हिन्दी साहित्य

निर्मल वर्मा का यात्रा वृत्त : “चीड़ों पर चाँदनी”

निर्मल वर्मा का यात्रा वृत्त : "चीड़ों पर चाँदनी"
निर्मल वर्मा का यात्रा वृत्त : “चीड़ों पर चाँदनी”
निर्मल वर्मा का यात्रा वृत्त : “चीड़ों पर चाँदनी” का सारांश लिखिए।

यात्रा वृत्त : चीड़ों पर चाँदनी- निर्मल वर्मा द्वारा लिखित ‘चीड़ों पर चाँदनी’ एक यात्रा संस्मरण है जो कि उनके सन् 1959 में प्रकाशित संग्रह ‘चीड़ों पर चाँदनी’ का नवाँ संस्मरण है। ‘चीड़ों पर चाँदनी’ संग्रह को लेखक ने तीन उपशीर्षकों में विभाजित किया है। प्रथम ‘उत्तरी रोशनियों की ओर’, द्वितीय ‘चीड़ों पर चाँदनी’ तथा तृतीय ‘देहरी के बाहर’। द्वितीय, उपशीर्षक- ‘चीड़ों पर चाँदनी’ में पाँच यात्रा संस्मरण हैं- लिदीत्सेः एक संस्मरण, बर्तरम्का एक शाम, पेरिसः एक स्टिल लाइफ, वियना और चीड़ों पर चाँदनी। इनमें से चार यूरोपीय परिवेश से जुड़े यात्रा वृत्त हैं और अन्तिम ‘चीड़ों पर चाँदनी’ भारत से।

निर्मल वर्मा ने ‘चीड़ों पर चाँदनी’ यात्रा संस्मरण में पहाड़ी प्रदेशों के प्रमुख वृक्ष ‘चीड़ को पहाड़ का प्रतीक मानकर, भारतीय पहाड़ी प्रदेशों की प्राकृतिक सुषमा को अभिव्यक्त किया है जो अपनी रमणीयता, रहस्य और भय से व्यक्ति को आह्लादित, विस्मित और भयभीत करती है। ‘पहाड़ों पर चाँदनी यह अद्भुत माया जाल मैंने पहली बार देखा था और एक अलौकिक विस्मय से मेरी आँखें अनायास मुँद गई थीं। उस रात मुझे लगा था कि पहाड़ों में भी साँप की आँख जैसा एक अविस्मृत, जादुई सम्मोहन होता है- एक भुतैला-सा सौन्दर्य जो एक साथ हमें आतंकित और आकर्षित करता है, जिसके मोह-पाश में बँधना उतना ही यातनामय है, जितना उससे मुक्त होना।

निर्मल जी का जन्म पहाड़ों पर हुआ था जिसके कारण पहाड़ों से उन्हें विशेष लगाव था। इन पहाड़ों पर निर्मल जी की आत्मा बसती है। पहाड़ों बदलते रंग, हवा का पागलपन, चीड़ों की कतार, झील की तरलता और बादलों की अठखेलियाँ निर्मल को भाती हैं। जब वह भाव चित्र बनाने लगते हैं तो उनके सामने जहाँ स्कूल जाने वाली शार्टकट पगडंडी, खूबानी का पेड़, डाकखाने के नीचे का बम्बा जैसी वस्तुएँ उभरती हैं वहीं देवदार के मोटे-मोटे गालों-सी चिपकी बर्फ, सान्ता क्लाज के सन-से सफेद बाल, पाउडर-पफ सा बादल, पैने चाकू सी हवा, रेखाओं सी ऊपर-नीचे उतरती पगडंडियाँ, ताश के पत्ते सी सलेटी छतें, नीले वृक्ष पिरामिड, पहाड़ियों पर रेंगती धूप, झील के हँसते-सोये चेहरे उभर आते हैं। तात्पर्य यह है कि निर्मल जी का मन पहाड़ से एकाकार हो जाता है।

निर्मल जी ने बड़ी बारीकी से टॉमस मान के ‘मैजिक माउन्टेन में स्विट्जरलैण्ड की बर्फीली पहाड़ी चोटियों से अधिक सौन्दर्य भारतीय पहाड़ियों में अनुभव किया है। ‘स्विट्जरलैण्ड’ की पहाड़ी चोटियाँ शिमले से अलग हैं- वहाँ कभी नहीं गए, उन्हें कभी नहीं देखा, किन्तु जिस ‘मैजिक-माउण्टेन’ की बर्फीली गुफाओं में खोकर हैस-कैस्ट्रप ने विराट् सत्य की उपलब्धि की थी, उसकी क्षणिक, उड़ती हुई अनुभूति कितनी बार बचपन में हुई हैं, क्या उसका लेखा-जोखा करना आज सम्भव है ?” अर्थात् स्विट्जरलैण्ड की बर्फीली पहाड़ियों का आनन्द भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में सर्वत्र दिखाई पड़ता है।

वर्मा जी ने प्रस्तुत यात्रावृत्त में शिमला, गुलमर्ग, खिलनमर्ग, नैनीताल की वादियों नौकुछिया, भीमताल, नारकण्डा, रानीखेत आदि के प्रवास के समय की स्मृतियों को संजोया है। पहाड़ों की रात्रि, बिखरी हुई चाँदनी, बादलों की गहमा-गहमी, झीलों की निर्मलता, हवाओं की गुनगुनाहट एवं सरसराहट, पहाड़ों की रहस्यात्मकता उन्हें आकर्षित करती रही है। निर्मल जी प्रकृति से तादात्म्य करते हुये अनेक बिम्ब प्रस्तुत करते हैं, प्रकृति का मानवीकरण करते हैं “झील के कितने चेहरे हैं- या चेहरा एक ही है, केवल भंगिमाएँ बदलती हैं। धूप ने जाल डाला है, चमकीली मुलायम मछलियों-सी लहरें जाल के तन्तुओं से खेलती हैं, फँसती हैं और फिसल जाती हैं। “

निर्मल वर्मा प्रकृति की इन भंगिमाओं को आत्मसात करते हैं। निर्मल जी पहाड़ों की इस रात को मनुष्य के अन्दर छिपे अन्धकार एवं निराशा तथा आशा के छन्द के समान्तर खड़ा करते हैं और मनुष्य एवं प्रकृति में तादात्म्य स्थापित करते हैं। अंततः शान्त भाव में उसकी परिणति होती है। कुल मिलाकर प्रस्तुत यात्रावृत्त में निर्मल जी पहाड़ों पर बिखरी चाँदनी को आधार बनाकर पहाड़ों के सौन्दर्य और कठिनाइयों को अंगीकार करते हैं। इस प्रकार चीड़ों पर चाँदनी’ दुर्गम परिस्थितियों में सौन्दर्य की अनुपम अभिव्यक्ति है।

IMPORTANT LINK

Disclaimer

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment