क्षेत्र पर्यटन का महत्व बताइये तथा इसके समय शिक्षक के क्या दायित्व होते है? लिखिये।
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क्षेत्र पर्यटन का महत्व –
क्षेत्र पर्यटन के महत्व को निम्नलिखित ढंग से समझा जा सकता हैं-
- यह छात्रों के अनुभव में वृद्धि करता है। इस विधि में छात्र प्रत्यक्ष रूप से ज्ञानार्जन करते हैं।
- विभिन्न विषयों के कुछ प्रकरणों का ज्ञान भ्रमण पद्धति के माध्यम से दिया जाता है। प्रत्यक्ष ज्ञान पुस्तकीय ज्ञान की अपेक्षा अधिक स्थायी होता है।
- छात्रों में भ्रमण के प्रति सहज और स्वाभाविक रूचि बढ़ती है। यह विधि रोचक, बोधगम्य एवं स्वस्थ वातावरण प्रस्तुत करती है।
- सामाजिक समस्याओं की वास्तविकता को समझने में पर्यटन सहायक है।
- छात्र प्राकृतिक, सामाजिक एवं औद्योगिक स्थानों का भ्रमण करके मनोरंजन एवं आनन्द प्राप्त करते हैं।
- इससे छात्रों में सहयोग की भावना का विकास होता है।
- इससे छात्रों में ज्ञानात्मक एवं भावात्मक योग्यताओं का विकास होता है।
क्षेत्र पर्यटन के समय शिक्षक के दायित्व –
क्षेत्र पर्यटन के समय शिक्षक के प्रमुख दायित्व निम्नलिखित है।-
- शिक्षक को प्रत्येक छात्र की निगरानी रखनी चाहिए।
- शिक्षक के प्रयत्न करना चाहिए कि पहले से बनाए गए कार्यक्रम के अनुकूल ही भ्रमण कार्य आयोजित किया जाएँ।
- पर्यटन से अधिक से अधिक शिक्षणात्मक मूल्यों की प्राप्ति हो, विद्यार्थी अधिकाधिक वैज्ञानिक तैयारी एकत्रित करें, यह लक्ष्य होना चाहिए।
- शिक्षक मार्ग में नवीन बातों की जानकारी देता रहे और उनसे संबंधित प्रश्न पूछते रहना चाहिए। छात्रों को नवीन ज्ञान कॉपी में नोट करते रहना चाहिए।
- रास्ता तय करते हुए और निरीक्षण कार्य के अन्त में कुछ मनोरंजन की व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
- पर्यटन से लौटते समय शिक्षक को ध्यान देना चाहिए कि सभी छात्रों एवं विद्यालय का सामान सुरक्षित आ गया है या नहीं। पर्यटन के समय कॉपी में नोट की गयी सूचनाएँ एवं संग्रह की गयी वस्तुएँ सुरक्षित है या नहीं।
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