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जीवन गाथा विधि
जीवन गाथा विधि के अन्तर्गत ऐतिहासिक महापुरुषों के जीवन में घटित घटनाओं के इतिहास का विवेचन किया जाता है, तथा एक शासक के उपरान्त जब दूसरा शासक आता है, तो उसके जीवन एव कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए इतिहास की शिक्षा दी जाती है। जीवन गाथा विधि के समर्थक विद्वानों का विचार है कि इतिहास शिक्षण में इस विधि का अत्यन्त महत्त्व है, क्योंकि विभिन्न ऐतिहासिक महापुरुष अपने युग, समाज एवं समय का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके प्रतिनिधित्व के परिणामस्वरूप समाज अथवा राष्ट्र में अनेक परिवर्तन आते हैं। लेकिन यह विधि केवल प्रारम्भिक स्तर पर ही उपयोगी है। इस स्तर पर इन महापुरुषों की जीवनियों को कहानियों के रूप में सुनाया जा सकता है। उच्च स्तर पर इतिहास का शिक्षण सामाजिक विकास की पद्धति के आधार पर ही किया जाना चाहिये।
जीवन गाथा विधि के गुण
1. इस विधि के द्वारा इतिहास के तथ्यों को रुचिकर एवं सजीव बनाया जा सकता है।
2. इस विधि द्वारा बालकों को प्रोत्साहित करने की समस्या का समाधान सम्भव है।
3. इस विधि द्वारा विद्यार्थियों में निर्णय शक्ति का विकास होता है।
4. बालक स्वभावतः व्यक्ति के कार्यों में रुचि लेते हैं, जिस कार्य में बालक की रुचि होती है, उस कार्य को वह अत्यन्त ही सहज एवं सफलता के साथ कर लेता है।
5. महापुरुषों के प्रति श्रद्धा की भावना का विकास होता है।
6. यह विधि अत्यन्त सरल विधि है।
7. जीवन गाथा विधि द्वारा बालकों को प्रेरणा प्राप्त होती है।
8. सामाजिक गुणों का विकास होता है।
9. जीवन गाथा विधि द्वारा विद्यार्थियों में देश-प्रेम की भावना का विकास किया जा सकता
10. छात्र अच्छा अथवा बुरा सत्य अथवा असत्य आदि में भेद करना जान जाते हैं।
11. यह विधि विद्यार्थियों में अनुचित कार्यों के प्रति घृणा की भावना का विकास करती है।
जीवन गाथा विधि के दोष
1. इस विधि द्वारा बालकों में सही एवं उचित समय ज्ञान को विकसित नहीं किया जा सकता है।
2. यह पद्धति समानता के सिद्धान्त की अवहेलना करती है, क्योंकि इसमें केवल महापुरुषों के जीवन एवं कार्यों का हो वर्णन किया जाता है।
3. इस विधि द्वारा सम्पूर्ण इतिहास को नहीं पढ़ाया जा सकता है।
4. इस विधि द्वारा विषय-वस्तु का प्रस्तुतीकरण उचित रूप से नहीं किया जा सकता है।
5. कोई भी महापुरुष अपने युग अथवा समय का पूर्णरूपेण प्रतिदिन करने में सफल नहीं हो पाते हैं।
6. जीवन गाथा विधि द्वारा इतिहास की सामग्री से सम्बन्ध एवं क्रमबद्धता स्थापित नहीं की जा सकती है।
7. यह पद्धति अप्रजातांत्रिक पद्धति है।
8. जीवन गाथा विधि से विश्व-आन्दोलनों के बारे में नहीं पढ़ाया जा सकता है।
एक उत्तम एवं अच्छी जीवनी के आवश्यक तत्त्व
एक उत्तम एवं अच्छी जीवनी में निम्नलिखित तत्त्वों का होना आवश्यक है-
1. जीवनी में महापुरुषों के सामाजिक उत्थान एवं प्रगति का वर्णन होना परम आवश्यक है।
2. एक उत्तम जीवनी में महापुरुषों के अतीत की घटनाओं की वास्तविक विवेचना होनी चाहिये।
3. लेखक की विचारधारा पक्षपात रहित होनी चाहिये, तथा उसको महापुरुष के व्यक्तित्व के समय अंगों का सम्पूर्ण एवं निष्पक्ष वर्णन करना चाहिये ।
4. एक अच्छी जीवनी का एक अन्य महत्त्वपूर्ण तत्त्व है-क्रियाशील व्यक्ति का वर्णन करना, जो छात्रों के मस्तिष्क पर स्थायी प्रभाव डाल सके। वे चरित्र से उत्तम होने चाहियें; जिसका कि छात्र अनुसरण कर सकें।
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