कला शिक्षण की मुख्य विधियाँ कौन-कौन सी हैं ?
शिक्षण का अर्थ
वास्तव में शिक्षक की कुशलता इसी बात में है कि वह छात्र की जन्मजात गुप्त शक्तियों को जामत कर प्रकाश में लाये तथा उनका विकास करे। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु शिक्षक को अनेक शिक्षण विधियों का सहारा लेना पड़ता है। छात्र की रुचि, क्षमता, सामर्थ्य एवं आवश्यकता को ध्यान में रखकर मनोवैज्ञानिक ढंग से कला जैसे विषय को पढ़ाने के लिए कौन-कौन-सी युक्तियाँ काम में लायें, यह जानना शिक्षक के लिए अति आवश्यक है।
“शिक्षण का प्रमुख लक्ष्य छात्र के सुषुप्त तथा गुप्त ज्ञान को अधिकाधिक प्रकाश में लाना है, अपेक्षाकृत इस बात के लिए कि उसके मस्तिष्क में अधिकाधिक ज्ञान उड़ेला जाय।” -फ्रॉबेल
कला के शिक्षण के लिए निम्नलिखित विधियाँ अधिकांशतः प्रयोग में लायी जाती हैं-
(6) कला, शिक्षा एवं बाल केन्द्रित उपागम ।
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