 15% चावल पैदा किया जाता है। राज्य में चावल की फसल का क्षेत्र पश्चिमी बंगाल के बराबर ही है, किन्तु उत्पादन पश्चिमी बंगाल से लगभग 20 लाख टन कम होता है। सन् 2008-09 में राज्य में 13.10 मिलियन टन चावल का उत्पादन हुआ।
उत्तर प्रदेश में चावल की खेती मुख्यतः सहारनपुर, गोरखपुर, पीलीभीत, देवरिया, बहराइच, गोंडा, बस्ती, रायबरेली, लखनऊ, बलिया आदि जिलों में की जाती है। देहरादून (अब उत्तरांचल में) का बासमती चावल अपने स्वाद और सुगन्ध की दृष्टि से उत्तम रहा है। रुहेलखण्ड को उत्तर प्रदेश का चावल का कटोरा कहते हैं। चावल की खेती जून-जुलाई से सितम्बर-अक्टूबर तक होती है।
(3) बाजरा- प्रदेश के जिन क्षेत्रों में वर्षा 50 सेमी० से कम होती है वहाँ मुख्यतः बाजरे की खेती की जाती है। यह मई से जुलाई तक बोया जाता है तथा सितम्बर से दिसम्बर तक काट लिया जाता है। आगरा, मथुरा, बदायूँ, अलीगढ़, एटा, मुरादाबाद, इटावा, शाहजहाँपुर, प्रतापगढ़, गाजीपुर, फर्रुखाबाद तथा कानपुर जिलों में बाजरे की अच्छी उपज होती है।
(4) मक्का- राज्य में इसकी खेती वर्षा के सहारे की जाती है। मक्का मई-जून में बोई जाती है और अगस्त-सितम्बर में काट ली जाती है। प्रदेश में मक्का का उत्पादन मेरठ, बुलन्दशहर, फर्रुखाबाद, बहराइच, गोंडा, जौनपुर, एटा और मैनपुरी जिलों में होता है।
(5) जौ- जौ के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का भारत में प्रमुख स्थान है। इसकी खेती मुख्यतया शुष्क एवं कॉप मिट्टी में की जाती है। जौ के प्रमुख उत्पादक जिले वाराणसी, आजमगढ़, बलिया, जीनपुर, गाजीपुर, गढ़वाल, गोरखपुर, इलाहाबाद, प्रतापगढ़ आदि हैं।
दलहन (Pulses)– चना, अरहर, उड़द और मटर हमारे देश की प्रमुख दलहनी फसलें हैं। उत्तर प्रदेश देश की लगभग 13.73% दालें उत्पन्न करता है। 2008-09 में राज्य में 2.0 मिलियन टन दालों का उत्पादन हुआ।
(1) चना- चना उत्तर प्रदेश की सबसे प्रमुख दलहनी फसल है। बुन्देलखण्ड तथा उसके आस-पास का क्षेत्र प्रमुख चना उत्पादक क्षेत्र है।
(2) अरहर- राज्य में खरीफ की सबसे महत्त्वपूर्ण दलहनी फसल अरहर है जो फतेहपुर, प्रतापगढ़, गाजीपुर तथा समीपवर्ती जिलों में पैदा की जाती है।
(3) मूँग — राज्य में जायद फसल के रूप में 5 लाख हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन मूँग की खेती की जाती है। उत्तर प्रदेश में इसका वार्षिक उत्पादन 34 हजार टन रहता है।
(4) उड़द- राज्य में उड़द का वार्षिक उत्पादन लगभग 45 हजार टन रहता है।
व्यापारिक फसलें (Commercial Crops)
उत्तर प्रदेश की प्रमुख व्यापारिक फसलें निम्नांकित हैं-
(1) गन्ना (Sugarcane)-आज भारत विश्व का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश है। यह विश्व का लगभग एक-चौथाई गन्ना उत्पन्न करता है और उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है जो देश का लगभग 31.32% गन्ना पैदा करता है। यह राज्य की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नकदी फसल है। राज्य के 10% कृषि क्षेत्र में गन्ना पैदा किया जाता है। यहाँ पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिम शुष्क जिलों तथा उत्तराखण्ड के अतिरिक्त राज्य के सभी जिलों में थोड़ा-बहुत गन्ना पैदा किया जाता है। किन्तु राज्य का आधे से अधिक गन्ना मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर, देवरिया, खीरी तथा मुरादाबाद जिलों में उत्पन्न किया जाता है। किन्तु उत्तर प्रदेश में गन्ने की प्रति हेक्टेयर उपज तमिलनाडू की उपज की आधी से भी कम है। राज्य में सन् 2008-09 में 109.05 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन हुआ।
(2) तिलहन (Oilseeds)—देश के कुल तिलहन उत्पादन का 10% भाग उत्तर प्रदेश से प्राप्त होता है। राज्य में मूँगफली, राई, सरसों, तिल आदि का उत्पादन किया जाता है। वर्ष 2007-08 में 7.62 लाख मीट्रिक टन तिलहन का उत्पादन हुआ।
(3) रेशेदार फसले– (i) कपास- राज्य में कपास की फसल मुख्यतः गंगा-यमुना दोआब के अलीगढ़, मथुरा, बुलन्दशहर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मैनपुरी, एटा आदि जिलों में की जाती है। वैसे उत्तर प्रदेश में कपास की प्रति हेक्टेयर उपज पंजाब तथा हरियाणा की उपज की एक-तिहाई से भी कम है। राज्य में छोटे रेशे की अधिक और लम्बे रेशे की कम कपास उगाई जाती है। (ii) जूट- खीरी, सीतापुर, देवरिया, गोंडा तथा बहराइच उत्तर प्रदेश के प्रमुख जूट उत्पादक जिले हैं।
(4) आलू (Potato) – देश का लगभग 31.43% आलू उत्तर प्रदेश में पैदा किया जाता है। राज्य में सब्जियों के कुल क्षेत्र के आधे से अधिक भाग में आलू की खेती की जाती है। फर्रुखाबाद न केवल उत्तर प्रदेश का बल्कि समूचे देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक जिला है। सन् 2008-09 में राज्य में 10.81 मिलियन टन आलू का उत्पादन हुआ।
(5) चाय (Tea)-राज्य में चाय गढ़वाल और कुमायूं मण्डलों में हिमालय और शिवालिक के मध्य क्षेत्र में उगाई जाती रही है। इसके प्रमुख उत्पादक जिले गढ़वाल, देहरादून, अल्मोड़ा, नैनीताल, चमोली, पिथौरागढ़ आदि रहे हैं जो अब उत्तरांचल में चले गये हैं।
(6) तम्बाकू (Tobacco) – उत्तर प्रदेश में वाराणसी, मेरठ, बुलन्दशहर, मैनपुरी, सहारनपुर, एटा और फर्रुखाबाद जिलों में तम्बाकू की अच्छी खेती होती है।
(7) फल (Fruits) – उत्तर प्रदेश शीतोष्ण, समशीतोष्ण तथा उष्ण जलवायु में पैदा होने वाले फलों के उत्पादन में सारे देश में अग्रणी है। राज्य के मैदानी भागों में आम, अमरूद, पपीता, बेर, केला तथा नींबू का उत्पादन होता है। पर्वतीय क्षेत्र में सेव नाशपाती, आडू, स्ट्राबेरी, खुबानी, घरी, अखरोट, बादाम आदि का उत्पादन होता है। राज्य में लगभग 784 हजार हेक्टेयर फलों के बागों में 4,950 हजार टन फल उत्पन्न किए जाते हैं जो देश के कुल फल उत्पादन (240 लाख टन) का लगभग 21% है।
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