आधुनिक दृष्टिकोण के अनुसार राजनीति विज्ञान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
आधुनिक दृष्टिकोण के अनुसार राजनीति विज्ञान की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
वैज्ञानिकता पर बल- राजनीतिक वैज्ञानिक आज इस अध्ययन को अधिकाधिक वैज्ञानिक बनाना चाहते है। वे इस अध्ययन में नवीन तकनीकों का प्रयोग करना चाहते हैं। इस प्रकार राजनीति शास्त्र राजनीतिक घटनाओं तथा तथ्यों को वैज्ञानिकता की कसौटी पर परखते हुये विश्लेषण करता हैं।
यथार्थवादी अध्ययन- आधुनिक राजनीति विज्ञान यथार्थवादी और तथ्यपरक अध्ययन पर बल देते है। आज व्यक्तियों के राजनीतिक व्यवहार पर विशेष बल दिया जाता है। लॉर्ड ब्राईस ने 1924 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘मॉर्डन डेमोक्रेसीज’ में इस सन्दर्भ में लिखा है कि “सबसे अधिक आवश्यक है “तथ्य-तथ्य”। अब राजनीति विज्ञान के विद्वानों ने इस बात की खोज प्रारम्भ कर दी कि संविधान का स्वरूप चाहे जो भी हो समाज में शक्ति के वास्तविक स्रोत और केन्द्र कहाँ स्थित हैं शासक वर्ग अपनी शक्तियों का प्रयोग किस रूप में कर रहा है और शासित वर्ग का राजनीतिक व्यवहार कैसा है। इसके अतिरिक्त राजनीतिक दल, दबाब समूह एवं मतदान व्यवहार आदि का अध्ययन व्यापक रूप से किया जाता है।
नवीन राजनीतिक शब्दावली का प्रयोग- आधुनिक राजनीति वैज्ञानिक नयी शब्दावली तथा नयी अवधारणाओं का प्रयोग करने लगे हैं। अब राजनीति विज्ञान का अध्ययन राजनीतिक विकास, राजनीतिक आधुनिकीकरण, राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक समाजीकरण जैसी नयी अवधारणाओं के परिप्रेक्ष्य में किया जाने लगा है। इन अवधारणाओं के स्पष्ट और निश्चित अर्थ होते हैं।
मूल्य मुक्त अध्ययन- आधुनिक राजनीति विज्ञान मूल्य मुक्त अध्ययन पर जोर देता है। राजनीति विश्लेषण में यह मानवीय मूल्यों जैसे नैतिकता, न्याय, स्वतंत्रता आदि को कोई स्थान नही देता। यह उन्हीं घटनाओं और तथ्यों को अपने अध्ययन का क्षेत्र बनाता है जिन्हें या तो देखा गया है या भविष्य में देखा जा सकता है।
शोध तथा सिद्धान्त का सम्बन्ध- आधुनिक राजनीति वैज्ञानिकों ने इस सिद्धान्त की प्रक्रियाओं को शोधोन्मुखी माना है। इनके अनुसार शोध तथा सिद्धान्त में घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। ये निरन्तर सिद्धान्त निर्माण के कार्य में व्यस्त रहते हैं। राजनीतिक तथ्यों तथा विभिन्न घटनाओं के सम्बन्ध में शोध कार्य करते रहते हैं।
अन्तः-अनुशासनात्मक अध्ययनों पर बलः- आधुनिक राजनीति विज्ञान की प्रवृति अन्त:- अनुशासनात्मक अध्ययनों पर जोर देने की है। आधुनिक विद्वानों ने समाज-विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, आदि विषयों से बहुत कुछ लिया है। इसका परिणाम यह हुआ कि राजनीति विज्ञान में ऐसा बहुत कुछ आ चुका है जिससे यह राजनीति समाजशास्त्र और राजनीतिक मनोविज्ञान जैसा प्रतीत होता है।
संक्षेप में आधुनिक राजनीति विज्ञान ने राजनीति विज्ञान को संस्थाओं के अध्ययन से बाहर निकाल कर व्यक्ति और उसके व्यवहार के अध्ययन तक पहुचाया है और साथ ही उन तकनीकों का प्रयोग भी किया है जिनका प्रयोग अब तक राजनीति विज्ञान में किया जाना संभव नही माना जाता था।
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