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सामग्री नियंत्रण से आप क्या समझते हैं? सामग्री नियंत्रण की आवश्यकता अथवा उद्देश्य बताइए।
सामग्री नियंत्रण से आशय- लागत-लेखाशास्त्रियों ने सामग्री को किसी भी वस्तु की उत्पादन लागत का प्रथम तत्त्व माना है। अतः किसी भी उत्पादन संस्थान की कार्य कुशलता का प्रारम्भिक चरण सामग्री नियंत्रण ही होता है। बड़े-बड़े औद्योगिक उपक्रमों में सामग्री प्रबन्ध के लिए स्टोर्स विभाग बनाया जाता है, जिसमें फैक्ट्री में उपयोग होने वाली विभिन्न प्रकार की सामग्रियों को भण्डार में रखा जाता है। जैसे सामग्री क्रय करना, उसका संग्रहण एवं लेखा करना, विभिन्न विभागों की आवश्यकतानुसार सामग्री निर्गमित करना और निर्गमित सामग्री का मूल्यांकन करने का कार्य स्टोर्स विभाग ही करता है। स्टार्स विभाग का प्रबन्ध वैज्ञानिक आधार पर किया जाना चाहिए अर्थात् स्टोर्स विभाग के सभी कर्मचारियों का कार्य सुचारू रूप से बँटा होना चाहिए। सामग्री विभाग, उत्पादन विभाग और सड़क व रलव साइडिंग के निकट होना चाहिए जिससे ढुलाई व्यय कम से कम पड़े।
सामग्री नियंत्रण से आशय एक ऐसी प्रक्रिया में है जिसके अन्तर्गत उत्पादन विभाग की आवश्यकतानुसार सामग्री की माँग का अनुमान लगाने क्रय करने, संग्रह करने, निर्गमन करने और प्रयोग में लाने से सम्बन्धित विभिन्न क्रियाओं में एसा तारतम्य बैठाया जाता है जिससे सामग्री का क्षय कम हो, उत्पादन कार्य निर्बाध गति से सम्पन्न होता रहे और सामग्री के स्कन्ध में अत्यधिक विनियोग ‘मी न हो। सामग्री नियंत्रण को स्टोर्स नियंत्रण अथवा स्कन्ध नियंत्रण भी कहा जाता है।
सामग्री नियंत्रण की आवश्यकता अथवा उद्देश्य अथवा महत्त्वपूर्ण भूमिका
सामग्री नियंत्रण की आवश्यकता अथवा इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नांकित विवेचन भली-भाँति स्पष्ट हो जायेंगे-
1. उत्पादन विभाग को सामग्री की नियमित पूर्ति करना – सामग्री नियंत्रण के अन्तर्गत उत्पादन विभाग की आवश्यकतानुसार सामग्री की नियमित पूर्ति की व्यवस्था की जाती है जिससे उत्पादन कार्य निर्वाध गति से सम्पन्न होता रहता है।
2. सामग्री के क्षय तथा बरबादी को रोकना- सामग्री के क्षय तथा बरबादी को रोकने के लिए आवश्यक है कि सामग्री का उचित प्रकार से प्रबन्ध किया जाय जो कि सामग्री नियंत्रण व्यवस्था में ही सम्भव है।
3. सामग्री का गबन तथा चोरी को रोकना- सामग्री नियन्त्रण व्यवस्था का प्रमुख उद्देश्य गबन तथा चारी को रोकना है।
4. सामग्री की लागतों पर नियंत्रण रखना- सामग्री नियंत्रण का प्रमुख उद्देश्य सामग्री में हुए विनियोगों पर ब्याज, भण्डारण, बीमा आदि के व्ययों पर समुचित नियंत्रण रखना है।
5. कार्यशील पूँजी का समुचित उपयोग करना- सामग्री नियंत्रण व्यवस्था अपनाने से कार्यशील पूँजी का समुचित उपयोग सम्भव होता है, क्योंकि इस व्यवस्था के अन्तर्गत उत्पादन विभाग की आवश्यकता के अनुरूप ही सामग्री के भण्डारण की व्यवस्था की जाती है अर्थात् न तो आवश्यकता से कम और न ही आवश्यकता से अधिक सामग्री भण्डार में रखी जाती है।
6. लागत लेखांकन को प्रभावी बनाना- सामग्री पर उचित नियंत्रण रखकर ही लागत लेखांकन को प्रभावी बनाया जा सकता है क्योंकि सामग्री की लागत उत्पादन लागत का महत्त्वपूर्ण भाग होती है।
7. व्यवसाय की सफलता के लिए – व्यवसाय की सफलता के लिए भी सामग्री का प्रभावी नियंत्रण आवश्यक है क्योंकि यदि सामग्री पर उचित नियंत्रण न रखा जाय तो हो सकता है कि उत्पादन विभाग को आवश्यकतानुसार समय पर सामग्री की प्राप्ति न हो सके अथवा सामग्री का अत्यधिक भण्डारण होने से क्षय तथा बरबादी अधिक हो।
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