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समाचार पत्रों की प्रस्तुति प्रक्रिया | Newspaper Presentation Process in Hindi

समाचार पत्रों की प्रस्तुति प्रक्रिया | Newspaper Presentation Process in Hindi
समाचार पत्रों की प्रस्तुति प्रक्रिया | Newspaper Presentation Process in Hindi

समाचार पत्रों की प्रस्तुति प्रक्रिया का वर्णन कीजिए ।

समाचार पत्रों की प्रस्तुति प्रक्रिया

समाचार पत्र की डूमी बनने के बाद संपादक कार्य का वितरण कर देता है और उपसंपादक कार्य आरम्भ कर देते हैं। उनके पास जितने भी समाचार आते हैं वे उनमें से प्रत्येक का परीक्षण करते हैं, उनमें से अधिकांश पर छापने से पहले बहुत बारीकी से सोच-विचार करना होता है। उपसंपादक किसी भी बात पर यों ही विश्वास नहीं कर लेता। उसके पास नाम, तथ्य, तारीखें होनी चाहिए। वह काफी देखता है और उसके तथ्य को समझ लेता है। वह इसकी जाँच करता है कि क्या संवाददाता ने पर्याप्त ‘लीड’ दी है और कथा संवाद का मसौदा ठीक ढंग से तैयार किया गया है। उसे यह देखना होता है कि क्या समाचार का विकास अच्छी तरह से किया गया है और ब्यौरे महत्व के घटते हुए क्रम में दिये गये हैं। इसके महत्वपूर्ण होने का एक कारण और भी हैं जब मेकअपमैन यह देखता है कि समाचार में दस पंक्तियाँ अधिक हैं या एक छोटा पैराग्राफ बहुत लम्बा है तो कालम पूरा करने के लिए वह उसे काट देता है। उपसंपादक ऐसे समाचारों के विषय में स्वयं सचेत रहता है। वह उनके अन्तिम पैराग्राफों में यह सुनिश्चित कर देता है. कि समाचार का सर्वाधिक कम महत्वपूर्ण अंश रहे, ताकि उन्हें यदि निकाल भी दिया जाय तो समाचार को हानि न पहुंचे।

मुद्रण के लिए कापी तैयार करते समय उपसंपादक को बहुत स्पष्ट रहना होता है। उसके पास मुद्रणालय के लिए कुछ निश्चित संकेत होते हैं। उनमें मुद्रणालय के लिए निर्देश होते हैं जो सुविधाजनक होते हैं। उनका स्वरूप कोड चिन्हों में होता है, जिनकी सहायता से मुद्रक अपना काम सहज ढंग से कर सकता है।

समाचार पत्र की मुख्य पंक्ति लिखना भी एक महत्वपूर्ण कला है। यह शीर्षकीकरण का परीक्षा बिन्दु है। समाचार की मुख्य पंक्ति के विषय में अनेक सिद्धान्त हैं। इस सम्बन्ध में एक विचारधारा यह है कि उसे समाचार नहीं देना चाहिए वरन् समाचार का संकेत देना चाहिए। दूसरी विचारधारा यह है कि समाचार की अच्छी मुख्य पंक्ति वह होती है जो कुछ ही शब्दों में पूरी बात कह दे। समाचार की मुख्य पंक्ति का प्रयोजन भी वही है जो सूत्रपात वाक्य का होता है, परन्तु यह सूत्रपात से कहीं अधिक महत्वपूर्ण बात होती है। समाचार की मुख्य पंक्ति आकर्षक और कौतूहल पैदा करने वाली होनी चाहिए।

समाचार के महत्व के अनुसार उपसंपादक समाचार की मुख्य पंक्ति को दो या तीन या चार वाक्यों में लिख सकता है। कभी समाचार अपवाद रूप से महत्वपूर्ण होता हो तो वह उसे आठ कॉलम बैनर या स्ट्रीमर देने का निर्णय करता है। उसके सामने कालमों की चाहे सीमा बाधा नहीं हो परन्तु समाचार की मुख्य पंक्तियाँ कालमों के नियत स्थान में तो आनी चाहिए, वह उस सीमा बाधा को शब्द बढ़ाकर लाँघ नहीं सकता। अतः सीमित स्थान को देखते हुए वह मुख्य पंक्ति लिखता है, कभी-कभी वह पूरी बात के लिए भिन्न टाइप का चयन अवश्य कर सकता है। ऐसा करने में समाचार पत्र की दर्शनीयता में वृद्धि होती है। यह उसे आकर्षक बना देती है जो व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी आवश्यक होती है। समाचार की विभिन्न मुख्य पंक्तियाँ और टाइप तथा सजावॅट समाचार पत्र की ऊपरी दिखावट में आकर्षण पैदा करते हैं। टाइप के आकार को समाचार की मुख्य पंक्ति का स्वर कहा जाता है। अतः प्रत्येक समाचार पत्र मुख्य पंक्ति को प्रस्तुत करने की अपनी शैली विकसित करता है। टाइप जितना बड़ा होगा स्वर उतना ही ऊँचा होगा।

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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