उपचारात्मक व सामान्य शिक्षण में क्या अन्तर है ?
उपचारात्मक व सामान्य शिक्षण में अन्तर – उपचारात्मक शिक्षण में बालक की कमजोरी दूर करने के लिए शिक्षण होता है, जबकि सामान्य शिक्षण पाठ्यक्रम में निर्धारित सम्पूर्ण ज्ञान का शिक्षण होता है।
क्र.सं. | सामान्य शिक्षण | उपचारात्मक शिक्षण |
1. | पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तक आधारित सम्पूर्ण ज्ञान देने के लिए यह शिक्षण कराया जाता है। | इसमें विषय के एक पक्ष जिसमें कमजोरी है, उसका शिक्षण कराया जाता है। |
2. | सम्पूर्ण वर्ष पर्यन्त शिक्षण | कुछ समय हेतु अल्पावधि का शिक्षण |
3. | परीक्षा मापन व परिणाम की व्यवस्था | बार-बार निदानात्मक परीक्षण |
4. | नवीन विषय, नवीन भाषा तत्वों का शिक्षण | पूर्व पठित विषय के कमजोर प्रकरण का पुन: शिक्षण |
5. | शिक्षण में पाठ्यपुस्तक मूल आधार होती है। | शिक्षण में अभ्यास का मूल आधार । |
6. | सम्पूर्ण कक्षा में एक साथ सामूहिक शिक्षण | वैयक्तिक, आवश्यकता होने पर सामूहिक शिक्षण |
7. | बालक को नवीन ज्ञान देना मुख्य लक्षण होता है। | विषयगत कमजोर पक्ष में कमजोरी दूर करना। |
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