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पाठ्य-पुस्तक की साज-सज्जा की व्यवस्था कैसे की जानी चाहिए?
पुस्तक की साज-सज्जा :- पुस्तक की साज-सज्जा को दो भागों में व्यवस्थित किया जा सकता है-
1. बाहरी साज-सज्जा
- पुस्तक का कागज सुन्दर तथा पर्याप्त मोटाई वाला हों।
- पुस्तक की जिल्द सुदृढ़ होनी चाहिए।
- पुस्तक का आकार अधिक बड़ा नहीं होना चाहिए, आकार ऐसा हो कि विद्यार्थी इसे आसानी से ला व ले जा सकें।
- पुस्तक का मुखपृष्ठ, जिल्द आदि शुद्ध व आकर्षक होना चाहिए। सिलाई ऐसी हो कि पुस्तक आसानी से खोलकर सुविधापूर्वक पढ़ी जा सकें।
- पाठ्य-पुस्तक का मूल्य कम होना चाहिए, जिससे प्रत्येक बालक उसे प्राप्त कर सकें।
2. आन्तरिक साज-सज्जा –
- पुस्तक में आवश्यकतानुसार उदाहरणों, चित्रों, ग्राफों, मानचित्रों व रेखाचित्रों का प्रयोग किया होना चाहिए क्योंकि एक अच्छी व स्पष्ट तस्वीर हजारों शब्दों से कीमती होती है।
- पुस्तक के अन्त में परिशिष्ट व स्त्रोत पुस्तकों की सूची होनी चाहिए।
- पुस्तक के प्रकाशन सम्बन्धित सूचनाएँ; जैसे- प्रकाशक, प्रकाशन-तिथि आदि सूचनाओं को देना चाहिए।
- पुस्तक के प्रारम्भ में विषय-सूची, चित्र सूची, तालिका सूची तथा पुस्तक में (प्रयुक्त तकनीकी व संक्षिप्त शब्दों की सूची होनी चाहिए।
- पुस्तक की छपाई स्पष्ट, शीर्षक व उपशीर्षक आवश्यकतानुसार मोटे अक्षरों में टाईप होने चाहिए व अन्य शब्दों का आकार आसानी से पढ़ने योग्य होना चाहिए।
- टाइप-सामग्री को आवश्यकता से अधिक फैलाकर पुस्तक का आकार बड़ा नहीं किया हुआ हो, मार्जिन उचित व सामान्य होना चाहिए।
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