भूगोल शिक्षण में मूल्यांकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
शिक्षण प्रक्रिया में मूल्यांकन का एक विशिष्ट स्थान हैं। परम्परागत परीक्षा के रूप में आरम्भ में ही शिक्षण प्रक्रिया पर एकाधिकार बना रहा हैं, विद्यार्थियों की सफलता शिक्षकों के शिक्षण स्तर तथा अभिभावकों एवं जनसाधरण को विद्यार्थियों की प्रगति का एकमात्र मापदण्ड परीक्षा ही रही हैं, मूल्यांकन अब शिक्षण प्रक्रिया का अभिन्न अंग बनकर अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान बन गया हैं।
मूल्यांकन का अर्थ- मूल्यांकन वह पद्धति हैं, जिसके द्वारा पूर्व निर्धारित उद्देश्यों, तथा लक्ष्यों की प्राप्ति की मात्रा का निर्धारण करते हैं। मूल्यांकन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा शिक्षण के मूल्यों तथा निर्दिष्ट उद्देश्यों के मध्य तुलना की जाती हैं। मूल्यांकन यह पद्धति हैं। जिसके द्वारा अर्जित मूल्यों की जाँच पूर्व निर्धारित उद्देश्यों के प्रकाश में आती हैं।
मूल्यांकन की परिभाषाएं-
क्विलिन व हन्ना- “छात्रों के व्यवहार में विद्यालय द्वारा लाये गये परिवर्तनों के विषय में प्रमाणों के संकलन और उनकी व्याख्या करने की प्रक्रिया ही मूल्यांकन है।”
ब्रेकफील्ड तथा मारडाक- “मूल्यांकन किसी सामाजिक साँस्कृतिक अथवा वैज्ञानिक मापदण्ड के सन्दर्भ में किसी घटना के प्रतीक को आवंटित करना हैं, जिससे उस घटना का महत्व अथवा मूल्य ज्ञात किया जा सकें।”
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