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पर्यावरण का अर्थ एंव विशेषताएँ | Meaning and Characteristics of Environment in Hindi

पर्यावरण का अर्थ एंव विशेषताएँ | Meaning and Characteristics of Environment in Hindi
पर्यावरण का अर्थ एंव विशेषताएँ | Meaning and Characteristics of Environment in Hindi

पर्यावरण से क्या आशय है ? इसकी प्रमुख विशेषताएँ बताइये । What is meant by Environment? Explain for main Characteristics) 

पर्यावरण का अर्थ (Meaning of Environment)

साधारण शब्दों में पर्यावरण से आशय कार्य स्थल की निकटवर्ती दशाओं से है। आस-पास का वातावरण एवं परिवेश ही पर्यावरण कहलाता हैं-

आर० एफ० डॉवन मायर के अनुसार, ” पर्यावरण से आशय निकटवर्ती दशाओं से है।”

वेबस्टर शब्दकोश के अनुसार, “पर्यावरण से आशय उन घेरे रहने वाली समस्त परिस्थितियों, प्रभावों एवं शक्तियों से है, जो जीवित प्राणियों एवं पौधों के समूहों के विकास को प्रभावित करती है।”

पर्यावरण की विशेषताएँ (Characteristics of Environment)

पर्यावरण की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-

(1) जटिलता- पर्यावरण में जटिलता पायी जाती है, क्योंकि यह घटकों के मिश्रण से बनता है। इस कारण इसके प्रभावों का स्वतन्त्र रूप से अध्ययन करना कठिन है।

(2) वाष्पशीलता- समकालीन संगठनों में पर्यावरण तीव्रता से परिवर्तित हो रहा है, जैसे-ग्राहकों की प्राथमिकताओं में तेजी से परिवर्तन, अर्थव्यवस्था में हो रहे परिवर्तन, अस्थिर सरकारें तेजी से बदलती हुई तकनीकी आदि।

(3) अन्तर्सम्बद्धता – बाहरी पर्यावरण के विभिन्न घटकों में अन्तर्सम्बद्धता होती हैं, अर्थात् एक घटक में परिवर्तन आने से दूसरे घटक में भी परिवर्तन आ जाता है, जैसे-बिजली की दरों में वृद्धि होने से औद्योगिक उत्पादन की लागत बढ़ जाती है। आर्थिक पर्यावरण सामाजिक, राजनीतिक तथा तकनीकी पर्यावरण को प्रभावित करता है जो कि अन्ततः आर्थिक पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

(4) निर्भरता – निर्भरता से आशय है कि किस सीमा तक एक संगठन पर्यावरण पर निर्भर है। निर्भरता की मात्रा इस तथ्य पर निर्भर करती है कि संगठन को आवश्यक संसाधनों के बाहरी घटकों पर किस सीमा तक निर्भर रहता पड़ता है।

(5) अनिश्चितता – अनिश्चितता पर्यावरण को प्रभावित करने वाली सूचनाओं की उपलब्धता पर निर्भर करती है। यदि पर्यावरण के सम्बन्ध में अपर्याप्त सूचनाएँ उपलब्ध हैं तो इसमें अनिश्चितता बनी रहेगी।

(6) गतिशीलता- पर्यावरण में गतिशीलता पायी जाती है, क्योंकि इसकी रचना विभिन्न घटकों के मिश्रण से होती है। इन घटकों में से किसी-न-किसी में परिवर्तन होता रहता है, फलस्वरूप पर्यावरण गतिशील रहता है ।

(7) दीर्घकालीन प्रभाव- पर्यावरण में होने वाले परिवर्तन का दीर्घकालीन प्रभाव पड़ता है। इसका कारण यह है कि पर्यावरण में परिवर्तन संस्था की लाभदेयता, उत्पादकता एवं विकास को प्रभावित करते हैं।

(8) पर्यावरण स्वयं प्रभावित होता है- पर्यावरण जहाँ एक ओर दूसरों को प्रभावित करता है, वहाँ दूसरी ओर स्वयं दूसरों से प्रभावित भी होता है, जैसे- कोई एकाकी संगठन पर्यावरण को प्रभावित करने की स्थिति में न हो, परन्तु जब कई संगठन आपस में मिलकर पर्यावरण को प्रभावित करते हैं तो पर्यावरण स्वयं भी अप्रभावित होता है।

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Anjali Yadav

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