किन परिस्थितियों में एक बैंकर एक ग्राहक के चैक का भुगतान अस्वीकार कर सकता है? क्या चैक के धारक को किसी चैक का भुगतान (गलत ढंग से) न करने पर बैंकर के विरुद्ध कोई उपचार प्राप्त हैं?
Contents
बैंकर का दायित्व
(1) सामान्य रेखांकन की दशा में चैक का भुगतान- जब किसी चैक पर सामान्य रेखांकन किया गया हो, तो वह बैंकर जिस पर कि चैक आहरित किया गया हो, उसका भुगतान केवल किसी बैंक को ही करेगा अन्य किसी को नहीं। (धारा 126)
(2) विशेष रेखांकन की दशा में चैक का भुगतान- जब किसी चैक पर विशेष रेखांकन किया गया हो, तो यह बैंकर जिस पर कि चैक आहरित किया गया है, उसका भुगतान केवल उस विशेष बैंक को, जिसके पक्ष में वह रेखांकित किया गया है, अथवा उसके संग्रहकर्ता एजेण्ट को ही करेगा, अन्य किसी को नहीं। (धारा 126)
(3) एक से अधिक बार विशेष रेखांकित चैक का भुगतान- यदि कोई चैक एक अधिक बैंकरों के पक्ष में विशेष रेखांकित हो (संग्रह के लिए एजेण्ट के प्रति रेखांकन को छोड़कर) तो वह बैंक जिस पर वह आहरित (लिखा गया) हुआ है, उसका भुगतान करने से इन्कार कर देगा। (धारा 127)
(4) रेखांकित चैक का उचित प्रगति में भुगतान- जहाँ वह बैंकर जिस पर कि चैक आहरित किया गया है, उसका उचित प्रगति में भुगतान कर देता है, तो भुगतान करने वाले बैंकर को वही अधिकार तथा स्थिति प्राप्त होगी जो कि असली मालिक की भुगतान करने पर प्राप्त होती है। (धारा 128)
(5) उचित प्रगति के बाहर रेखांकित चैक का भुगतान- यदि आहार्थी (देनदार) बैंक सामान्य रेखांकित चैक का भुगतान किसी बैंक के अथवा उसके संग्रह के लिए एजेण्ट के अतिरिक्त किसी अन्य को कर देता है अथवा विशेष रेखांकित चैक का भुगतान रेखांकित बैंक अथवा उसके संग्रह के लिए एजेण्ट के अतिरिक्त किसी अन्य को कर देता है, तो वह चैक के वास्तविक स्वामी के प्रति ऐसे भुगतान से हुई क्षति के लिए उत्तरदायी होगा। (धारा 129)
किन-किन परिस्थितियों में बैंक अपने ग्राहक के चैक को आवश्यक रूप से भुगतान करने से इन्कार कर देता है?
निम्नलिखित परिस्थितियों में बैंक अपने ग्राहक के चैक को आवश्यक रूप से भुगतान करने से इन्कार कर देता है-
- ग्राहक द्वारा भुगतान के प्रतिकूल आदेश देने पर ।
- न्यायालय की निषेध-आज्ञा प्राप्त होने पर।
- ग्राहक के दिवालिया होने का समाचार प्राप्त होने पर।
- ग्राहक की मृत्यु का समाचार प्राप्त होने पर।
- ग्राहक के पागल हो जाने का समाचार प्राप्त होने पर।
- ग्राहक से खाता बन्द करने की सूचना प्राप्त होने पर।
- धारक को दूषित अधिकार होने का समाचार प्राप्त होने पर।
- ग्राहक द्वारा अपने खाते को किसी अन्य व्यक्ति के पक्ष में हस्तान्तरित होने का समाचार दिये जाने पर।
किन परिस्थितियों में बैंक ग्राहक के चैक का भुगतान करने से इन्कार अथवा मना कर सकता है?
- यदि चैक पर आगे की तिथि पड़ी हो,
- यदि चैक छ: महीने अथवा उससे अधिक पुराना हो ।
- यदि बैंक के पास ग्राहक के खातें में चैक का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन न हो ।
- यदि चैक उचित रूप से भुगतान के लिए प्रस्तुत न किया गया हो ।
- यदि चैक अनियमित, अस्पष्ट अथवा मूल रूप से परिवर्तित हो ।
- यदि चैक फटा हुआ हो।
- यदि चैक पर किये गये हस्ताक्षर नमूने के हस्ताक्षरों से भिन्न हों।
- यदि चैक पर लिखी हुई धनराशि के अंकों तथा शब्दों में अन्तर हो।
- यदि धन कई व्यक्तियों के संयुक्त खाते में जमा हो, किन्तु चैक पर उनमें किसी के हस्ताक्षर न हों।
- यदि चैक की वैधानिकता संकट में हो।
- यदि चैक टाइप से लिखा गया हो, अथवा
- यदि चैक रेखांकित हो, किन्तु वह किसी बैंक के द्वारा प्रस्तुत न किया गया हो।
IMPORTANT LINK
- दिवालिया का अर्थ एवं परिभाषा | दिवालियापन की परिस्थितियाँ | दिवाला-कार्यवाही | भारत में दिवालिया सम्बन्धी अधिनियम | दिवाला अधिनियमों के गुण एवं दोष
- साझेदार के दिवालिया होने का क्या आशय है?
- साझेदारी फर्म को विघटन से क्या आशय है? What is meant by dissolution of partnership firm?
- साझेदार की मृत्यु का क्या अर्थ है? मृतक साझेदार के उत्तराधिकारी को कुल देय रकम की गणना, भुगतान, लेखांकन तथा लेखांकन समस्याएँ
- मृतक साझेदार के उत्तराधिकारियों को देय राशि के सम्बन्ध में क्या वैधानिक व्यवस्था है?
- साझारी के प्रवेश के समय नया लाभ विभाजन ज्ञात करने की तकनीक
- किराया क्रय पद्धति के लाभ तथा हानियां
- लेखांकन क्या है? लेखांकन की मुख्य विशेषताएँ एवं उद्देश्य क्या है ?
- पुस्तपालन ‘या’ बहीखाता का अर्थ एवं परिभाषाएँ | पुस्तपालन की विशेषताएँ | पुस्तपालन (बहीखाता) एवं लेखांकन में अन्तर
- लेखांकन की प्रकृति एवं लेखांकन के क्षेत्र | लेखांकन कला है या विज्ञान या दोनों?
- लेखांकन सूचनाएं किन व्यक्तियों के लिए उपयोगी होती हैं?
- लेखांकन की विभिन्न शाखाएँ | different branches of accounting in Hindi
- लेखांकन सिद्धान्तों की सीमाएँ | Limitations of Accounting Principles
- लेखांकन समीकरण क्या है?
- लेखांकन सिद्धान्त का अर्थ एवं परिभाषा | लेखांकन सिद्धान्तों की विशेषताएँ
- लेखांकन सिद्धान्त क्या है? लेखांकन के आधारभूत सिद्धान्त
- लेखांकन के प्रकार | types of accounting in Hindi
- Contribution of Regional Rural Banks and Co-operative Banks in the Growth of Backward Areas
- problems of Regional Rural Banks | Suggestions for Improve RRBs
- Importance or Advantages of Bank
Disclaimer